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Vishvambhari Stuti | माँ विश्वम्भरी स्तुति | વિશ્વંભરી સ્તુતિ

Mrs. Nita Ambani's Performance to Vishwambhari Stuti For Anant & Radhika's Prewedding Celebration

Credit the Video: Nita Mukesh Ambani Cultural Centre YouTube Channel

Vishvambhari Stuti | माँ विश्वम्भरी स्तुति | વિશ્વંભરી સ્તુતિ : दोस्तों नमस्कार, आज हम आप लोगों को इस पोस्ट के माध्यम से माँ विश्वम्भरी स्तुति के बारे में बताएँगे। विश्वम्भरी स्तुति देवी अंबाजी की शक्ति और महिमा का वर्णन करती है। किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत में आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए विश्वम्भरी स्तुति पढ़ी जाती है। विश्वम्भरी स्तुति का पाठ समर्पण की भावना से करने से हमें उस कार्य में सफलता की प्राप्ति होती है। तो आइये सुमिरन करते हैं माँ विश्वम्भरी स्तुति:

Vishvambhari Stuti

Vishwambhari Akhil Vishwa Tani Janeta
Vidhya Dhari Vadanma Vasajo Vidhata
Door-Budhhine Door Kari Sad-Buddhi Apo
Maampaahi Om Bhagavati Bhava Dukha Kapo

Bhulo Padi Bhavarane Bhataku Bhavani
sujhe Nahi Lagir Koi Disha Javani
Bhaase Bhayankar Vali Man Na Utapo
Maampaahi Om Bhagavati Bhava Dukha Kapo

Aa Rankne Ugarava Nathi Koi Aaro
Janmaand Chhu Janani Hu Grahi Baal Taro
Naa Shu Suno Bhagavati Shishu Naa Vilapo
Maampaahi Om Bhagavati Bhava Dukha Kapo

Maa Karma Janma Kathni Karta Vicharu
Aa Shrushtima Tuj Vina Nathi Koi Maru
Kone Kahu Katthan Yog Tano Balaapo
Maampaahi Om Bhagavati Bhava Dukha Kapo

Hoon Kaam, Krodh, Madh Moh Thaki Chhakelo
Aadambare Ati Ghano Madthi Bakelo
Dosho Thaki Dushit Na Kari Maaf Paapo
Maampaahi Om Bhagavati Bhava Dukha Kapo

Naa Shaashtra Na Shravan Nu Paipaan Pidhu
Naa Mantra Ke Stuti Katha Nathi Kai Kidhu
Shradhha Dhari Nathi Karya Tav Naam Jaapo
Maampaahi Om Bhagavati Bhava Dukha Kapo

Re Re Bhavani Bahu Bhool Thayi Che Mari
Aa Zindagi Thai Mane Atishe Akaari
Dosho Prajaali Sagada Tava Chhaap Chhapo
Maampaahi Om Bhagavati Bhava Dukha Kapo

Khaali Na Koi Sthal Che Vina Aap Dharo
Bhrahmandma Anu-Anu Mahi Vaas Taro
Shakti Na Maap Ganava Agneeta Mapo
Maampaahi Om Bhagavati Bhava Dukha Kapo

Paape Prapanch Karva Badhi Vaate Puro
Khoto Kharo Bhagavati Pann Hoon Tamaro
Jadyandhakaar Door Kari Sad-Budhhi Aapo
Maampaahi Om Bhagavati Bhava Dukha Kapo

Sheekhe Sune Rasik Chandaj Ek Chitte
Tena Thaki Trividhh Taap Talek Khachite
Vadhe Vishesh Vali Amba Tana Prataapo
Maampaahi Om Bhagavati Bhava Dukha Kapo

Shri Sad-Guru Na Charanma Rahine Bhaju Chhu
Raatri Dine Bhagavati Tujne Bhaju Chhu
Sad-Bhakt Sevak Tana Paritaap Chaapo
Maampaahi Om Bhagavati Bhava Dukha Kapo

Antar Vishe Adhik Urmi Thata Bhavani
Gaun Stuti Tava Bale Namine Mrugaani
Sansarna Sakal Rog Samoola Kapo
Maampaahi Om Bhagavati Bhava Dukha Kapo

माँ विश्वम्भरी स्तुति

विश्वंभरी अखिल विश्व तनी जनेता
विद्या धरी वदनमा वसजो विधाता
दुर्बुद्धिने दूर करी सदबुद्धि आपो
माम पाहि ॐ भगवती भव दुःख कापो

भूलो पड़ी भवरने भटकू भवानी
सूझे नहीं लगिर कोई दिशा जवानी
भासे भयंकर वाली मन ना उतापो
माम पाहि ॐ भगवती भव दुःख कापो

आ रंकने उगरावा नथी कोई आरो
जन्मांड छू जननी हु ग्रही बाल तारो
ना शु सुनो भगवती शिशु ना विलापो
माम पाहि ॐ भगवती भव दुःख कापो

माँ कर्म जन्मा कथनी करता विचारू
आ स्रुष्टिमा तुज विना नथी कोई मारू
कोने कहू कथन योग तनो बलापो
माम पाहि ॐ भगवती भव दुःख कापो

हूँ काम क्रोध मद मोह थकी छकेलो
आदम्बरे अति घनो मदथी बकेलो
दोषों थकी दूषित ना करी माफ़ पापो
माम पाहि ॐ भगवती भव दुःख कापो

