Shri Narasimha Dhyana Mantra | श्री नृसिंह ध्यान मंत्र: दोस्तों नमस्कार, आज हम आपको इस लेख के जरिए श्री नृसिंह ध्यान मंत्र के बारे में बात करेंगे। दशावतरों में से एक प्रमुख रूप में भगवान विष्णु ने अपने चतुर्थ अवतार में नृसिंह रूप धारण किया था। भगवान नरसिंह को नरहरि, उग्रवीर एवं महाविष्णु आदि नामों से भी जाना जाता है। भगवान नृसिंह को अत्यन्त महत्वपूर्ण चरणों में ध्यान मंत्र से पूजन किया जाता है। यह मंत्र भगवान नरसिंह
श्री नृसिंह ध्यान मंत्र
ॐ सत्यं ज्ञानसुखस्वरूपममलं क्षीराब्धिमध्येस्थितम्
योगारूढमतिप्रसन्नवदनं भूषासहस्रोज्वलम् ।
तीक्ष्णं चक्रपीनाकशायकवरान् विभ्राणमर्कच्छवि ।
छत्रं भूतफणीन्द्रमिन्दुधवलं लक्ष्मीनृसिंहं भजे ॥
Shri Narasimha Dhyana Mantra
Om Satyam Jnanasukhasvarupamamalam Kshirabdhimadhyesthitam
Yogarudhamatiprasannavadanam Bhushasahasrojvalam ।
Tikshnam Chakrapinakashayakavaran Vibhranamarkachchhavi ।
Chhatram Bhutaphanindramindudhavalam Lakshminrisinham Bhaje ॥
अर्थ: यह मंत्र भगवान नरसिंह के उस दिव्य स्वरूप का वर्णन करता है, जो सत्य, ज्ञान तथा आनन्द के व्यक्त एवं अव्यक्त शुद्ध रूप में विद्यमान हैं। जो समुद्र के मध्य योगमुद्रा में विराजमान हैं, जिनके मुखमंडल की भाव-भंगिमा अत्यंत शांत, सौम्य एवं प्रसन्नतापूर्ण है। जो नाना प्रकार के दिव्य स्वर्ण आभूषणों से अलंकृत हैं। जिनके कर-कमलों में तीक्ष्ण चक्र एवं शक्तिशाली धनुष-बाण सुशोभित हैं। जिनका स्वरूप सूर्य के समान तेजपूर्ण है, जिनके शीष पर चन्द्र के समान श्वेत छत्र है तथा जिनकी रक्षा में शेषनाग जी सदैव तत्पर रहते हैं। जो समस्त पापों एवं अधर्मियों का नाश करने वाले हैं, मैं ऐसे परम शक्तिशाली भगवान श्रीलक्ष्मी-नृसिंह का स्मरण एवं ध्यान करता हूँ।
Credit the Video : Drik Panchang YouTube Channel
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