Blogभगवद गीता श्लोक 11: समाज के हर सदस्य की भूमिका और कर्तव्यBimal Kumar DashAugust 12, 2025 by Bimal Kumar DashAugust 12, 20250263 एक समय की बात है, एक छोटे से गाँव में दो मित्र रहते थे – सूरज और राधा। दोनों बचपन से ही एक-दूसरे के बहुत...
Blogदिल का युद्ध: गीता का श्लोक और आत्मविश्वास की ताकतBimal Kumar DashAugust 10, 2025 by Bimal Kumar DashAugust 10, 20250286 अपर्याप्तं तदस्माकं बलं भीष्माभिरक्षितम् | पर्याप्तं त्विदमेतेषां बलं भीमाभिरक्षितम् || यह श्लोक भगवद्गीता के प्रथम अध्याय (1.10) से लिया गया है, जहाँ दुर्योधन अपने सेनापति...