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December 18, 2024
Chalisa

Vinay Chalisa | विनय चालीसा – नीम करोली बाबा की जीवनी, चमत्कार, आश्रम और परिवार

नीम करोली बाबा जी की चालीसा (1900 – 11 सितंबर 1973) Neem Karoli Baba Chalisa Lyrics : नीम करोली बाबा एक बेहद ही पूजनीय संत और भगवान हनुमान के बहुत बड़े भक्त थे। नीम करोली बाबा इन दिनों बेहद ही चर्चा में बने हुए हैं। फिर वह आम इंसान हो खास हर कोई उनका स्नेह पाना चाहता है। दोस्तों यदि आप भी नीम करोली बाबा के भक्त हैं और उनकी पूजा करना चाहते हैं। तो सबसे पहले आपको नीम करोली बाबा के मंत्रों का सही प्रकार से उच्चारण करना सीखना होगा। जिसके बाद ही आप नीम करोली बाबा का आशीवार्द प्राप्त कर सकते हैं। बता दें कि, नीम करोली बाबा के द्वारा स्थापित कैंची धाम आश्रम इन दिनों भक्तों के बीच बेहद ही चर्चित है। आपको भी करोली बाबा के मंत्र के बारे में सही और सभी प्रकार की जानकारी हासिल करना है तो इस ब्लॉग पर पहुंचकर आपकी खोज समाप्त हो चुकी है। यदि आप भी नीम करोली बाबा के मंत्रों के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो हम आपको इस आर्टिकल में Neem Karoli Baba Chalisa Lyrics से संबंधित संपूर्ण चीजों के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी देंगे इसलिए लेख को पूरा पढ़ें।

परिवार:

उनका जन्म सन 1900 में भारत के उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के अकबरपुर गांव में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। नीम करौली बाबा का असली नाम लक्ष्मण नारायण शर्मा था। उनका पिता नाम दुर्गा प्रसाद शर्मा।उनकी प्राथमिक शिक्षा की शुरुआत अकबरपुर के ही रहीन गांव में हुआ था। उनका विवाह केवल 11 वर्ष में कर दिया गया था। हालांकि वह एक साधु बनना चाहते थे। बाद में, उनके दो बेटों और एक बेटी हुई। साल 1958 में अपना घर छोड़ दिया था। वह बिना टिकट ट्रेन में सवार हो गए। इसलिए, टिकट चेकर (कंडक्टर) ने ट्रेन को रोक दिया और उन्हें यूपी के फर्रुखाबाद जिले के नीब करोरी गांव में ट्रेन से उतार दिया। हालांकि, जब बाबा को ट्रेन से उतार दिया गया तो पता चला कि ट्रेन फिर से शुरू नहीं हुई। ट्रेन को चालू करने के कई प्रयास किए गए, लेकिन सब बेकार गए।

चमत्कार:

किसी ने सुझाव दिया कि उन्हें बाबा को ट्रेन में वापस जाने देना चाहिए। बाबा ट्रेन में चढ़ने के लिए राजी हो गए। हालांकि उन्होंने रेलवे अधिकारियों के सामने एक शर्त रखी। वह चाहते थे कि रेलवे को नीब करोरी गांव में एक स्टेशन बनाना चाहिए। अधिकारियों ने इस अनुरोध पर सहमति व्यक्त की और नीम करोली बाबा ने फिर ट्रेन में चढ़ने का फैसला किया। तो, बाबा ने अपना आशीर्वाद दिया और ट्रेन आगे बढ़ गई। बाद में रेलवे अधिकारियों ने नीब करोरी गांव में एक स्टेशन बनाया। नीम करौली बाबाका चमत्कार केवल भारत नेही पूरी दुनिया में विख्यात हैं।

सन् 1938 तक लगभग 20 वर्षों तक महाराज जी नीब करोरी गाँव के किनारे पर साधु के रूप में बैठे रहा करते थे और स्थानीय लोगों द्वारा उन्हें “नीम करोली बाबा” नाम दिया गया। गुजरात में उन्हें तलैया बाबा के नाम से, विद्यार्थियों के बीच तिकोनिया वाला बाबा, लक्ष्मण दास और अन्य जैसे कई नाम से प्रसिद्ध हो गए। वृंदावन के स्थानीय लोग उन्हें (चमत्कारी बाबा) के नाम से पुकारते थे। बो बाला हनुमान जी के परम भक्त थे।

आश्रम:

