Site icon Bhakti Bharat Ki

श्री हनुमान चालीसा

Hanuman Chalisa with Lyrics | Jai Hanuman Gyan Gun Sagar | हनुमान चालीसा पाठ लिखित

Credit the Video: Shemaroo Bhakti YouTube Channel

श्री हनुमान चालीसा हिंदी में : श्री हनुमान चालीसा की पूजा मंगलवार और शनिवार को की जाती है। श्री हनुमान चालीसा और नाम का जाप करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। श्री हनुमान चालीसा का पाठ करने से क्या लाभ होता है :

इसे भी पढ़े : समस्त कष्टों से मुक्ति के लिए ॐ कृष्णाय वासुदेवाय मंत्र

हनुमान चालीसा का पाठ कैसे करें

प्रात:काल स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनकर पूजा कक्ष में हनुमान जी की मूर्ति स्थापित करें। फिर कुश आसन पर बैठ जाएं। अगर कुश सीट नहीं है तो आप किसी और आसन पर बैठ सकते हैं। इसके बाद सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करें। इसके बाद भगवान राम और माता सीता का ध्यान करें। उसके बाद संकटमोचन को प्रणाम करके हनुमान चालीसा का पाठ करें।

Read About: Sunderkand Path

श्री हनुमान चालीसा

॥ दोहा ॥

श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि ।
बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि ॥

बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार ।
बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार ॥

यह भी देखें: Om Krishnaya Vasudevaya Haraye Paramatmane

॥ चौपाई ॥

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर ।
जय कपीस तिहुं लोक उजागर ॥ १ ॥

रामदूत अतुलित बल धामा ।
अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा ॥ २ ॥

महाबीर बिक्रम बजरंगी ।
कुमति निवार सुमति के संगी ॥ ३ ॥

कंचन बरन बिराज सुबेसा ।
कानन कुंडल कुंचित केसा ॥ ४ ॥

हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै ।
कांधे मूंज जनेऊ साजै ॥ ५ ॥

संकर सुवन केसरीनंदन ।
तेज प्रताप महा जग बन्दन ॥ ६ ॥

विद्यावान गुनी अति चातुर ।
राम काज करिबे को आतुर ॥ ७ ॥

प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया ।
राम लखन सीता मन बसिया ॥ ८ ॥

सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा ।
बिकट रूप धरि लंक जरावा ॥ ९ ॥

भीम रूप धरि असुर संहारे ।
रामचंद्र के काज संवारे ॥ १० ॥

लाय सजीवन लखन जियाये ।
श्रीरघुबीर हरषि उर लाये ॥ ११ ॥

रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई ।
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई ॥ १२ ॥

सहस बदन तुम्हरो जस गावैं ।
अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं ॥ १३ ॥

सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा ।
नारद सारद सहित अहीसा ॥ १४ ॥

जम कुबेर दिगपाल जहां ते ।
कबि कोबिद कहि सके कहां ते ॥ १५ ॥

तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा ।
राम मिलाय राज पद दीन्हा ॥ १६ ॥

तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना ।
लंकेस्वर भए सब जग जाना ॥ १७ ॥

जुग सहस्र जोजन पर भानू ।
लील्यो ताहि मधुर फल जानू ॥ १८ ॥

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं ।
जलधि लांघि गये अचरज नाहीं ॥ १९ ॥

दुर्गम काज जगत के जेते ।
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते ॥ २० ॥

राम दुआरे तुम रखवारे ।
होत न आज्ञा बिनु पैसारे ॥ २१ ॥

सब सुख लहै तुम्हारी सरना ।
तुम रक्षक काहू को डर ना ॥ २२ ॥

आपन तेज सम्हारो आपै ।
तीनों लोक हांक तें कांपै ॥ २३ ॥

भूत पिसाच निकट नहिं आवै ।
महाबीर जब नाम सुनावै ॥ २४ ॥

नासै रोग हरै सब पीरा ।
जपत निरंतर हनुमत बीरा ॥ २५ ॥

संकट तें हनुमान छुड़ावै ।
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै ॥ २६ ॥

सब पर राम तपस्वी राजा ।
तिन के काज सकल तुम साजा ॥ २७ ॥

और मनोरथ जो कोई लावै ।
सोइ अमित जीवन फल पावै ॥ २८ ॥

चारों जुग परताप तुम्हारा ।
है परसिद्ध जगत उजियारा ॥ २९ ॥

साधु-संत के तुम रखवारे ।
असुर निकंदन राम दुलारे ॥ ३० ॥

अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता ।
अस बर दीन जानकी माता ॥ ३१ ॥

