नवरात्रि 2025 का पांचवां दिन आज, 26 सितंबर को मां स्कंदमाता की पूजा होगी। इस साल नवरात्रि 22 सितंबर से शुरू हुई और 2 अक्टूबर को विजयादशमी के साथ खत्म होगी। आइए जानते हैं मां स्कंदमाता के बारे में, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, रंग और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी।
मां स्कंदमाता कौन हैं? पूजा का महत्व
मां पार्वती को मां स्कंदमाता तब कहा गया, जब वे भगवान स्कंद (कार्तिकेय या मुरुगन) की माता बनीं। मां स्कंदमाता की पूजा से भक्तों को विशेष आशीर्वाद मिलता है।
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माना जाता है कि मां स्कंदमाता बुध ग्रह को नियंत्रित करती हैं। उनकी पूजा से भगवान कार्तिकेय की कृपा भी मिलती है।
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मां स्कंदमाता सिंह पर सवार होती हैं, कमल पर विराजमान रहती हैं और गोद में बाल मुरुगन को धारण करती हैं।
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उनके चार हाथ हैं। ऊपरी दो हाथों में कमल, एक हाथ अभय मुद्रा में और एक हाथ से वे बाल कार्तिकेय को थामती हैं।
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मां ममता, देखभाल और मार्गदर्शन का प्रतीक हैं। उनकी पूजा से बुद्धि, स्पष्टता और कठिन परिस्थितियों में सही निर्णय लेने की शक्ति मिलती है।
नवरात्रि 2025, दिन 5: शुभ मुहूर्त
ड्रिक पंचांग के अनुसार, पांचवें दिन के शुभ मुहूर्त इस प्रकार हैं:
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पंचमी तिथि शुरू: 26 सितंबर 2025, सुबह 9:33 बजे
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पंचमी तिथि समाप्त: 27 सितंबर 2025, दोपहर 12:03 बजे
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चतुर्थी तिथि: सुबह 9:32 बजे तक
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ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:36 से 5:24 बजे
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अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:48 से 12:36 बजे
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विजय मुहूर्त: दोपहर 2:12 से 3:00 बजे
नवरात्रि 2025, दिन 5: दिन का रंग
पांचवें दिन का रंग है हरा। यह रंग प्रकृति, नई शुरुआत, विकास, शांति और समृद्धि का प्रतीक है। हरे रंग के वस्त्र पहनकर आप जीवन में शांति और संतुलन को आकर्षित कर सकते हैं।
पूजा विधि, सामग्री और भोग
पांचवें दिन भक्तों को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर हरे रंग के नए कपड़े पहनने चाहिए। मां स्कंदमाता की पूजा के लिए निम्नलिखित विधि और सामग्री जरूरी हैं:
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पूजा विधि: पूजा स्थल पर दीप जलाएं। मां को लाल फूलों की माला अर्पित करें। मंत्रों का जाप करें और भोग चढ़ाएं।
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सामग्री: लाल फूल, अक्षत, बताशा, पान, सुपारी, लौंग, धूप, और केले।
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भोग: मां को केला अर्पित करें। केले का हलवा या केले से बनी मिठाई भी चढ़ाई जा सकती है। इसके अलावा फल, मिठाई, मिश्री और खीर भी भोग में शामिल करें।
नवरात्रि 2025, दिन 5: मंत्र और स्तुति
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प्रार्थना:
सिंहासनगता नित्यं पद्मांचित करद्वया।
शुभदास्तु सदा देवी स्कंदमाता यशस्विनी॥ -
स्तुति:
या देवी सर्वभूतेषु मां स्कंदमाता रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा से जीवन में शांति, बुद्धि और समृद्धि प्राप्त करें।