उनके जीवनकाल में दो मुख्य आश्रम बने। एक वृंदावन में था, यह आश्रम मथुरा रोड से कुछ ही दूरी पर परिक्रमा मार्ग पर है। यह आश्रम का उद्घाटन 26 जनवरी सन 1967 में हुआ था और दूसरा आश्रम कैंची में था। गर्मी के दिन बाबा अपनी कैंची आश्रम में बिताया करते थे।

जीवनी:

जीवन भर भक्ति योग का अभ्यास, दूसरों की सेवा, प्रेम, प्रचार भक्ति और मानवता की सेवा के लिए प्रसिद्ध थे। महाराजजी साल 1973 में वृंदावन में अपना शरीर छोड़ने का फैसला किया। 11 सितंबर 1973 की सुबह लगभग 1:15 बजे वृंदावन के एक अस्पताल में निधन हो गया।

नीम करोली बाबा की विनय चालीसा:

यदि आप भी देवभूमी उत्तराखंड के प्रसिद्ध नीम करोली बाबा की चालीसा पाठ करना चाहते हैं तो उसके लिए सर्वप्रथम विनय चालीसा दोहा चौपाई और बाबा के मंत्र आदि के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी प्राप्त कर लें। इन मंत्रों का सही उच्चारण करके ही आप नीम करोली बाबा की चालीसा विधि विधान के साथ कर सकते हैं। आइए पोस्ट के जरिए गुणगान करते हैं बाबा नीम करोली जी की चालीसा। श्री प्रभु दयाल शर्मा जी के द्वारा रचित विनय चालीसा बाबा नीब करोरी को समर्पित है। तो आइए देर ना करते हुए शुरू करते हैं विनय चालीसा का पाठ:

Credit the Video : Bhakti Bhajan India by Rakesh Kumar Sharma YouTube Channel

Neem Karoli Baba – Vinay Chalisa

॥ Doha ॥

Main Hoon Buddhi Maleen Ati ।
Shraddha Bhakti Vihin ॥
Karoon Vinay Kachhu Apki ।
Ho Sab Hi Vidhi Deen ॥

