प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज ने नाम की स्पेलिंग बदलने या कोई खास सामान घर में रखने से भाग्य बदलने के दावों को सिरे से खारिज कर दिया है।
हाल ही में श्री हित राधा केली कुंज में हुए सत्संग में पुणे से आए एक भक्त ने पूछा था – क्या नाम में ‘अ’ या ‘ई’ जैसी अक्षर जोड़ने से या घर में कुछ चीजें रखने से धन आएगा और सपने पूरे होंगे?
महाराज जी ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “ये सब बकवास है।” उन्होंने बताया कि बिना उचित संस्कार के अंगूठी, लॉकेट या पिरामिड जैसे उपकरण कुछ नहीं करते।
कभी-कभी पिछले पुण्य से अचानक किस्मत चमक जाती है, लेकिन वो स्थायी नहीं रहती। नए पाप पुराने पुण्य को दबा देते हैं।
सच्चा रास्ता क्या है?
महाराज जी ने भक्तों को समझाया कि असली सुख-समृद्धि के लिए भगवान का नाम जपें, ईमानदारी से काम करें, अच्छे कर्म करें और निस्वार्थ सेवा करें।
सुख-दुख को समान भाव से स्वीकार करें। गंगा स्नान जैसे प्रायश्चित करें। धर्म का पालन करें। यही असली मंगल लाता है – जो हमेशा रहता है।
उन्होंने कहा कि लोग नाम बदलना जैसे “ड्रामा” इसलिए पसंद करते हैं क्योंकि असली भजन मार्ग में मेहनत लगती है।
जो बेचते हैं, खुद गरीब रहते हैं
महाराज जी ने तंज कसा कि ऐसे उपाय बेचने वाले खुद गरीबी में जीते हैं। इससे साफ पता चलता है कि ये चीजें बेकार हैं।
अंत में उन्होंने कहा – वर्तमान दुख भक्ति से दूर करें। आगे के जन्म अपने आप उज्ज्वल हो जाएंगे। आत्मा तो अमर है, अभी अच्छे कर्म करें – यही शाश्वत सुख का रास्ता है।

