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राशिचक्र और न्यूमेरोलॉजी में क्या फर्क है?

नई दिल्ली: रोजाना हम सुनते हैं अपनी राशि का हाल। मेष, सिंह या कुंभ। लेकिन न्यूमेरोलॉजी अलग चीज है। लोग नाम या जन्म तारीख से नंबर निकालते हैं और किस्मत जोड़ते हैं।

दोनों पुरानी विद्या हैं। फिर फर्क क्या?

राशिचक्र यानी जोडियाक साइंस ग्रहों और सितारों पर टिकी है। जन्म के समय सूरज किस राशि में था, उसी से आपकी सन साइन निकलती है। यह बताती है आपका स्वभाव, करियर, रिश्ते कैसे चलेंगे।

न्यूमेरोलॉजी सिर्फ नंबरों की दुनिया है। जन्म तारीख जोड़कर लाइफ पाथ नंबर निकालते हैं। नाम के हर अक्षर को नंबर देते हैं। यह बताता है आपकी अंदरूनी ताकत, कमजोरी और जिंदगी का रास्ता।

संक्षेप में, राशिचक्र बाहर के ग्रहों से जुड़ा। न्यूमेरोलॉजी आपके नाम और डेट से। दोनों मिलकर इस्तेमाल भी होते हैं।

दुनिया में कौन ज्यादा भरोसेमंद?

दुनिया भर में राशिचक्र ज्यादा मशहूर है। हर अखबार में डेली हॉरोस्कोप छपता है। लोग अपनी सन साइन जानते हैं।

भारत में भी यही हाल। ज्योतिष बहुत पुराना और लोकप्रिय। न्यूमेरोलॉजी कम लोग जानते हैं, लेकिन बॉलीवुड और बिजनेस में इसका क्रेज है।

वैज्ञानिक नजर से दोनों पर सवाल हैं। लेकिन लोग मानते हैं क्योंकि दिल को सुकून मिलता है।

नाम बदलकर सफल हुए सितारे

बॉलीवुड में कई स्टार्स ने न्यूमेरोलॉजी से नाम बदला और किस्मत चमकी।

अक्षय कुमार पहले राजीव भाटिया थे। नाम बदला तो हिट फिल्मों की लाइन लग गई। आज बॉलीवुड के टॉप स्टार।

ऋतिक रोशन का असली सरनेम नागरथ था। रोशन किया तो डेब्यू फिल्म सुपरहिट। डांस और एक्टिंग से सब दीवाने।

आयुष्मान खुराना ने नाम में एक्स्ट्रा अक्षर जोड़े। उसके बाद विकी डोनर से लेकर आर्टिकल 15 तक, हर फिल्म ने तारीफ बटोरी।

राजकुमार राव ने भी एक्स्ट्रा ‘म’ डाला। छोटे रोल से निकलकर नेशनल अवॉर्ड जीते।

एकता कपूर तो न्यूमेरोलॉजी की बड़ी फैन। अपने शो के नाम में ‘क’ लगाती हैं। बालाजी से सैकड़ों हिट सीरियल दिए।

ये कहानियां बताती हैं कि कई लोग न्यूमेरोलॉजी पर यकीन करते हैं। नाम बदलकर नई ऊर्जा महसूस की।

अंत में, राशिचक्र हो या न्यूमेरोलॉजी। दोनों खुद को समझने का तरीका हैं। आप क्या मानते हैं, वो आपकी किस्मत खुद बनाती है।

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