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Om Sachidananda Parabrahma | ॐ सच्चिदानंद परब्रह्म | ॐ सत चित आनंद परब्रह्मा

Om Sat Chit Ananda | ॐ सच्चिदानंद परब्रह्म | ॐ सत चित आनंद परब्रह्मा | Moola Mantra in 10 Minutes

Credit the Video : Bhakti Bharat Ki YouTube Channel

Om Sachidananda Parabrahma | ॐ सच्चिदानंद परब्रह्म | ॐ सत चित आनंद परब्रह्मा : Sat-Chit-Ananda or सत्-चित्-आन्द = (सचिदानंद – अटूट सत्य, चेतना और आनंद) सच्चिदानंद। सत + चित + आनंद को मिलाकर शब्द बना है सच्चिदानंद। परमात्मा अर्थात परम आत्मा ही सत चित आनंद है। परमात्मा ही सच्चिदानंद है। इसलिए परमात्मा ही सम्पूर्ण सत्य है, सम्पूर्ण चेतना है, और सम्पूर्ण सुख है। केवल मनुष्य ही इस सच्चिदानंद को प्राप्त कर सकता है।

-सबसे शक्तिमान परमऊर्जा का आवाहन कर रहें हैं हम

सत – अर्थात सत्य (True) – निराकार (अनंत, अरूप, सनातन अस्तित्व)

चित – अर्थात चेतना (Consciousness) – सृष्टि का चेतन तत्व (अनंत ज्ञान स्वरूपा चेतना, सब कुछ का ज्ञान रखने वाली)

आनंद – अर्थात सुखी (Pure Happiness) – पवित्र प्रेम आह्लाद और ख़ुशी

परब्रह्मा – अर्थात (Universal Consciousness) – परम रचेता। पर (Para – उच्चतम या परम), ब्रह्मा (Brahma – दिव्य, ब्रह्माण्डिक या विश्वजन्य), अर्थात परब्रह्मा का अर्थ होता है उच्चतम या परम ब्रह्मा। अनन्त चेतना या परम वास्तविकता

पुरुषोतमा – जो मनुष्य रूप में मनुष्यता का मार्गदर्शन, निदेशन करने के लिए प्रकट हुआ है।

परमात्मा – जो मेरे हृदय में मेरी अंदरूनी(आंतरिक) आवाज़ बन के कभी भी बुलाने पे आ जाता है। (मेरा हृदय ही जिसका वास है, इसीलिए वह वासु है वासुदेव है)

श्री भगवती – दिव्यश्री माँ, शक्ति स्वरूपा पहलू सृष्टि का (प्रकृति और पुरुष इसी से तो सृष्टि है )

समेत – एक साथ अंदर और बाहर भी

श्री भगवते – सृष्टि पिता, मालिक

नम – मैं तुम्हारा धन्यावाद (शुक्रिया, साधुवाद) करता हूँ, इस होने को, आपकी मौजूदगी को मान्य पाता हूँ, तस्दीक करता हूँ, मानता हूँ। तुमसे पथ – प्रदर्शन मिलते रहने की हर दम मांग करता हूँ।

Om Sachidananda Parabrahma

Om Sat Chit Ananda Parabrahma

Om Sat Chit Ananda Parabrahma
Purushothama Paramathma
Sri Bhagavathi Sametha
Sri Bhagavathe Namaha

Hari Om Tat Sat
Hari Om Tat Sat
Hari Om Tat Sat
Hari Om Tat Sat
Hari Om Tat Sat

 ॐ सच्चिदानंद परब्रह्म

ॐ सत चित आनंद परब्रह्मा

ॐ सच्चिदानंद परब्रह्म
पुरुषोतमा परमात्मा
श्री भगवती समेत:
श्री भगवते नम:

हरी ॐ तत्सत
हरी ॐ तत्सत
हरी ॐ तत्सत
हरी ॐ तत्सत
हरी ॐ तत्सत

Credit the Video : Simmi Sanatan YouTube Channel

Disclaimer : Bhakti Bharat Ki / भक्ति भारत की (https://bhaktibharatki.com/) किसी की आस्था को ठेस पहुंचना नहीं चाहता। ऊपर पोस्ट में दिए गए उपाय, रचना और जानकारी को भिन्न – भिन्न लोगों की मान्यता और जानकारियों के अनुसार, और इंटरनेट पर मौजूदा जानकारियों को ध्यान पूर्वक पढ़कर, और शोधन कर लिखा गया है। यहां यह बताना जरूरी है कि Bhakti Bharat Ki / भक्ति भारत की (https://bhaktibharatki.com/) किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पूर्ण रूप से पुष्टि नहीं करता। ॐ सच्चिदानंद परब्रह्म मंत्र के उच्चारण, किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ, ज्योतिष अथवा पंड़ित की सलाह अवश्य लें। ॐ सच्चिदानंद परब्रह्म मंत्र का उच्चारण करना या ना करना आपके विवेक पर निर्भर करता है।

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