॥ Chaupai ॥

Jai Jai Neeb Karoli Baba ।
Kripa Karahu Aavai Sadbhava ॥ 1 ॥

Kaise Main Tav Stuti Bakhanoo ।
Naam Graam Kachhu Main Nahin Jaanoon ॥ 2 ॥

Jape Kripa Drishti Tum Karahu ।
Rog Shok Duhkh Darid Harahu ॥ 3 ॥

Tumharau Roop Log Nahin Janai ।
Japai Kripa Karahu Soi Bhanai ॥ 4 ॥

Kari De Arpan Sab Tan Man Dhan ।
Pavai Sukh Alaukik Soi Jan ॥ 5 ॥

Daras Paras Prabhu Jo Tav Kari ।
Sukh Sampati Tinake Ghar Bhari ॥ 6 ॥

Jay Jay Sant Bhakt Sukhadayak ।
Riddhi Siddhi Sab Sampati Dayak ॥ 7 ॥

Tum Hi Vishnu Ram Shri Krishna ।
Vicharat Poorn Karan Hit Trshna ॥ 8 ॥

Jay Jay Jay Jay Shri Bhagavanta ।
Tum Ho Sakshat Hanumanta ॥ 9 ॥

Kahi Vibhishan Ne Jo Bani ।
Param Saty Kari Ab Main Mani ॥ 10 ॥

Binu Hari Kripa Milahi Nahin Santa ।
So Kari Kripa Karahi Duhkh Anta ॥ 11 ॥

Soi Bharos Mere Ur Aayo ।
Ja Din Prabhu Darshan Main Paayo ॥ 12 ॥

Jo Sumirai Tumako Ur Maahi ।
Taki Vipati Nasht Hvai Jahi ॥ 13 ॥

Jay Jay Jay Gurudev Hamare ।
Sabahi Bhanti Ham Bhaye Tihare ॥ 14 ॥

Ham Par Kripa Sheeghr Ab Karahu ।
Param Shanti De Duhkh Sab Harahu ॥ 15 ॥

Rok Shok Duhkh Sab Mit Javai ।
Japai Ram Ramahi Ko Dhyavai ॥ 16 ॥

Ja Vidhi Hoi Param Kalyana ।
Soi Soi Aap Dehu Varadana ॥ 17 ॥

Sabahi Bhanti Hari Hi Ko Pooje ।
Raag Dvesh Dvandan So Joojhe ॥ 18 ॥

Karai Sada Santan Ki Seva ।
Tum Sab Vidhi Sab Layak Deva ॥ 19 ॥

Sab Kuchh De Hamako Nistaro ।
Bhavasagar Se Paar Utaro ॥ 20 ॥

Main Prabhu Sharan Tihari Aayo ।
Sab Punyan Ko Phal Hai Payo ॥ 21 ॥

Jay Jay Jay Gurudev Tumhari ।
Baar Baar Jaoon Balihari ॥ 22 ॥

Sarvatr Sada Ghar Ghar Ki Jano ।
Rookho Sookho Hi Nit Khano ॥ 23 ॥

Bhesh Vastr Hai Sada Aise ।
Jaane Nahin Kou Sadhoo Jaise ॥ 24 ॥

Aisi Hai Prabhu Rahani Tumhari ।
Vaani Kaho Rahasyamay Bhari ॥ 25 ॥

Nastik Hoon Aastik Hvai Jaavai ।
Jab Svami Chetak Dikhalavai ॥ 26 ॥

Sab Hi Dharman Ke Anuyayi ।
Tumhe Manavai Sheesh Jhukai ॥ 27 ॥

Nahin Kou Svarath Nahin Kou Ichchha ।
Vitaran Kar Deu Bhaktan Bhiksha ॥ 28 ॥

Kehi Vidhi Prabhu Main Tumhe Manaoon ।
Jaaso Kripa-prasad Tav Paoon ॥ 29 ॥

Sadhu Sujan Ke Tum Rakhavare ।
Bhaktan Ke Ho Sada Sahare ॥ 30 ॥

Dushtoo Sharan Aani Jab Pari ।
Pooran Ichchha Unaki Kari ॥ 31 ॥

Yah Santan Kari Sahaj Subhaoo ।
Suni Aashchary Kari Jani Kau ॥ 32 ॥

Aisi Karahu Aap Ab Daya ।
Nirmal Hoi Jai Man Aur Kaya ॥ 33 ॥

Dharm Karm Mein Roochi Hoi Jaave ।
Jo Jan Nit Tav Stuti Gaavai ॥ 34 ॥

Aave Sadgun Taape Bhaari ।
Sukh Sampati Soi Paave Saari ॥ 35 ॥

Hoy Taasu Sab Pooran Kaama ।
Ant Samay Pavai Vishrama ॥ 36 ॥

Chari Padarath Hai Jag Mahi ।
Tav Kripa Prasad Kachhu Durlabh Naahi ॥ 37 ॥

Traahi Traahi Main Sharan Tihaari ।
Harahu Sakal Mam Vipada Bhari ॥ 38 ॥

Dhany Dhany Bad Bhagy Hamaro ।
Pavai Daras Paras Tav Nyaro ॥ 39 ॥

Karmahin Aru Buddhi Viheena ।
Tav Prasad Kachhu Varnan Keenha ॥40 ॥

॥ Doha ॥

Shraddha Ke Yah Pushp Kachhu ।
Charanan Dhari Samhar ॥
Kripasindhu Gurudev Prabhu ।
Kari Leejai Sweekar ॥

विनय चालीसा – नीम करोली बाबा

॥ दोहा ॥

मैं हूँ बुद्धि मलीन अति ।
श्रद्धा भक्ति विहीन ॥
करूँ विनय कछु आपकी ।
हो सब ही विधि दीन ॥

