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प्रेमानंद जी महाराज की किडनी फेल्यर की स्थिति: उपचार और जरूरी जानकारी

वृंदावन के प्रिय आध्यात्मिक गुरु प्रेमानंद जी महाराज किडनी फेल्यर से जूझ रहे हैं। उनके स्वास्थ्य को लेकर लाखों भक्त चिंतित हैं। आइए जानते हैं उनकी स्थिति, किडनी फेल्यर का उपचार और इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातें।

प्रेमानंद जी महाराज की स्वास्थ्य स्थिति

पिछले कुछ हफ्तों से प्रेमानंद जी महाराज का स्वास्थ्य खराब है। उनकी नियमित पदयात्रा और प्रवचन रुक गए हैं। आश्रम ने पुष्टि की है कि वे रोजाना डायलिसिस पर हैं। उनकी किडनी करीब 18-20 साल से काम नहीं कर रही। फिर भी, वे आध्यात्मिक मार्गदर्शन दे रहे हैं। भक्तों का कहना है कि महाराज ने कहा, “दोनों किडनी खराब हैं… अब क्या ठीक होगा, अनिश्चित है।”

रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्हें पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज (PKD) है। यह एक आनुवंशिक बीमारी है, जिसमें किडनी में सिस्ट बनते हैं। इससे किडनी धीरे-धीरे काम करना बंद कर देती है।

किडनी फेल्यर का उपचार

डॉ. भानु मिश्रा, नेफ्रोलॉजिस्ट, फोर्टिस हॉस्पिटल, दिल्ली, बताते हैं, “जब किडनी खून को साफ नहीं कर पाती, तो डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट जरूरी होता है।” विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, किडनी रोग विश्व स्तर पर बढ़ रही समस्या है। शुरुआती निदान और सही देखभाल से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।

मुख्य उपचार:

किडनी फेल्यर के बारे में जरूरी बातें

प्रेमानंद जी के लिए इसका मतलब

प्रेमानंद जी महाराज का किडनी फेल्यर से संघर्ष हमें स्वास्थ्य की नाजुकता का अहसास कराता है। डायलिसिस और ट्रांसप्लांट इस बीमारी के मुख्य उपचार हैं। उनकी लंबी जीविका मानसिक शक्ति और अनुशासित देखभाल का सबूत है। शुरुआती जांच, स्वस्थ जीवनशैली, और नियमित चेकअप से किडनी रोग को रोका जा सकता है।

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