Asmin Parathman Nanu Paadmakalpe | Healing Mantra | गंभीर रोग निवारण नारायणीयम् श्लोक: दोस्तो नमस्कार, आज हम आप लोगों को इसी पोस्ट के माध्यम से अस्मिन् परात्मन् ननु पाद्मकल्पे मंत्र के बारे में बताएंगे। यह नारायणीयम् श्लोक रोगों से मुक्ति पाने के लिए केरल के गुरुवायूर मंदिर के परम भगवान श्री गुरुवायूरप्पन से की गई एक विनम्र प्रार्थना है। सन 16वीं शताब्दी में श्री मेलपत्तूर नारायण भट्टाथिरि ने यह नारायणीयम् श्लोक रचना की थी। जिसमें भगवान गुरुवायूरप्पन की स्तुति 1036 श्लोकों में की गई है। नारायणीयम्, जो मूल रूप से भागवतपुराण का सार है। नारायणीयम् में 100 दशक या अध्याय हैं, प्रत्येक दशक में लगभग 10 श्लोक या पद्य शामिल हैं।
यह श्लोक कांची के महर्षि महा-स्वामी चंद्रशेखरेन्द्र सरस्वती द्वारा गंभीर कैंसर ग्रस्त रोगों से पीड़ित लोगों के लिए विशेष रूप से अनुशंसित किया गया है। सबसे महत्वपूर्ण है की आप परम भगवान श्रीकृष्ण (श्री गुरुवायूरप्पन) के प्रति श्रद्धा और पूर्ण शरणागति अर्पित करके इस श्लोक का पाठ करें।
हे गुरुवायूर में प्रतिष्ठित भगवान विष्णु, हे महात्मा, हे अनंत महिमा वाले भगवान, जिन्होंने पद्मकल्प में ब्रह्मा को जागृत किया, आप मेरी सभी पीड़ाओं और व्याधियों को दूर करें। मैं प्रार्थना करता हूँ कि जो भी व्यक्ति किसी बीमारी से पीड़ित है, उसे उचित उपचार प्राप्त हो। यह शक्तिशाली मंत्र उसकी मानसिक शक्ति को इतनी दृढ़ता बनाए कि वह अपनी बीमारी को स्वयं ठीक कर सके।
जो बीमारी से पीड़ित है, यह दशक उसी व्यक्ति द्वारा जप किया जाना चाहिए। यदि आप अपने किसी परिवारजन या समूह के लिए प्रार्थना करना चाहते हैं, तो आप धन्वंतरि मंत्र का जप कर सकते हैं।
अस्मिन् परात्मन् ननु पाद्मकल्पे
अस्मिन् परात्मन् ननु पाद्मकल्पे
त्वमित्थमुत्थापितपद्मयोनि: ।
अनन्तभूमा मम रोगराशिं
निरुन्धि वातालयवास विष्णो ॥१३॥
अर्थ: हे अगम्य, अकल्पनीय, अपार शक्तियों वाले परम प्रभु, इस पद्म कल्प नामक युग में आपने ही सृजनकर्ता ब्रह्मा की उत्पत्ति की।
हे गुरुवायूर मंदिर में विराजमान भगवान विष्णु, कृपया मेरी सभी रोग-व्याधियों का नाश करें।
Asmin Parathman
Asmin Parathman Nanu Padhmakalpe
Tvamitha Mutthaapita Padmayonihi ।
Anantha Bhoomaa Mama Roga Rashim
Nirundhi Vaathaalaya Vasa Vishno ॥
Credit the Video : H-Spiritual YouTube Channel
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