पलाश का फूल किस भगवान को चढ़ाया जाता हैं | palash ka phool kis bhagwan ko chadhaya jata hai | palash ke phool ki puri jankari hindi me | पलाश के फूल की पूरी जानकारी हिंदी में
पलाश के फूल देखने में अत्यंत सुंदर अर्धचंद्राकार, छोटे और मनमोहक लगते हैं। ये अपने अंदर अपनी सुगंध गुण के साथ औषधीय गुण को भारी मात्रा में समेटे हुए हैं। पलाश के पुष्प का उपयोग तांत्रिक विधि, टोटके और भगवान के पूजन में किया जाता हैं। पलाश के फूल का उपयोग घर में वास्तु दोषों को दूर करने के लिए भी किया जाता हैं।इस फूल को अनेको नाम से जानते हैं जैसे छूल, टेसू, किंशुक और केसु इत्यादि। भारत में प्राचीन समय में पलाश के फूल का प्रयोग रंग बनाने में किया जाता था। खास तौर पर भारतीय त्योंहार होली में रंग बनाने में इसका उपयोग वृहद रूप से किया जाता था। जिस प्रकार से पलाश के पुष्प अपनी विशेष स्थान रखता हैं उसी प्रकार पलाश के पेड़ या लता जलावन के लिए लकड़ी में उपयोग होते हैं। शादी या किसी खास अवसर पर पलाश के पत्तियों का उपयोग खाने के पत्तल के रूप में किया जाता हैं। पलाश के फूल के रस मधुमक्खीयों और तितलीयों के लिए पसंदीदा आहार हैं।
कहाँ पाए जाते हैं पलाश के पेड़ और पुष्प
बाढ़ वाले क्षेत्रों में लवणीय भूमि भागों में काली मिट्टी क्षेत्रों में पलाश के पेड़ आसानी से उग जाते हैं। भारत के लगभग सभी राज्यों में और इसके आसपास के पड़ोसी देशों म्यांमार, बांग्लादेश, थाईलैंड, श्रीलंका इत्यादि देशों में आसानी से पाये जाते हैं। पलाश का फूल भारतीय राज्य झारखंड और उत्तरप्रदेश में राजकीय पुष्प का दर्जा प्राप्त किये हुए हैं। अत्यंत गहरे लाल रंग के कारण इसे ‘जंगल के आग’ के नाम से भी जानते हैं। पलाश के फूल सामान्यतः तीन रंगों में पाए जाते हैं लाल, हरा और पीला । जहाँ पीले पलाश के फूल का उपयोग तांत्रिक जादू टोना में किया जाता हैं। सफेद पलाश के फूल औषधीय गुणों से भरपूर होता हैं। जबकि लाल फूल अपने सौंदर्य के कारण मशहूर होता हैं।
पलाश के फूल के वास्तुदोष में महत्व
शास्त्रों अनुसार जिस घर या में पलाश के पेड़ होता हैं वहाँ का वातावरण सकारात्मक ऊर्जा से परिपूर्ण हो जाता हैं। उस घर में सुख, समृद्धि एवं खुशहाली का माहौल बना रहता हैं। घर में होने वाले छोटे छोटे झगड़े से शांति मिलती हैं। अगर कोई व्यक्ति मानसिक तनाव या फिर गलत भावनाओं का शिकार होता है तो वो अपने बिस्तर के नीचे पलाश के फूल रख सकता हैं जिससे समस्या दूर हो जाती हैं।
पलाश के फूल का औषधीय गुण
पलाश के पेड़ से निकलने वाले गोंद, छाल, फूल, बीज, जड़ इत्यादि हरेक भाग से औषधीय दवा बनाया जाता हैं। पलाश का उपयोग पेट के कीड़े मारने के लिए वृहद रूप से किया जाता हैं क्योंकि इसमें एंटी हेलमेन्टिक पाए जाते हैं। कभी कभी दस्त को ठीक कारने में भी इसका उपयोग किया जाता हैं। यह लिवर के रोगों में भी सहायक होता हैं। त्वचा संबंधी समस्याओं को भी समाप्त करता हैं। मधुमेह एवं यौन संबंधित रोगों में भी इसका उपयोग किया जाता हैं। अगर आप सूखे पलाश के फूल को दूध के साथ मिला कर सेवन करते हैं तो आपमें यौन क्षमता विकसित होती हैं। लेकिन वगैर आयुर्वेद डॉक्टर के सलाह के इन सबका उपयोग ना करें।
पलाश का फूल किस भगवान को चढ़ाया जाता हैं
अगर आप पैसों के समस्या से ग्रसित हैं आपके व्यापार में लगातार घटा हो रहा हैं तो आप पलाश के फूल को श्रद्धा सुमन से माता लक्ष्मीजी अर्पित करके इन सब चीज़ों से छुटकारा पा सकते हैं। भगवान विष्णुजी को भी पलाश के पुष्प अत्यंत प्रिय हैं। इस फूल को विष्णु जी को अर्पित करके उन्हें प्रसन्न किया जा सकता हैं।
पलाश के फूल का धार्मिक महत्व
कहा जाता है कि पलाश के फूल में ब्रम्हा विष्णु और महेश जी वास करते हैं। पलाश के पुष्प वाले क्षेत्र देवताओं के वास स्थान का क्षेत्र माना जाता हैं क्योंकि इसके सुंगध मात्र से देवताओं का मन मोहित हो जाता हैं। लगभग सभी अनुष्ठानों में चाहे वो पूजन विधि हो या तांत्रिक अनुष्ठान हो या फिर कोई भी शुभ अनुष्ठान हो, उसमे जरूर पलाश के फूल का उपयोग किया जाता हैं।
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