ना शाश्त्रना श्रवण नु पयपान किधू
ना मंत्र के स्तुति कथा नथी काई किधू
श्रद्धा धरी नथी करा तव नाम जापो
माम पाहि ॐ भगवती भव दुःख कापो

रे रे भवानी बहु भूल थई छे मारी
आ ज़िन्दगी थई मने अतिशे अकारि
दोषों प्रजाली सगला तवा छाप छापो
माम पाहि ॐ भगवती भव दुःख कापो

खाली न कोई स्थल छे विण आप धारो
ब्रह्माण्डमा अणु अणु महि वास तारो
शक्तिन माप गणवा अगणीत मापों
माम पाहि ॐ भगवती भव दुःख कापो

पापे प्रपंच करवा बधी वाते पुरो
खोटो खरो भगवती पण हूँ तमारो
जद्यान्धकार दूर सदबुध्ही आपो
माम पाहि ॐ भगवती भव दुःख कापो

शीखे सुने रसिक चंदज एक चित्ते
तेना थकी विविधः ताप तळेक चिते
वाधे विशेष वली अंबा तना प्रतापो
माम पाहि ॐ भगवती भव दुःख कापो

श्री सदगुरु शरणमा रहीने भजु छू
रात्री दिने भगवती तुजने भजु छू
सदभक्त सेवक तना परिताप छापो
माम पाहि ॐ भगवती भव दुःख कापो

अंतर विशे अधिक उर्मी तता भवानी
गाऊँ स्तुति तव बले नमिने मृगानी
संसारना सकळ रोग समूळ कापो
माम पाहि ॐ भगवती भव दुःख कापो

વિશ્વંભરી સ્તુતિ

વિશ્વંભરી અખિલ વિશ્વતણી જનેતા,
વિદ્યા ધરી વદનમાં વસજો વિધાતા|
દુર્બુદ્ધિને દુર કરી સદ્બુદ્ધિ આપો,
મામ્ પાહિ ઓમ ભગવતિ ભવ દુઃખ કાપો||

ભુલો પડી ભવરણે ભટકુ ભવાની,
સૂજે નહી લગિર કોઈ દિશા જવાની|
ભાસે ભયંકર વળી મનના ઉતાપો,
મામ્ પાહી ઓમ ભગવતિ ભવ દુઃખ કાપો||

આ રંકને ઉગરવા નથી કોઈ આરો,
જનમાન્ધ છું જનની હુ ગ્રહિ બાળ તારો||
ના શું સુણો ભગવતિ શિશુ ના વિલાપો,
મામ્ પાહિ ઓમ ભગવતિ ભવ દુઃખ કાપો||

મા કર્મ જન્મ કથની કરતા વિચારૂં,
આ સૃષ્ટિમા તુજ વિના નથી કોઈ મરૂં|
કોને કહું કઠણ યોગ તણો બળાપો,
મામ્ પાહિ ઓમ ભગવતિ ભવ દુઃખ કાપો||

હું કામ ક્રોધ મદ મોહ થકી છકેલો,
આડંબરે અતિ ઘણો મદથી બકેલો|
દોષો થકી દુષિત ના કરી માફ પાપો,
મામે પાહિ ઓમ ભગવતિ ભવ દુઃખ કાપો|

ના શાસ્ત્ર ના શ્રવણનું પયપાન પીધું,
ના મંત્ર કે સ્તુતિ કથા નથી કાંઈ કીધું|
શ્રધ્ધા ધરી નથી કર્યા તવ નામ જાપો,
મામ્ પાહિ ઓમ ભગવતી ભવ દુઃખ કાપો||

રે રે ભવાની બહુ ભૂલ થઈ છે મારી,
આ જિંદગી થઈ મને અતિશય અકારી|
દોષો પ્રજાળી સધળા તવ છાપ છાપો,
મામ્ પાહિ ઓમ્ ભગવતિ ભવ દુઃખ કાપો||

ખાલી ન કોઈ સ્થળ છે વીણ આપ ઘારો,
બ્રહ્માંડમાં અણુ અણુ મહી વાસ તારો|
શક્તિ ન માપ ગણવા અગણિત માપો,
મામ્ પાહિ ઓમ ભગવતિ ભવ દુઃખ કાપો||

પાપે પ્રપંચ કરવા બધી વાતે પૂરો,
ખોટો ખરો ભગવતિ પણ હું તમારો|
જાડયાંધકાર દૂર કરી સદબુદ્ધિ આપો,
મામ્ પાહી ઓમ ભગવતિ ભવ દુઃખ કાપો||

શીખે સુણે રસિક છંદ જ એક ચિત્તે,
તેના થકી ત્રિવિધ તાપ ટળે ખચીતે|
વાધે વિશેષ વળી અંબા તણા પ્રતાપો,
મામ્ પાહિ ઓમ ભગવતિ ભવ દુઃખ કાપો||

શ્રી સદગુરુ ના શરણમા રહીને ભજુ છુ,
રાત્રિ દિને ભગવતિ તુજને ભજું છું|
સદ્ભક્ત સેવક તણા પરિતાપ ચાપો,
મામ્ પાહિ ઓમ ભગવતિ ભવ દુઃખ કાપો||

અંતર વિષે અધિક ઉર્મિ થતાં ભવાની,
ગાઉ સ્તુતિ તવ બળે નમીને મૃગાની|
સંસારના સકળ રોગ સમૂળ કાપો,
મામ્ પાહિ ઓમ ભગવતિ ભવ દુઃખ કાપો||

Credit the Video: KD Digital YouTube Channel

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