Shree Giriraj Dharyashtakam | श्री गिरिराजधार्याष्टकम | श्री गिरिराज धारी अष्टकम: श्री वल्लभाचार्य जी द्वारा रचा गया श्री गिरिराज धरणाष्टकम् यह एक पवित्र और अत्यंत सुंदर स्तोत्र है। इसमें भगवान कृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाने की लीला की महिमा का वर्णन है। विशेष रूप से श्री गिरिराज गोवर्धन की उपासना करने वाले वैष्णवों में नित्य गाया जाने वाला यह स्तोत्र है।
श्री गिरिराजधार्याष्टकम
श्री गिरिराज धारी अष्टकम
भक्ताभिलाषा चरितानुसारी दुग्धादिचौर्यण यशोविसारी ।
कुमारिता नन्दित घोषनारि ममः प्रभु श्री गिरिराजधारी ॥१॥
ब्रजांगनावृन्द सदाबिहारी अंगैर्गुहागार तमोपहारी ।
क्रीडा रसावेश तमोभिसारी ममः प्रभु श्री गिरिराजधारी ॥२॥
वेणुस्वनानन्दित पन्नगारी रसातलानृत्य पद प्रचारी ।
क्रीडन्वयस्या कृतिदैत्यमारी ममः प्रभु श्री गिरिराजधारी ॥३॥
पुलिन्ददारा हित शम्बरारी रमासदोदार दयाप्रकारी ।
गोवर्धने कन्द फलोपहारी ममः प्रभु श्री गिरिराजधारी ॥४॥
कलिन्दजाकूल दुकूलहारी कुमारिका कामलावितारी ।
वृन्दावने गोधनवृन्दचारी ममः प्रभु श्री गिरिराजधारी ॥५॥
व्रजेन्द्र सर्वाधिक शर्मकारी महेन्द्र गर्वाधिक गर्वहारी ।
वृन्दावने कन्दफलोपहारी ममः प्रभु श्री गिरिराजधारी ॥६॥
मनः कलानाथ तमोविदारी वंशीरवाकारित तत्कुमारी ।
रासोत्सवोद्वेल्ल रसाब्धिसारी ममः प्रभु श्री गिरिराजधारी ॥७॥
मत्तद्विपोद्याम गतानुकारी लुण्ठ्त्प्रसुना प्रपदीनहारी ।
रामोरसस्पर्श करप्रसारी ममः प्रभु श्री गिरिराजधारी ॥८॥
॥ इति श्रीमद्वल्लभाचार्य विरचितं श्री गिरिराजधार्याष्टकम सम्पूर्णम ॥
Shree Giriraj Dharyashtakam
Bhakta Bhilasha – charita nu-sari, dughdadi chauryena yasho visaari ।
Kumarita nandita ghosha naari, mama Prabhu Shree Girirajdhari ॥ 1 ॥
Vrajangana vrunda sada vihaari, angai gruha gara tamopahaari ।
Krida rasa ve shatamo bhisaari, mama Prabhu Shree Girirajdhari ॥ 2 ॥
Venu swana nandita panna gaari, rasa tala nrutya pada prachari ।
Kridan vayasya, kruti daitya maari, mama Prabhu Shree Girirajdhari ॥ 3 ॥
Pulinda dara hitha shamba raari, rama samo daara, daya prakari ।
Govardhane kandha phalo pahari, mama Prabhu Shree Girirajdhari ॥ 4 ॥
Kalinda jakoola dukoola haari, kumarika kaama kala vitaari ।
Vrundavane godhana vruda chaari, mama Prabhu Shree Girirajdhari ॥ 5 ॥
Vrajendra sarvadhika sharma-kari, mahendra garvadhika garva haari ।
Vrundavane kandha phalo pahari, mama Prabhu Shree Girirajdhari ॥ 6 ॥
Mana: kala natha tamo vidhari, vanshi-rava kaarita tat kumari ।
Raasot savodwai rasabhddhi saari, mama Prabhu Shree Girirajdhari ॥ 7 ॥
Mattha dvipodaama gatanu kaari, luntath prasoona, prapadina haari ।
Ramo rasas samsparsha, kara prasaari, mama Prabhu Shree Girirajdhari ॥ 8 ॥
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