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योगिनी एकादशी 2023 | Yogini Ekadashi 2023 | योगिनी एकादशी कब हैं, जानें तिथि, समय, विधि, मुहूर्त, महत्व और मंत्र

योगिनी एकादशी 2023 | Yogini Ekadashi 2023 | योगिनी एकादशी कब हैं, जानें तिथि, समय, विधि, मुहूर्त, महत्व और मंत्र

दोस्तों नमस्कार, आज हम आप लोगों को इस पोस्ट के माध्यम से साल 2023 में योगिनी एकादशी (ISKCON Ekadashi Calendar 2023) व्रत कब हैं, यह व्रत कब रखा जाएगा और इस व्रत को रखने का धार्मिक महत्व क्या है इसके बारे में बताएँगे:

हिन्दू धर्म में एकादशी व्रत भगवान विष्णु को समर्पित हैं, जिसका वर्णन महाभारत काल में मिलता है। यह व्रत आषाढ़ कृष्ण एकादशी के दिन रखा जाता है। योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi 2023) को हिंदुओं द्वारा सबसे महत्वपूर्ण एकादशी व्रत माना जाता है। योगिनी एकादशी को भगवान श्रीकृष्ण और योगिनी माता की पूजा और व्रत के रूप में मनाया जाता है। मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति को भगवान कृष्ण की कृपा, संतान, धन, सुख-शांति, आशीर्वाद और पापों से मुक्ति मिलती है।

योगिनी एकादशी 2023 मुहूर्त | Yogini Ekadashi 2023 Muhurat

महत्वपूर्ण जानकारी :

योगिनी एकादशी
आषाढ़ कृष्ण एकादशी तिथि का प्रारंभ:
ब्रह्म मुहूर्त: बुधवार, 14 जून 2023 04:08 AM -04:56 AM
अमृत काल मुहूर्त: 14 जून 2023 06:26 AM- 08:02 AM
योगिनी एकादशी व्रत पारण समय: 15 जून, 05:45 AM से 15 जून, 08:25 AM तक

योगिनी एकादशी व्रत विधि :

सुबह जल्दी उठकर नित्यकर्म के बाद स्नान करें और व्रत का संकल्प लें।
इसके बाद भगवान विष्णु का ध्यान और पूजा करनी चाहिए।
पूरे दिन भगवान स्मरण-ध्यान व जाप करना चाहिए।
पूरे दिन और एक रात व्रत रखने के बाद अगली सुबह सूर्योदय के बाद सुबह नहा धोकर तैयार हो जाएं।
पूजा करके गरीबों, ब्रह्मणों को दान या भोजन कराना चाहिए।
इसके बाद खुद भी भगवान का भोग लगाकर प्रसाद लेना चाहिए।

योगिनी एकादशी 2023 मंत्र | Yogini Ekadashi 2023 Mantra

भगवान विष्णु मूल मंत्र

ॐ नमोः नारायणाय॥

भगवते वासुदाय मंत्र

ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय॥

विष्णु गायत्री मंत्र

ॐ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि|

तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्॥

विष्णु शांताकरम मंत्र

शान्ताकारम् भुजगशयनम् पद्मनाभम् सुरेशम्
विश्वाधारम् गगनसदृशम् मेघवर्णम् शुभाङ्गम् |
लक्ष्मीकान्तम् कमलनयनम् योगिभिर्ध्यानगम्यम्
वन्दे विष्णुम् भवभयहरम् सर्वलोकैकनाथम्॥

शक्तिशाली विष्णु मंत्र

मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः |
मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥

Disclaimer : Bhakti Bharat Ki / भक्ति भारत की (https://bhaktibharatki.com/) किसी की आस्था को ठेस पहुंचना नहीं चाहता। ऊपर पोस्ट में दिए गए उपाय, रचना और जानकारी को भिन्न – भिन्न लोगों की मान्यता और जानकारियों के अनुसार, और इंटरनेट पर मौजूदा जानकारियों को ध्यान पूर्वक पढ़कर, और शोधन कर लिखा गया है। यहां यह बताना जरूरी है कि Bhakti Bharat Ki / भक्ति भारत की (https://bhaktibharatki.com/) किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पूर्ण रूप से पुष्टि नहीं करता। मंत्र के उच्चारण, किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ, ज्योतिष अथवा पंड़ित की सलाह अवश्य लें। मंत्र का उच्चारण करना या ना करना आपके विवेक पर निर्भर करता है।

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