राम रसायन तुम्हरे पासा ।
सदा रहो रघुपति के दासा॥ ३२ ॥

तुम्हरे भजन राम को पावै ।
जनम-जनम के दुख बिसरावै ॥ ३३ ॥

अन्तकाल रघुबर पुर जाई ।
जहां जन्म हरि-भक्त कहाई ॥ ३४ ॥

और देवता चित्त न धरई ।
हनुमत सेइ सर्ब सुख करई ॥ ३५ ॥

संकट कटै मिटै सब पीरा ।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा ॥ ३६ ॥

जै जै जै हनुमान गोसाईं ।
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं ॥ ३७ ॥

जो सत बार पाठ कर कोई ।
छूटहि बंदि महा सुख होई ॥ ३८ ॥

जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा ।
होय सिद्धि साखी गौरीसा ॥ ३९ ॥

तुलसीदास सदा हरि चेरा ।
कीजै नाथ हृदय मंह डेरा ॥ ४० ॥

इसे भी पढ़े : ओम का अर्थ, उत्पत्ति, महत्व, उच्चारण, जप करने का तरीका और चमत्कार

॥ दोहा ॥

पवन तनय संकट हरन मंगल मूरति रूप ।
राम लखन सीता सहित हृदय बसहु सुर भूप ॥

इसे भी पढ़े : भजगोविन्दं भजगोविन्दं गोविन्दं भज मूढमते

Disclaimer : Bhakti Bharat Ki / भक्ति भारत की (https://bhaktibharatki.com/) किसी की आस्था को ठेस पहुंचना नहीं चाहता। ऊपर पोस्ट में दिए गए उपाय, रचना और जानकारी को भिन्न – भिन्न लोगों की मान्यता और जानकारियों के अनुसार, और इंटरनेट पर मौजूदा जानकारियों को ध्यान पूर्वक पढ़कर, और शोधन कर लिखा गया है। यहां यह बताना जरूरी है कि (https://bhaktibharatki.com/) किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पूर्ण रूप से पुष्टि नहीं करता। श्री हनुमान चालीसा मंत्र के उच्चारण, किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ, ज्योतिष अथवा पंड़ित की सलाह अवश्य लें। श्री हनुमान चालीसा मंत्र का उच्चारण करना या ना करना आपके विवेक पर निर्भर करता है।

हमारे बारें में : आपको Bhakti Bharat Ki पर हार्दिक अभिनन्दन। दोस्तों नमस्कार, यहाँ पर आपको हर दिन भक्ति का वीडियो और लेख मिलेगी, जो आपके जीवन में अदुतीय बदलाव लाएगी। आप इस चैनल के माध्यम से ईश्वर के उपासना करना (जैसे कि पूजा, प्रार्थना, भजन), भगवान के प्रति भक्ति करना (जैसे कि ध्यान), गुरु के चरणों में शरण लेना (जैसे कि शरणागति), अच्छे काम करना, दूसरों की मदद करना, और अपने स्वभाव को सुधारकर, आत्मा को ऊंचाईयों तक पहुंचाना ए सब सिख सकते हैं। भक्ति भारत की एक आध्यात्मिक वेबसाइट, जिसको देखकर आप अपने मन को शुद्ध करके, अध्यात्मिक उन्नति के साथ, जीवन में शांति, समृद्धि, और संतुष्टि की भावना को प्राप्त कर सकते। आप इन सभी लेख से ईश्वर की दिव्य अनुभूति पा सकते हैं। तो बने रहिये हमारे साथ:

बैकलिंक : यदि आप ब्लॉगर हैं, अपनी वेबसाइट के लिए डू-फॉलों लिंक की तलाश में हैं, तो एक बार संपर्क जरूर करें। हमारा वाट्सएप नंबर हैं 9438098189.

विनम्र निवेदन : यदि कोई त्रुटि हो तो आप हमें यहाँ क्लिक करके E-mail (ई मेल) के माध्यम से भी सम्पर्क कर सकते हैं। धन्यवाद।

सोशल मीडिया : यदि आप भक्ति विषयों के बारे में प्रतिदिन कुछ ना कुछ जानना चाहते हैं, तो आपको Bhakti Bharat Ki संस्था के विभिन्न सोशल मीडिया खातों से जुड़ना चाहिए। इस ज्ञानवर्धक वेबसाइट को अपनें मित्रों के साथ अवश्य शेयर करें। उनके लिंक हैं:

Facebook
Instagram
YouTube

कुछ और महत्वपूर्ण लेख:

Hari Sharanam
नित्य स्तुति और प्रार्थना
Om Damodaraya Vidmahe
Rog Nashak Bishnu Mantra
Ram Gayatri Mantra
Dayamaya Guru Karunamaya

Exit mobile version