Punya Bhumi Ye Chitrakut Ki Jaha Base Shri Ram | पुण्य भूमि ये चित्रकूट की: दोस्तों नमस्कार, आज हम आप लोगों को इस पोस्ट के माध्यम से पुण्य भूमि ये चित्रकूट की के बारे में बताएँगे। इस भक्ति भजन में उस पावन भूमि की महिमा का गुणगान किया गया है, जहाँ प्रभु श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण जी ने अपने वनवास का समय बिताया था। चित्रकूट की पुण्य महिमा और श्रीराम जी की दिव्यता को हृदय से अनुभव किया जा सकता है।
पुण्य भूमि ये चित्रकूट की
Punya Bhumi Ye Chitrakut Ki
पुण्य भूमि ये चित्रकूट की,
जहाँ बसे श्रीराम।
बरस बिता के ग्यारह,
इसको बना गए धाम।
तुलसी करते रामचरित में,
राम नाम का गान।
कामदगिरि में आके बसे भगवान,
बरस बिता के ग्यारह,
इसको बना गए धाम॥
दो वचनों के कारण ही,
वनवास हुआ।
ज्ञानी ऋषियों के खातिर,
बन गयी दुआ।
राम सँहारे दुष्ट जनों को,
संत भजै हरि नाम।
बरस बिता के ग्यारह,
इसको बना गए धाम॥
जंगल की दिनचर्या,
सीखें राम लखन ।
असुरहीन कर सकें,
जल्द ही ये कानन।
जहाँ गूंज हो सत्कर्मों की,
निश्चर मिटे तमाम।
बरस बिता के ग्यारह,
इसको बना गए धाम॥
सूपनखा के कारण,
मारे खरदूषण।
सीता हरण के बाद,
गिरे जो आभूषण।
खोजत पहुंचे ऋष्यमूक तक,
जहां मिले हनुमान।
बरस बिता के ग्यारह,
इसको बना गए धाम॥
बाली वध सुग्रीव को,
राजा बना दियो।
अंगद को युवराज,
उसी पल बता दियो।
जामवन्त संग खोज में निकले,
सेना के बलवान।
बरस बिता के ग्यारह,
इसको बना गए धाम॥
शिव पूजा करि रामचंद्र,
पुल बनवाए।
रावण मारि प्रभु जी,
सीता ले आए।
हुई दीवाली नगर अयोध्या,
सन्त करें गुणगान।
बरस बिता के ग्यारह,
इसको बना गए धाम॥
Credit the Video : Chitrakoot Music Production YouTube Channel
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