18.1 C
Bhubaneswar
November 22, 2024
Blog

अपराजिता का फूल किस भगवान को चढ़ता है (Aprajita Ka Phool Kis Bhagwan Ko Chadta Hai)

अपराजिता का फूल किस भगवान को चढ़ता है – हिंदू पूजा में फूलों का विशेष स्थान होता है। फूलों के बिना किसी भी भगवान की पूजा पूर्ण नहीं हो सकती है। हिंदू देवी देवताओं को रंग और गुणों के अनुसार फूल प्रिय होते हैं। जैसे- माता दुर्गा को गुडहल का पुष्प तो भगवान शिव को आंकड़े का पुष्प बेहद प्रिय होता है। भगवान के श्रृंगार में फूलों का अधिक इस्तेमाल किया जाता है। पूरी दुनिया में फूलों की असंख्य प्रजातियां हैं, उन्हीं में से एक है अपराजिता का फूलअपराजिता के फूल को हिंदू धर्म में बहुत ही खास स्थान प्राप्त है। दोस्तों लेकिन क्या आप जानते हैं अपराजिता का फूल किस भगवन को चढ़ाया जाता है? यदि नहीं, तो इस लेख में हम आपको इसके बारे में संक्षिप्त और गहन जानकारी देने वाले है तो आइये देर ना करते हुए शुरू करते है और जानते है अपराजिता फूल के बारे में …

अपराजिता का फूल किस भगवान को चढ़ता है (Aprajita Ka Phool Kis Bhagwan Ko Chadta Hai)

अपराजिता का फूल भगवान शनि देव का प्रिय पुष्प है। इस फूल का उपयोग शनि देव को प्रसन्न करने में किया जाता है। आमतौर पर अपराजिता का फूल शनि देव, मां दुर्गा और भगवान विष्णु को चढ़ाया यानी कि अर्पण किया जाता है। पौराणिक मान्यता है कि, भगवान शनि देव को अपराजिता का फूल चढ़ाने से मनुष्य जीवन में आ रही सभी परेशानियां खत्म हो जाती हैं और समस्त मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

नीले रंग के अपराजिता के फूल (Aprajita Ka Phool Kis Bhagwan Ko Chadta Hai) को पूजा के लिए बेहद शुभ माना जाता है। इसे मां दुर्गा का अवतार माना जाता है। इसका इस्तेमाल दैनिक पूजा पाठ में किया जा सकता है। न्याय के देवता भगवान शनि को अपराजिता पुष्प अत्यंत प्रिय है। इस फूल को चढ़ाने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। इसी प्रकार भगवान शिव और भगवान विष्णु को अपराजिता के फूल चढ़ाने से दाम्पत्य जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

अपराजिता का फूल घर में लगाने से भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। अपराजिता को विष्णुप्रिया के नाम से भी जाना जाता है। भारत के सभी प्रांतों में अपराजिता का फूल पाया जाता है। यह सफेद और नीले दो रंगों में पाया जाता है। लेकिन नीले रंग के अपराजिता के फूल को घर में लगाना बेहद शुभ माना जाता है।

अपराजिता का फूल कैसा होता है | अपराजिता के फूल रंग :  

दोस्तों यदि आप आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं तो अपराजिता के पांच फूल सोमवार या शनिवार के दिन किसी नदी में प्रवाहित कर दें, ऐसा करने से आर्थिक परेशानियां जड़ से समाप्त हो जाएगी। दूसरी ओर यदि आपको नौकरी नहीं मिल रही है तो मां दुर्गा के सामने पांच फिटकरी के टुकड़े और 6 अपराजिता के फूल चढ़ाने से आपको नौकरी के रास्ते खुल जाएंगे।

इसे भी पढ़ेंः भक्तामर स्तोत्र

शनिवार के दिन अपराजिता पुष्प से पीपल के वृक्ष की पूजा करने और शनि महाराज को अर्पित करने से शनि का अशुभ प्रभाव नष्ट हो जाता है। इन सबके अलावा इस अपराजिता के फूल को भगवान को अर्पित करने से आप कर्ज, नौकरी में प्रमोशन की समस्या, विवाह संबंधी समस्याओं से भी बच सकते हैं।

इसी प्रकार आपके घर की तिजोरी खाली है तो मंगलवार के दिन अपराजिता का फूल हनुमान जी के चरणों में अर्पित करें। पूजन के बाद इस फूल को ले जाकर अपनी तिजोरी में रख दें। कुछ ही समय में आप पर हुनमान जी महाराज की कृपा बरसने लगेगी और तिजोरी फिर से भर जाएगी।

धन की समस्या से निजात पाने के लिए आप सोमवार के दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाकर अपराजिता के फूल भी चढ़ा सकते हैं। इसके साथ ही इस फूल को शनिवार के दिन शनिदेव को अर्पित करें। इससे आपकी कुंडली में शनि की स्थिति मजबूत होगी और आपको धन की कमी नहीं होगी।

जिन लोगों का विवाह नहीं हो रहा हो या वैवाहिक जीवन में परेशानियां आ रही हों, उन्हें पांच अपराजिता के फूलों को सुनसान स्थान पर मिट्टी में गाड़ देना चाहिए। जमीन खोदते समय लकड़ी की वस्तुओं का प्रयोग करें। इससे शनि दोष दूर होगा।

नोट : अपराजिता का फूल किस भगवान को चढ़ता है (Aprajita Ka Phool Kis Bhagwan Ko Chadta Hai) पोस्ट ज्ञानअर्जन की दृष्टि से प्रकाशित किया गया है। इस वेबसाइट पर प्रकाशित पोस्ट अपराजिता का फूल किस भगवान को चढ़ता है के ऊपर दिए गए जानकारी की पूर्णता, विश्वसनीयता और सटीकता के बारे में कोई वारंटी नहीं देता है। पोस्ट विभिन्न ग्रंथों से चर्चा कर प्रकाशित किया गया हैं। ऊपर पोस्ट में दिए गए रचना, जानकारी को विभिन्न ग्रंथों से, भिन्न – भिन्न लोगों की मान्यता और जानकारियों के अनुसार और इंटरनेट पर मौजूदा जानकारियों को ध्यान पूर्वक पढ़कर, शोधन कर लिखा गया है। अपराजिता फूल का इस्तेमाल आप अपने विवेक के आधार पर करें।

कुछ और महत्वपूर्ण लेख:

Hari Sharanam
नित्य स्तुति और प्रार्थना
Om Damodarai Vidmahe
Rog Nashak Bishnu Mantra
Dayamaya Guru Karunamaya

Related posts

Nama Ramayanam | Ramayanam in 108 Stanzas | Life Story of Shri Rama

bbkbbsr24

मौन का रहस्य | मौन को जिसने जान लिया उसने सब कुछ जान लिया

bbkbbsr24

Top 30 Indian Baby Girl Names, Meanings & Rasi – Bhakti Bharat Ki

bbkbbsr24