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Nishumbha Shumbha Garjani | Vindhyeshwari Stotram | श्री विन्ध्येश्वरी स्तोत्रम्: दोस्तों नमस्कार, आज हम आप लोगों को इस पोस्ट के माध्यम से श्री विन्ध्येश्वरी स्तोत्रम् के बारे में बताएँगे। इस स्तोत्र में देवी विंध्येश्वरी की स्वरूप और शक्तियों का वर्णन किया गया है। नवरात्री के दिनों में जो भक्त श्रद्धा और निष्ठा के साथ इस स्त्रोत का नियमित पाठ करता है, उसके सभी कष्ट, भय, रोग, विघ्न, शत्रु और बाधाओं दूर हो जाते है। इस स्तोत्र का जाप नकारात्मकता को दूर करके भक्त को सुरक्षा, शक्ति और आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है।
विंध्याचल पर्वत पर निवास करने वाली महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती, जो देवी दुर्गा के अवतार भगवती विन्ध्यवासिनी देवी विंध्येश्वरी, उनको मैं नमस्कार करता हूँ। शुम्भ तथा निशुम्भ का संहार करने वाली, चण्ड और मुण्ड का विनाश करने वाली, वन में तथा युद्ध स्थल में पराक्रम प्रदर्शित करने वाली, त्रिशूल तथा मुण्ड धारण करने वाली, दरिद्रजनों का दु:ख दूर करने वाली, चंचल नेत्रों से सुशोभित होने वाली, हाथ में गदा धारण करने वाली, ऋषि श्रेष्ठ के पुत्री महाकाली, महालक्ष्मी तथा महासरस्वती रूप से तीन स्वरुपों में विशाल स्वरुप धारण करने वाली कल्याणमयी विंध्येश्वरी को मैं नमस्कार करता हूँ।
Nishumbha Shumbha Garjani
Nishumbh Shumbh Garjani
श्री विन्ध्येश्वरी स्तोत्रम्
निशुम्भ शुम्भ गर्जनी,
प्रचण्ड मुण्ड खण्डिनी ।
बनेरणे प्रकाशिनी,
भजामि विन्ध्यवासिनी ॥
त्रिशूल मुण्ड धारिणी,
धरा विघात हारिणी ।
गृहे-गृहे निवासिनी,
भजामि विन्ध्यवासिनी ॥
दरिद्र दुःख हारिणी,
सदा विभूति कारिणी ।
वियोग शोक हारिणी,
भजामि विन्ध्यवासिनी ॥
लसत्सुलोल लोचनं,
लतासनं वरप्रदं ।
कपाल-शूल धारिणी,
भजामि विन्ध्यवासिनी ॥
कराब्जदानदाधरां,
शिवाशिवां प्रदायिनी ।
वरा-वराननां शुभां,
भजामि विन्ध्यवासिनी ॥
कपीन्द्न जामिनीप्रदां,
त्रिधा स्वरूप धारिणी ।
जले-थले निवासिनी,
भजामि विन्ध्यवासिनी ॥
विशिष्ट शिष्ट कारिणी,
विशाल रूप धारिणी ।
महोदरे विलासिनी,
भजामि विन्ध्यवासिनी ॥
पुंरदरादि सेवितां,
पुरादिवंशखण्डितम् ।
विशुद्ध बुद्धिकारिणीं,
भजामि विन्ध्यवासिनीं ॥
Vindhyeshwari Stotram
Nishumbh Shumbh Garjani,
Prachanda Mund Khandini ।
Banerane Prakashini,
Bhajami Vindhyavasini ॥
Trishool Mund Dharini,
Dhara Vighat Harini ।
Gruhe-gruhe Nivasini
Bhajami Vindhyavasini ॥
Daridr Duhkh Harini,
Sada Vibhooti Karini ।
Viyog Shok Harini,
Bhajami Vindhyavasini ॥
Lasatsulol Lochanam,
Latsasan Varpardhan ।
Kapal-shool Dharini,
Bhajami Vindhyavasini ॥
Karabjadanadadharan,
Shivashivan Pradayini ।
Vara-varananam Subham,
Bhajami Vindhyavasini ॥
Kapindn Jaminipradan,
Tridha Swarup Dharini ।
Jale-thale Nivasini,
Bhajami Vindhyavasini ॥
Vishisht Shisht Karini,
Vishal Roop Dharini ।
Mahodare Vilasini,
Bhajami Vindhyavasini ॥
Punradaradi Sevitan,
Puradivanshakhanditam ।
Vishuddh Buddhikarinin,
Bhajami Vindhyavasinin ॥
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