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वल्लभं गजाननं एकदन्तं | Vallabham Gajananam Ekadantham | Mantra for Removing All Obstacles

वल्लभं गजाननं एकदन्तं | Vallabham Gajananam Ekadantham | Mantra for Removing All Obstacles

Credit the Video: Bhakti YouTube Channel

वल्लभं गजाननं एकदन्तं | Vallabham Gajananam Ekadantham | Mantra for Removing All Obstacles : भगवान गणेश जी को विद्या, बुद्धि, समृद्धि, संसारिक स्तिथि में स्थिरता, सुरक्षा और सफलता का प्रतीक माना जाता है। इसलिए, भगवान गणेश के प्रति अपनी श्रद्धा और समर्पण भाब का प्रदर्शन करते हुए इस “वल्लभं गजाननं एकदन्तं” मंत्र का जाप करना चाहिए। यह मंत्र हमें बुद्धिमान बनाता है और सभी प्रकार के कार्यों में सफलता प्रदान करता है। इस मंत्र के द्वारा हम उनकी कृपा, आशीर्वाद, जीवन में सद्विचार, धैर्य और समर्पण की भावना प्राप्त करते हैं। वल्लभं गजाननं एकदन्तं का जाप करने से हम अपने जीवन में आने वाली हर परेशानी, मुश्किल दूर होगी, सभी प्रकार के कार्यों में सफलता, मानसिक और आध्यात्मिक उन्नति मिलती है।

वल्लभं गजाननं एकदन्तं का अर्थ:

वल्लभं (Vallabham) = प्रिय, प्यारा – Beloved Lord
गजाननं (Gajananam) = हाथी के समान दंत वाले – Elephant-Shaped Lord
एकदन्तं (Ekadantham) = एक दंत वाले – Single-Tusked

Vallabham Gajananam Ekadantham

Mantra for Removing All Obstacles

Mantra for Dream Job

Mantra for Marriage

Mantra for Happiness

Mantra for Clear Skin

Mantra for Back Pain

Om Shree Ganeshay Namah

॥ Vallabham Gajananam Ekadantham ॥

वल्लभं गजाननं एकदन्तं

ॐ श्री गणेशाय नमः

॥ वल्लभं गजाननं एकदन्तं ॥

भगवान गणेश को रूट चक्र की देवता माना जाता है। रूट चक्र मूलतः (Balancing Root Chakra – मूलाधार चक्र) स्थिरता, सुरक्षा, आत्मविश्वास और आधार की प्रतीक है।

Beejs Mantras: “RUM BUM LUM DUM & VUM” “रं बं लं दं और वं”

यह बीज मंत्र विभिन्न चक्रों के सक्रियण और संतुलन के लिए आह्वान करते हैं। इन मंत्रों के जाप से हमें आहार को पचाने, संश्लेषण करने और अवशोषण करने की क्षमता मिलती है। इसके साथ ही, हमें सुख की भावना, शक्ति की प्राप्ति, मूलाधार चक्र की सक्रियता और मूलभूत ऊर्जा के स्थानिकरण की शक्ति प्राप्त होती है।

रं – RUM for पाचन – Digestion, आपातन-Absorption और समावेशन-Assimilation के लिए उपयोग होता है।
बं – BUM for निकासी – Elimination और सुख-Comfort के प्रभाव को देने के लिए होता है।
लं – LUM for मूलाधार – Roots/Basic/Mooladhar चक्र के मजबूती-Strength और सक्रियण-Activation के लिए होता है।
दं – Dam for सुख – आराम-comfort के लिए होता है।
वं – Vum for स्वाधिष्ठान – Sex/Swadhisthan – चक्र के सक्रियण-Activation के लिए होता है। BAM (वल्लभं में – in Vallabam) आराम-Comfort का प्रभाव देता है।

इस प्रकार, इस बीज मंत्रों के द्वारा विभिन्न शक्तियों और चक्रों को सक्रिय करने का आह्वान करता है। हमें सुख, शक्ति और स्थिरता का अनुभव करने में सहायता करता है।

Disclaimer : Bhakti Bharat Ki / भक्ति भारत की (https://bhaktibharatki.com/) किसी की आस्था को ठेस पहुंचना नहीं चाहता। ऊपर पोस्ट में दिए गए उपाय, रचना और जानकारी को भिन्न – भिन्न लोगों की मान्यता और जानकारियों के अनुसार, और इंटरनेट पर मौजूदा जानकारियों को ध्यान पूर्वक पढ़कर, और शोधन कर लिखा गया है। यहां यह बताना जरूरी है कि Bhakti Bharat Ki / भक्ति भारत की (https://bhaktibharatki.com/) किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पूर्ण रूप से पुष्टि नहीं करता। मंत्र के उच्चारण, किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ, ज्योतिष अथवा पंड़ित की सलाह अवश्य लें। मंत्र का उच्चारण करना या ना करना आपके विवेक पर निर्भर करता है।

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