Nitya Patan Shlok | नित्य पठण श्लोक | ନିତ୍ୟ ପଠନ ଶ୍ଳୋକ: दोस्तो नमस्कार, आज हम आप लोगों को इसी पोस्ट के माध्यम से नित्य पठण श्लोक (Nitya Patan Shlok) मंत्र के बारे में बताएंगे। हर दिन इन मंत्रों का जाप करना एक प्रथा है। अपने और दूसरों के कल्याण, समृद्धि, सुरक्षा, ईश्वरीय आशीर्वाद और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त के लिए प्रभात श्लोक जाप करना चाहिए। सुबह उठकर (हे कृष्ण, मैं आपका दास हूँ) इस प्रकार भगवान को अपना सर्वस्व अर्पण करते हुये, आत्म निवेदन करना चाहिए।
Nitya Patan Shlok
नित्य पठण श्लोक
ନିତ୍ୟ ପଠନ ଶ୍ଳୋକ
ଶ୍ରୀ ଗୁରୁଭେ ନମଃ
ହରିଃ ଓଁ
ଶୁକ୍ଲାମ୍ବରଧରଂ ବିଷ୍ଣୁ ଶଶିବର୍ଣଂ ଚତୁର୍ଭୁଜମ୍ ।
ପସନ୍ନବଦନଂ ଧ୍ୟାୟେତ୍ ସର୍ବ ବିଘ୍ନୋପଶାନ୍ତୟେ ॥୧॥
ଗୁରୁବ୍ରହ୍ମା ଗୁରୁବିଷ୍ଣୁ ଗୁରୁଦେବୋ ମହେଶ୍ଵରଃ ।
ଗୁରଃ ସାକ୍ଷାତ୍ ପରଂବ୍ରହ୍ମ ତସ୍ମେ ଶ୍ରୀ ଗୁରବେ ନମଃ ॥୨॥
ବକ୍ରତୁଣ୍ଡ ମହାକାୟ ସୂର୍ଯ୍ୟକୋଟି ସମପ୍ରଭ ।
ନିର୍ବିଘ୍ନଂ କୁରୁମେ ଦେବ ସର୍ବ କାର୍ଯ୍ୟେସୁ ସର୍ବଦା ॥୩॥
ମଙ୍ଗଳଂ ଭଗବାନ୍ ବିଷ୍ଣୁ ମଙ୍ଗଲ ମଧୁସୂଦନଃ ।
ମଙ୍ଗଳଂ ପୁଣ୍ଡିରୀକାକ୍ଷ ମଙ୍ଗଲଂ ଗରୁଡ଼ଧ୍ଵଜଃ ॥୪॥
ସର୍ବ ମଙ୍ଗଲ ମାଙ୍ଗଲ୍ୟେ ଶିବେ ସର୍ବାର୍ଥସାଧିକେ ।
ଶରଣ୍ୟେ ତ୍ର୍ୟମ୍ବକେ ଦେବୀ ନାରାୟଣୀ ନମୋଽସ୍ତୁତେ ॥୫॥
ଅନଂତାନଂତ ଦେବେଶ ଅନଂତ ଫଳଦାୟକ ।
ଅନଂତ ଦୁଃଖନାଶାୟ ଅନଂତାୟ ନମୋନମଃ ॥୬॥
ଉଗ୍ର ବୀରଂ ମହାବିଷ୍ଣୁଂ ଜ୍ୱଳନ୍ତଂ ସର୍ବତୋମୁଖମ୍ ।
ନୃସିଂହଂ ଭୀଷଣଂ ଭଦ୍ରଂ ମୃତ୍ୟର୍ ମୃତ୍ୟଂ ନମାମ୍ୟହମ୍ ॥୭॥
ଅଚ୍ୟୁତାନନ୍ଦ ଗୋବିନ୍ଦ ନାମଚରଣ ଭେସଜାତ ।
ନଶ୍ୟନ୍ତି ସକଳ ରୋଗା ସତ୍ୟମ ସତ୍ୟମ ବଦାମ୍ୟାହମ ॥୮॥
हे कृष्ण, मैं आपका दास हूँ
प्रभात श्लोकं
कराग्रे वसते लक्ष्मीः कर मध्ये सरस्वती ।
कर मूले स्थिता गौरी प्रभाते कर दर्शनम् ॥
समुद्र वसने देवि पर्वत स्तन मण्डले ।
विष्णुपत्नि नमस्तुभ्यं पादस्पर्शं क्षमस्व मे ॥
आदित्याय च सोमाय मङ्गलाय बुधाय च ।
गुरु शुक्र शनिभ्यश्च राहवे केतवे नमः ॥
ब्रह्मा मुरारिस्त्रिपुरान्तकारी ।
भानुश्शशी भूमिसुतो बुधश्च ॥
गुरुश्च शुक्रः शनि राहु केतवः ।
कुर्वन्तु सर्वे मम सुप्रभातम् ॥
कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने ।
प्रणत क्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नमः ॥
प्रभात भूमि श्लोकं
समुद्र वसने देवी पर्वत स्तन मण्डले ।
विष्णुपत्नि नमस्तुभ्यं, पादस्पर्शं क्षमस्वमे ॥
सूर्योदय श्लोकं
ब्रह्मस्वरूप मुदये मध्याह्नेतु महेश्वरम् ।
साहं ध्यायेत्सदा विष्णुं त्रिमूर्तिञ्च दिवाकरम् ॥
Credit the Video : Bhakti YouTube Channel
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