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Ambe Mata Aarti | अम्बे माता आरती

Ambe Mata Aarti

 

Credit the Video: T-Series Regional by Anuradha Paudwal YouTube Channel

Ambe Mata Aarti Lyrics in English

Jai Ambe Gauri Maiya,
Jaa Shyama Gauri
Nishdin Tumko Dhyaavat,
Hari Brahma Shivji ॥

Mang Sinduur Biraajat,
Tiko Mrigmadko,
Ujjvalse Dou Naina,
Chandravadan Niko ॥

॥ Jai Ambe Gauri… ॥

Kanak Saman Kalevar,
Raktambar Raje,
Raktapushp Galmala,
Kanthhar Saje ॥

॥ Jai Ambe Gauri… ॥

Kehari Vahan Rajat,
Khadg Khappar Dhari
Sur Nar Munijan Sevat,
Tinke Dukhahari ॥

॥ Jai Ambe Gauri… ॥

Kanan Kundal Shobhit,
Nasagre Moti
Kotik Chandra Divakar,
Samrajat Jyoti ॥

॥ Jai Ambe Gauri… ॥

Shumbh- Nishumbh Vidare,
Mahishasur Ghatia
Dhumra-Vilochan Naina,
Nishdin Madmati ॥

॥ Jai Ambe Gauri… ॥

Chanda-Munda Sanhera,
Shonit Beed Hare,
Madhu-Katitabha Mare,
Sur Bhayahin Kare ॥

॥ Jai Ambe Gauri… ॥

Brahmani, Rudrani,
Tum Kamala Rani,
Agam-Nigam Bakhani,
Turn Shiv Patrani ॥

॥ Jai Ambe Gauri… ॥

Chaunsath Yogini Gavat,
Nritya Karat Bhairon,
Bajat Tab Mridanga,
Aur Bajat Damru ॥

॥ Jai Ambe Gauri… ॥

Tum Ho Jag Ki Mata,
Tum Hi Ho Bharta,
Bhaktan Ki Dukh Harta,
Sukh Sampati Karta ॥

॥ Jai Ambe Gauri… ॥

Bhuja Char Ati Shobhit,
Var Mudra Dhari,
Manvanchhit Phal Pavat,
Sevat Nar Nari॥

॥ Jai Ambe Gauri… ॥

Kanchan Thal Virajat,
Agaru Kapur Bati
Malketu Men Rajat,
Kotiratan Jyoti ॥

॥ Jai Ambe Gauri… ॥

Jai Ambe Gauri Maiya,
Jaa Shyama Gauri
Nishdin Tumko Dhyaavat,
Hari Brahma Shivji ॥

॥ Jai Ambe Gauri… ॥

अम्बे माता आरती

जय अम्बे गौरी,
मैया जय श्यामा गौरी ।

तुमको निशदिन ध्यावत,
हरि ब्रह्मा शिवरी ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

मांग सिंदूर विराजत,
टीको मृगमद को ।

उज्ज्वल से दोउ नैना,
चंद्रवदन नीको ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

कनक समान कलेवर,
रक्ताम्बर राजै ।

रक्तपुष्प गल माला,
कंठन पर साजै ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

केहरि वाहन राजत,
खड्ग खप्पर धारी ।

सुर-नर-मुनिजन सेवत,
तिनके दुखहारी ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

कानन कुण्डल शोभित,
नासाग्रे मोती ।

कोटिक चंद्र दिवाकर,
सम राजत ज्योती ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

शुंभ-निशुंभ बिदारे,
महिषासुर घाती ।

धूम्र विलोचन नैना,
निशदिन मदमाती ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

चण्ड-मुण्ड संहारे,
शोणित बीज हरे ।

मधु-कैटभ दोउ मारे,
सुर भयहीन करे ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

ब्रह्माणी, रूद्राणी,
तुम कमला रानी ।

आगम निगम बखानी,
तुम शिव पटरानी ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

चौंसठ योगिनी मंगल गावत,
नृत्य करत भैरों ।

बाजत ताल मृदंगा,
अरू बाजत डमरू ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

तुम ही जग की माता,
तुम ही हो भरता ।

भक्तन की दुख हरता,
सुख संपति करता ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

भुजा चार अति शोभित,
वर-मुद्रा धारी ।

मनवांछित फल पावत,
सेवत नर नारी ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

कंचन थाल विराजत,
अगर कपूर बाती ।

श्रीमालकेतु में राजत,
कोटि रतन ज्योती ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

श्री अंबेजी की आरति,
जो कोइ नर गावे ।

कहत शिवानंद स्वामी,
सुख-संपति पावे ॥

ॐ जय अम्बे गौरी..॥

जय अम्बे गौरी,
मैया जय श्यामा गौरी ।

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