॥ चौपाई ॥

जय जय नीब करोली बाबा ।
कृपा करहु आवै सद्भावा ॥

कैसे मैं तव स्तुति बखानू ।
नाम ग्राम कछु मैं नहीं जानूँ ॥

जापे कृपा द्रिष्टि तुम करहु ।
रोग शोक दुःख दारिद हरहु ॥

तुम्हरौ रूप लोग नहीं जानै ।
जापै कृपा करहु सोई भानै ॥

करि दे अर्पन सब तन मन धन ।
पावै सुख अलौकिक सोई जन ॥

दरस परस प्रभु जो तव करई ।
सुख सम्पति तिनके घर भरई ॥

जय जय संत भक्त सुखदायक ।
रिद्धि सिद्धि सब सम्पति दायक ॥

तुम ही विष्णु राम श्री कृष्णा ।
विचरत पूर्ण कारन हित तृष्णा ॥

जय जय जय जय श्री भगवंता ।
तुम हो साक्षात् हनुमंता ॥

कही विभीषण ने जो बानी ।
परम सत्य करि अब मैं मानी ॥

बिनु हरि कृपा मिलहि नहीं संता ।
सो करि कृपा करहि दुःख अंता ॥

सोई भरोस मेरे उर आयो ।
जा दिन प्रभु दर्शन मैं पायो ॥

जो सुमिरै तुमको उर माहि ।
ताकि विपति नष्ट ह्वै जाहि ॥

जय जय जय गुरुदेव हमारे ।
सबहि भाँति हम भये तिहारे ॥

हम पर कृपा शीघ्र अब करहु ।
परम शांति दे दुःख सब हरहु ॥

रोक शोक दुःख सब मिट जावै ।
जपै राम रामहि को ध्यावै ॥

जा विधि होई परम कल्याणा ।
सोई सोई आप देहु वरदाना ॥

सबहि भाँति हरि ही को पूजे ।
राग द्वेष द्वंदन सो जूझे ॥

करै सदा संतन की सेवा ।
तुम सब विधि सब लायक देवा ॥

सब कुछ दे हमको निस्तारो ।
भवसागर से पार उतारो ॥

मैं प्रभु शरण तिहारी आयो ।
सब पुण्यन को फल है पायो ॥

जय जय जय गुरुदेव तुम्हारी ।
बार बार जाऊं बलिहारी ॥

सर्वत्र सदा घर घर की जानो ।
रूखो सूखो ही नित खानो ॥

भेष वस्त्र है सादा ऐसे ।
जाने नहीं कोउ साधू जैसे ॥

ऐसी है प्रभु रहनी तुम्हारी ।
वाणी कहो रहस्यमय भारी ॥

नास्तिक हूँ आस्तिक ह्वै जावै ।
जब स्वामी चेटक दिखलावै ॥

सब ही धर्मन के अनुयायी ।
तुम्हे मनावै शीश झुकाई ॥

नहीं कोउ स्वारथ नहीं कोउ इच्छा ।
वितरण कर देउ भक्तन भिक्षा ॥

केही विधि प्रभु मैं तुम्हे मनाऊँ ।
जासो कृपा-प्रसाद तव पाऊँ ॥

साधु सुजन के तुम रखवारे ।
भक्तन के हो सदा सहारे ॥

दुष्टऊ शरण आनी जब परई ।
पूरण इच्छा उनकी करई ॥

यह संतन करि सहज सुभाऊ ।
सुनी आश्चर्य करई जनि काउ ॥

ऐसी करहु आप अब दाया ।
निर्मल होई जाइ मन और काया ॥

धर्म कर्म में रूचि होई जावे ।
जो जन नित तव स्तुति गावै ॥

आवे सद्गुन तापे भारी ।
सुख सम्पति सोई पावे सारी ॥

होय तासु सब पूरन कामा ।
अंत समय पावै विश्रामा ॥

चारि पदारथ है जग माहि ।
तव कृपा प्रसाद कछु दुर्लभ नाही ॥

त्राहि त्राहि मैं शरण तिहारी ।
हरहु सकल मम विपदा भारी ॥

धन्य धन्य बड़ भाग्य हमारो ।
पावै दरस परस तव न्यारो ॥

कर्महीन अरु बुद्धि विहीना ।
तव प्रसाद कछु वर्णन कीन्हा ॥

॥ दोहा ॥

श्रद्धा के यह पुष्प कछु ।
चरणन धरी सम्हार ॥
कृपासिन्धु गुरुदेव प्रभु ।
करी लीजै स्वीकार ॥

***

नीम करोली बाबा की गुरु वंदना का पाठ :

नीम करोली बाबा की गुरु वंदना का पाठ करने के लिए हमारे द्वारा लेख में ऊपर की ओर चौपाई दोहा और उनके चमत्कारी मंत्रों के बारे में विस्तार पूर्वक विवरण देकर आपको बताया है। उपरोक्त लेख के जरिए आप नीम करोली बाबा की गुरु वंदना का पाठ कर सकते हैं। कैंची धाम में जनश्रुतियों के बीच किवदंति है कि, जो व्यक्ति नीम करोली बाबा के गुरु पन्ना का पाठ पूर्ण निष्ठा से करता है उसके जीवन में आ रही तमाम परेशानियों का अंत हो जाता है। इतना ही नहीं उसे मोक्ष का मार्ग प्राप्त करने के लिए एक बेहतर रास्ता दिखाई देता है। यही कारण है कि लाखों की संख्या में श्रद्धालु नीम करोली बाबा की गुरु वंदना का पाठ करते हैं।

कृपासिंधु गुरुदेव प्रभु।
करि लीजे स्वीकार ॥

करू विनय कछु आपकी ।
होउ सब ही विधि दीन ॥

श्रद्धा के यह पुष्प कछु ।
चरणन धरि सम्हार ॥

कृपासिंधु गुरुदेव प्रभु …

***

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