Saras Kishori Bayas Ki Thori Rati Ras Bhori | सरस किशोरी वयस की थोरी: दोस्तों नमस्कार, आज हम आप लोगों को इस पोस्ट के माध्यम से सरस किशोरी वयस की थोरी के बारे में बताएँगे। जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज द्वारा रचित 22 पदों का प्रेम रस मदिरा प्रकीर्ण-माधुरी अत्यंत भावनात्मक, पवित्र और मधुर हैं। यह श्री राधा कृष्ण के सौंदर्य, कृपा एवं दया का उदहारण प्रकट करता है। प्रेम और विनम्रता से भरे यह पद मन को स्वतः ओर विनम्र बनाता है। हे प्रेमरस से युक्त किशोरी जी, हे किशोर अवस्था वाली राधिके, हे प्रेमरस में सराबोर वृषभानुदुलारी, मेरे ऊपर भी कृपा की दृष्टि करो। तो आइये सुमिरन करते हैं सरस किशोरी वयस की थोरी:
Saras Kishori Bayas Ki Thori Rati Ras Bhori
Saras Kishori Vayas Ki Thori
सरस किशोरी वयस की थोरी
सरस किशोरी वयस की थोरी,
रति रस भोरी, कीजै कृपा की कोर।
श्री राधे, कीजै कृपा की कोर।
सरस किशोरी, वयस की थोरी,
रति रस भोरी, कीजै कृपा की कोर।
श्री राधे, कीजै कृपा की कोर
साधन हीन, दीन मैं राधे,
तुम करुणामयी प्रेम अगाधे,
काके द्वारे, जाय पुकारे,
कौन निहारे, दीन दुःखी की ओर,
सरस किशोरी, वयस की थोरी,
रति रस भोरी, कीजै कृपा की कोर।
श्री राधे, कीजै कृपा की कोर
करत अघन नहीं नेक उघाऊँ,
भजन करन में ना मन को लगाऊँ,
करी बरजोरी, लखि निज ओरी,
तुम बिनु मोरी, कौन सुधारे दोर।
सरस किशोरी, वयस की थोरी,
रति रस भोरी, कीजै कृपा की कोर
भलो बुरो सो हूँ तिहारो,
तुम बिनु कोउ न हितु हमारो,
भानुदुलारी, सुधि लो हमारी,
शरण तिहारी, हौं पतितन सिरमोर।
सरस किशोरी, वयस की थोरी,
रति रस भोरी, कीजै कृपा की कोर।
श्री राधे, कीजै कृपा की कोर
गोपी प्रेम की भिक्षा दीजै,
कैसेहुँ मोहिं अपनी करी लीजै,
तव गुण गावत, दिवस बितावत,
हृदय भर आवत, बहवे प्रेम विभोर,
सरस किशोरी, वयस की थोरी,
रति रस भोरी, कीजै कृपा की कोर।
श्री राधे, कीजै कृपा की कोर।
पाय तिहारो प्रेम किशोरी,
छके प्रेमरस ब्रज की खोरी,
गति गजगामिनि, छवि अभिरामिनी,
लखि निज स्वामिनी, बने कृपालु चकोर॥
सरस किशोरी, वयस की थोरी,
रति रस भोरी, कीजै कृपा की कोर।
श्री राधे, कीजै कृपा की कोर।
Credit the Video: Devi Chitralekhaji Bhajan YouTube Channel
Credit the Video: श्री हित पथ YouTube Channel
Credit the Video: Sankirtan – Jagadguru Shri Kripalu Ji Maharaj YouTube Channel
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