Maa Aparajita Stuti | Devi Aparajita | अपराजिता भेंट: दोस्तों नमस्कार, आज हम आपको इस लेख के जरिए अपराजिता भेंट के बारे में बात करेंगे। अपराजिता भेंट माता अपराजिता का अत्यंत शक्तिशाली और पवित्र शक्ति जागरण मंत्र है। इस अपराजिता मंत्र को शुद्ध भक्ति भाव और दिव्य तेजस्वी उच्चारण से जोड़कर एक शक्तिशाली रूप दिया गया है। साधक इस अपराजिता मंत्र को नित्य श्रवण से मन का भय समाप्त होता है। साधक के भीतर सोई हुई शक्ति जागृत होकर एक दिव्य सुरक्षा का प्रवाह शुरू होता है। माता अपराजिता की कृपा अपने जीवन में अनुभव होता है।
Maa Aparajita Stuti
अपराजिता भेंट
जय… जय… अपराजिता माता,
त्रिभुवन-दीपिनी… जगत-त्राता।
शक्ति-स्वरूपिणि माँ…
भय-नाशिनी माँ…
मेरे श्वासों में उतर जा तू।
ॐ अपराजिता शक्तिरूपिण्यै नमः।
ॐ त्रिनेत्रे देवि तेजोमयी स्वाहा।
अपराजिता… माँ अपराजिता…
विजय-धारिणी… तेज-धारिणी…
मेरा हर अंधकार जला जा तू।
हे माँ…
मेरे रोम-रोम में तेरा मंत्र धड़के,
मेरे रक्त में तेरा ज्वाल-बीज चमके।
ॐ वज्रवल्लरी देवि, मे भयं हर स्वाहा।
ॐ अपराजिता स्वरूपे, विजयं देहि मे मातः।
जय अपराजिता… जय अपराजिता…
जो तेरी शरण में आता है,
वह हार के शब्द मिटा देता है।
तेरी कृपा की ज्वाला से,
वह भाग्य नया रच जाता है।
अपराजिता… माँ अपराजिता…
तेरी दृष्टि जहाँ पड़ जाए,
वहाँ संकट पिघल जाता।
तेरे चरण जहाँ टिक जाएँ,
वहाँ भाग्य स्वयं सिर झुकाता।
जय-जय-जय माँ अपराजिता…
ॐ नमः काली-शक्ति-धारिण्यै अपराजितायै।
ॐ त्रिपुरेश्वर्यै देवि, सर्वविघ्ननाशिन्यै स्वाहा।
ॐ नमो ज्योतिर्होत्रे मातृकायै अपराजितायै।
ॐ नमो विराट-रूपिण्यै, भव्य-शक्ति-धारिण्यै।
शक्ति की धारा, विजय की ज्वाला,
मेरे भीतर भर दे माँ।
मेरे भय के किले गिरा दे,
मुझे सिंह समान कर दे माँ।
अपराजिता… अपराजिता…
त्रिशक्ति-माता, भव-रक्षा-दाता,
तेरी शरण में जीवन पावन।
जय अपराजिता माँ…
जय अपराजिता माँ…
मुझे अपने तेज का अंश दे माँ,
मेरी आत्मा को गूँज बना दे माँ।
मेरे स्वरों में तेरी अग्नि बसा दे,
मेरे पथ को जयमय कर दे माँ।
अपराजिता… माँ अपराजिता…
जय-जय-जय अपराजिता माता…
ॐ क्लीं ह्रीं श्रीं अपराजितायै नमः।
ॐ वज्रवल्लरी देवि, जयमस्तु स्वाहा।
Credit the Video : Divitous Mantra YouTube Channel
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