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मौन का रहस्य | मौन को जिसने जान लिया उसने सब कुछ जान लिया

मौन का रहस्य | मौन को जिसने जान लिया उसने सब कुछ जान लिया (maun ko jisane jaan liya usane sab kuchh jaan liya): दोस्तों नमस्कार, आज हम इस लेख माध्यम से मौन का रहस्य के बारे में बात करेंगे। योगीजन कहते हैं कि आप अपने ‍जीवन में कितना मौन अर्जित किया और कितनी बातें व्यर्थ कीए। कभी-कभी सबकुछ होने के बाद भी मानसिक और शारीरिक शांति नहीं मिलती। ध्यान योग और मौन का निरंतर अभ्यास करने से सकारात्मक सोच का विकास होता है, और हमारे शरीर के अंदर बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है। जब तक मन है, तब तक सांसारिक उपद्रव है। मन गया कि संसार खत्म और संन्यास शुरू।

मौन का रहस्य :

मौन तपस्या और ध्यान का ही एक रूप है। मौन एक शीतल मन है, जो ध्यान के जरिए, मन को शोधन करके स्वस्थ्‍य, आनंददायक और उज्जवल भविष्य बनता है। योग कहता है कि मौन से जहाँ मन की मौत हो जाती है, वहीं मौन से मन की ‍शक्ति भी बढ़ती है। सभी तरह के रोग, शोक और समस्याओं का समाधान हो जाता है।

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मौन को जिसने जान लिया उसने सब कुछ जान लिया :

हम एक ऐसी दुनिया में रहते हैं, जहां शान्ति और संतोष को नष्ट करने वाले व्याकुलता है। हमारे मन में अनवरत वहीं विचार और वही बातें पिछले कई वर्षों से चलती आ रही है। आयुर्वेद के अनुसार रोग और शोक का निर्माण पहले मन में होता हैतब उसके शरीर पर लक्षण दिखाई देने शुरु होते हैं। अधिकतर मनुष्य तर्क कर के, अशुद्ध अन्न, अशुद्ध कर्म और अशुद्ध वचन से अपने मन को दूषित कर लेते हैं। कर्म का चक्र छोटा है, लेकिन भाग्य का चक्र बड़ा है। जब तक कर्म के छोटे छोटे चक्र नहीं चलेंगे तब तक भाग्य का बड़ा चक्र नहीं घुमेगा। मौन में सबसे पहले जुबान चुप होती है आप व्यर्थ की बातों से अलग हो कर धीरे-धीरे मन को भी चुप करने का प्रयास करें। अच्छा सोचे और अच्छा बोलने का प्रयास शुरू करें। जो हमारे चिंतित विचारों के चक्र को शोधन करके एक शानदार अनुभव की स्थिति में छोड़ देगा।

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मौन रहने का तरीका: वैसे मन को शां‍त करने के लिए मौन से अच्छा और कोई दूसरा रास्ता नहीं। मौन से सकारात्मक सोच का विकास होता है। यदि मौन के साथ ध्यान और योग का निरंतर अभ्यास किया जा रहा है, तो व्यक्ति के शरीर की बीमारियों से लड़ने की क्षमता को बढा जा सकता है। यदि आप ध्यान कर रहे हैं, तो आप अपनी श्वासों की आवाज को सुनने दें। मौन रहने का समय, किसी भी शांत स्थान पर रहकर हर दिन ध्यान या मौन 20 मिनट से लेकर 1 घंटे तक करना शुरू कर दिजीए। जरूरी है कि मौन रहने के दौरान सिर्फ श्वासों के आवागमन को महसूस करना और उसका आनंद लेंना।

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मौन के लाभ: मौन से मन की शक्ति बढ़ती है। शक्तिशाली मन में किसी भी प्रकार का भय, क्रोध, चिंता और व्यग्रता नहीं रहती। मौन का अभ्यास करने से सभी प्रकार के मानसिक विकार समाप्त हो जाते हैं। रात में नींद अच्छी आती है।

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Disclaimer : Bhakti Bharat Ki / भक्ति भारत की (https://bhaktibharatki.com/) किसी की आस्था को ठेस पहुंचना नहीं चाहता। ऊपर पोस्ट में दिए गए उपाय, रचना और जानकारी को भिन्न – भिन्न लोगों की मान्यता और जानकारियों के अनुसार, और इंटरनेट पर मौजूदा जानकारियों को ध्यान पूर्वक पढ़कर, और शोधन कर लिखा गया है। यहां यह बताना जरूरी है कि (https://bhaktibharatki.com/) किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पूर्ण रूप से पुष्टि नहीं करता। मौन का रहस्य, मौन रहने का तरीका, मौन के लाभ किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। मौन रहना या ना रहना आपके विवेक पर निर्भर करता है।

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