Shubham Karoti Kalyanam | शुभम् करोति कल्याणम्: दोस्तों नमस्कार, आज हम आप लोगों को इस लेख के माध्यम से शुभम् करोति कल्याणम् के अर्थ और महत्व के बारे में बताने वाले हैं। बच्चों को परिवार के साथ रोज शाम को भगवान के सामने घी का दीपक जलाकर यह संध्या-वंदन करनी चाहिए। इसके बाद भगवान के सामने अपनी आंखें बंद कर के और हाथ जोड़कर निर्मल भाव से शुभम् करोति कल्याणम श्लोक का करनी चाहिए।
शुभम् करोति कल्याणम्
शुभम् करोति कल्याणम् आरोग्यम् धन संपदा ।
शत्रुबुद्धि विनाशाय दीप ज्योतिर नमो़स्तुते ॥
दिव्या दिव्या दिपत्कार कानी कुंडले मोतीहार ।
दिव्याला पाहून नमस्कार ॥१॥
दिवा लावला देवांपाशी, उजेड पडला तुळशीपाशी ।
माझा नमस्कार सर्व देवांपाशी ॥२॥
ये गे लक्ष्मी बैस गे बाजे, आमुचे घर तुला सारे ।
तिळाचे तेल कापसाची वात, दिवा जळो मध्यान्हात ॥
घरातली इडापिडा बाहेर जावो बाहेरची लक्ष्मी घरात येवो ।
घरच्या सर्वांना उदंड आयुष्य लाभो ॥३॥
दीप ज्योतिः परब्रह्म दीप ज्योतिर जनार्दनः ।
दीपो हरतु मे पापम् दीप ज्योतिर नमोस्तुते ॥४॥
अधिराजा महाराजा वनराजा वनस्पति ।
इष्टदर्शनं इष्टान्नं शत्रूणांच पराभवम् ।
मुले तो ब्रह्मरुपाय मध्ये तो विष्णुरुपिण: ।
अग्रत: शिवरुपाय अश्वत्थाय नमो नम: ॥५॥
अर्थ: मै उस दीपक के प्रकाश को नमन करता हूँ जो वातावरण को शुद्ध करता है, जिससे स्वास्थ्य और धन सम्पदा मे वृद्धि होती है। जो शत्रु बुद्धि अर्थात मन के अज्ञानता अथवा अंधकार को दुर करता है।
अर्थ: मै उस परब्रह्म एवं जनार्दन रूपी दीपक को नमन करता हूँ जिसे जलाने मात्र से समस्त पापों नाश हो जाता है।
Shubham Karoti Kalyanam
Shubham Karoti Kalyanam Arogyam Dhana-Sampada ।
Shatrubuddhi Vinashayah Deepjyoti Namostuteh ।
Divya Divya Deepatkar Kani Kundale Motihaar ।
Divyala Pahun Namaskar ॥1॥
Diva Lavla Devapaashi, Ujed Padla Tulshipaashi ।
Maaza Namaskar Sarvah Devapaashi ॥2॥
Ye Ge Laxmi Bais Ge Baaje, Amuche Ghar Tula Sare ।
Teelache Telh Kaapsachi Vaat, Diva Jalo Madhyanhaat ।
Gharatli Eedapeeda Baher Jaavo Baherchi Laxmi Gharat Yevo ।
Gharchya Sarvaana Udandah Ayushya Laabho ॥३॥
Deepjyoti Parabrammha Deepjyoti Janardana ।
Deepo Haratu Meh Paap Sandhyadeep Namostuteh ॥४॥
Adhiraja Maharaja Vanraja Vanaspati ।
Eestadarshan Estannah Shatrunaach Parabhavam ।
Muleh Toh Bramharupay Madhye Toh Vishnurupinah ।
Aggrataha Shivrupaayah Ashvathayah Namo Namah ॥५॥
Credit the Video: Times Music Spiritual by Rattan Mohan Sharma YouTube Channel
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