नई दिल्ली: ब्रह्माकुमारीज़ की लोकप्रिय स्पीकर बीके शिवानी ने अपने ताज़ा वीडियो में कर्मिक खातों का बहुत सरल और गहरा नुस्खा दिया है। उनका कहना है – ज्यादातर झगड़े इसलिए होते हैं क्योंकि हम पहली बार नहीं मिल रहे होते। पुराना हिसाब-किताब चल रहा होता है।
पहली मुलाकात में ही क्यों हो जाता है झगड़ा?
बीके शिवानी बताती हैं – दो लोग मिलते हैं। पहली ही मुलाकात में लड़ाई हो जाती है। अगले जन्म में कपड़े बदल जाते हैं, शरीर बदल जाता है, रिश्ता बदल जाता है – कभी पति-पत्नी, कभी मां-बेटा, कभी भाई-बहन। लेकिन कर्मिक खाता वही पुराना रहता है। इसलिए हर बार समस्या और बड़ी होती जाती है।
कर्मिक खाता इतना उलझ क्यों जाता है?
क्योंकि हम हर बार नया हिसाब जोड़ते जाते हैं। गुस्सा, शिकायत, बदला। नतीजा – खाता और जटिल होता जाता है। बीके शिवानी साफ कहती हैं – इस जन्म में जो दर्द मिल रहा है, वो पहली बार का नहीं, कई जन्मों का संचित है।
सिर्फ चार विचारों से खाता हो जाएगा साफ
बीके शिवानी ने चार आसान सूत्र दिए हैं। इन्हें रोज़ रात सोने से पहले दोहराएं:
- पुराने कर्मों के लिए उस आत्मा से माफी मांगें।
- आज जो उसने गलत किया, उसे दिल से माफ कर दें।
- पुराना सारा खाता खत्म – आज की तारीख से जीरो।
- अब नया खाता शुरू – सिर्फ प्यार, सम्मान और आशीर्वाद भेजें।
बस यही चार वाक्य। रोज़ 5 मिनट।
रिश्ते और जिंदगी में क्या कमाल होगा?
- घर के लोग ही सबसे भारी कर्मिक खाते लाते हैं।
- अलग हो जाने से खाता साफ नहीं होता, नकारात्मक सोच छोड़नी पड़ेगी।
- बीमारी, नाकामी, तनाव – ज्यादातर पुराने खाते का नतीजा।
- जब आप आशीर्वाद देंगे, सामने वाला बदले बिना भी सब ठीक होने लगेगा।
- शरीर स्वस्थ होगा, सफलता अपने आप आएगी।
- और सबसे बड़ी बात – स्वर्ग बाहर नहीं, आपके मन में बन जाएगा।
बीके शिवानी का संदेश साफ है – हिसाब खत्म करो, प्यार शुरू करो। बाकी सब अपने आप ठीक हो जाएगा।

