नीलकमल का फूल किस भगवान को चढ़ाया जाता हैं ?? | neel kamal ka phool kis bhagwan ko chadhaya jata hai | neelkamal phool ke bare me hindi me | नीलकमल फूल के बारे में जानकारी
धरती के सबसे दुर्लभ और चमत्कारी फूलों में से एक ‘नीलकमल का फूल’ वर्तमान परिदृश्य में विलुप्ति के कगार पर हैं। इसका सबसे बड़ा कारण ग्लोबल वार्मिंग और तेजी से बढ़ता हुआ प्रदूषण हैं। नीलकमल का फूल कमल के फूल के प्रजाति से ही संबंधित हैं। नीलकमल फूल का वानस्पतिक नाम जेनशियाना फाइटोकेलिक्स हैं। इसके चार मुख्य प्रजाति हैं। फेन कमल, कस्तूरा कमल , ब्रह्माकमल एवं नीलकमल । इसमें सबसे दुर्लभ चमत्कारी और महत्वपूर्ण नीलकमल पुष्प को ही माना जाता हैं। नीलकमल फूल का खिलना एक चमत्कारी घटना माना जाता हैं। अभी हाल ही में कोरोना काल में लगभग कई सालों के बाद उत्तराखंड के केदारनाथ में नीलकमल के फूल को वृहद में खिला हुआ देख गया हैं। जिसके बाद वहां के निवाशियो और वन विभाग में खुशी का मौहाल उत्पन्न हुआ था। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह हैं कि यह फूल समुन्द्रतल से 13 – 18 हजार फीट की ऊँचाई पर अपनी उपस्थिति को दर्ज कराते हैं । नीलकमल पुष्प औषधीय गुणों से भी परिपूर्ण हैं तभी तो यह अन्य हिमालयन फूलों में अपना विशेष महत्व रखता हैं ।
कहाँ कहाँ पाए जाते हैं नीलकमल के पुष्प
वैसे तो पूरे विश्व के प्रमुख ठंडे एवं पर्वतीय देशों में इसकी उपस्थिति पाई जाती हैं लेकिन खास तौर पर उच्चे उच्चे स्थानों प्रदूषण मुक्त स्थलों पर नीलकमल की उपस्थिति देखी गयी हैं। नीलकमल फूल का मूल निवास स्थान एशिया के दक्षिणी एवं पूर्वी भाग हैं। नीलकमल का पुष्प भारत में हिमालयन क्षेत्र विशेष तौर पर उत्तराखंड में बहुतायत मात्रा में मिलते हैं। परंतु वर्तमान परिदृश्य में यह फूल विलुप्ति के कगार पर हैं। भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका एवं बांग्लादेश में नीलकमल के फूल को इसके महत्व को देखते हुए ‘राष्ट्रीय फूल’ का दर्जा प्रदान किया गया हैं।
नीलकमल पुष्प के औषधीय महत्व
नीलकमल का फूल अन्य हिमालयी पुष्पो के भांति औषधीय गुण धारण किये हुए हैं। मनुष्यों में होने वाले जटिल से जटिल रोगों में औषधि बनाने के लिए इस फूल का उपयोग किया जाता हैं। खास कर हृदय रोग और तंत्रिका संबंधित रोगों में नीलकमल पुष्प का उपयोग होता हैं। नीलकमल के फूल जड़ तना और पत्ती सबका उपयोग औषधि निर्माण में किया जाता हैं ।
नीलकमल पुष्प का धार्मिक महत्व
वैसे तो नीलकमल का फूल कमल के फूल के प्रजाति से ही सम्बन्ध रखता हैं। शास्त्रों के अनुसार कमल के पुष्प के उत्पत्ति भगवान विष्णु के नाभि से हुआ हैं और इसी कमल के फूल से भगवान श्री ब्रम्हा जी की उत्पत्ति हुई हैं। भगवान शिव जी कमल के फूल पर ही जल छिड़क कर गणेश जी को जीवित किया था ।
नीलकमल के फूल किस भगवान को चढ़ाया जाता हैं
नीलकमल का फूल सभी देवी देवताओं का पसंदीदा पुष्प हैं। परन्तु अगर कोई मनुष्य (man) नीलकमल के पुष्प को भक्ति भाव से भगवान विष्णु को चढ़ता हैं तो विष्णु जी बहुत जल्दी प्रसन्न (happy) होते हैं और मनचाहा वर प्रदान करते हैं। माता लक्ष्मीजी को भी नीलकमल का फूल चढ़ाने से माता बहुत प्रसन्न होती हैं और सारी इच्छाएं पूरी करती हैं।
नीलकमल पुष्प का अस्तिव ख़तरे में
पूरी दुनिया में तेजी से धरती का तापमान और तरह तरह के प्रदूषण में वृद्धि हो रही हैं। जिसके कारण पेड़ पौधे और मौसम में असंतुलन बढ़ा हैं। कई पादप और पशुओं पक्षियों का अस्तित्व खतरे में हैं। इसी प्रकार चमत्कारिक और औषधीय युक्त नीलकमल फूल का भी अस्तित्व खतरे में हैं। इसे संरक्षित करने की आवश्यकता हैं ।
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