Blogएकजुटता का शोर: जब गाँव की आवाज ने दुनिया बदल दीBimal Kumar DashAugust 17, 2025August 18, 2025 by Bimal Kumar DashAugust 17, 2025August 18, 20250321 रात का सन्नाटा। चाँद की किरणें आवाजपुर के पगडंडियों पर बिखरी थीं, मानो कोई चुपके से गाँव की कहानी सुनने आया हो। आवाजपुर – एक...
Blogशंखनाद की गूंज: डर को हराने की कहानीBimal Kumar DashAugust 14, 2025August 14, 2025 by Bimal Kumar DashAugust 14, 2025August 14, 20250322 सूरज की किरणें धरती को छू रही थीं। गंगा के किनारे एक छोटा सा गाँव था। नाम था कुरुक्षेत्र। वहाँ रहता था एक बूढ़ा योद्धा,...
Blogभगवद गीता श्लोक 11: समाज के हर सदस्य की भूमिका और कर्तव्यBimal Kumar DashAugust 12, 2025 by Bimal Kumar DashAugust 12, 20250361 एक समय की बात है, एक छोटे से गाँव में दो मित्र रहते थे – सूरज और राधा। दोनों बचपन से ही एक-दूसरे के बहुत...
Blogदिल का युद्ध: गीता का श्लोक और आत्मविश्वास की ताकतBimal Kumar DashAugust 10, 2025 by Bimal Kumar DashAugust 10, 20250386 अपर्याप्तं तदस्माकं बलं भीष्माभिरक्षितम् | पर्याप्तं त्विदमेतेषां बलं भीमाभिरक्षितम् || यह श्लोक भगवद्गीता के प्रथम अध्याय (1.10) से लिया गया है, जहाँ दुर्योधन अपने सेनापति...
Blogगाँव की ज़मीन बचाने की कहानी: अमर की संघर्षगाथाBimal Kumar DashAugust 8, 2025August 8, 2025 by Bimal Kumar DashAugust 8, 2025August 8, 20250442 सूरज डूब रहा था। गाँव के बाहर, एक पुराने बरगद के नीचे, अमर बैठा था। उसकी आँखें गीली थीं। हवा में गीता का श्लोक गूंज...
Blogभीष्म और अन्य योद्धा – एक कहानीBimal Kumar DashAugust 7, 2025August 7, 2025 by Bimal Kumar DashAugust 7, 2025August 7, 20250390 कुरुक्षेत्र का मैदान धूल से अटा पड़ा था। युद्ध की गूँज हवाओं में थी। भीष्म खड़े थे, तलवार चमक रही थी। उनके साथ कर्ण, कृपाचार्य,...
Blogगर्व जो तोड़ता है, सलाह जो जोड़ती हैBimal Kumar DashAugust 5, 2025August 5, 2025 by Bimal Kumar DashAugust 5, 2025August 5, 20250365 कुरुक्षेत्र की धूल भरी धरती। युद्ध की गंध हवा में। दुर्योधन का स्वर गूंजता है। “हमारे पास विशिष्ट नायक हैं,” वह कहता है। उसकी आवाज...
Blogएक छोटा कदम, एक छोटी मदद: यही बनाता है आज का महारथीBimal Kumar DashAugust 2, 2025September 13, 2025 by Bimal Kumar DashAugust 2, 2025September 13, 20250404 धूल भरी सड़कों पर सूरज डूब रहा था। गाँव का मेला शांत हो चला था। लेकिन मेरे मन में तूफान उठ रहा था। सामने खड़ा...
Blogगीता श्लोक से प्रेरित: पाण्डव सेना की प्रेरक कहानीBimal Kumar DashAugust 1, 2025 by Bimal Kumar DashAugust 1, 20250357 धूल हवा में नाच रही थी। सूरज डूबता हुआ लाल था। विशाल मैदान में दो सेनाएँ खड़ी थीं। पाण्डवों की सेना, सुव्यवस्थित, शक्तिशाली। सामने कौरवों...
Blogडर को हराने की कहानी: गीता का श्लोक और रोहन का साहसBimal Kumar DashJuly 31, 2025July 31, 2025 by Bimal Kumar DashJuly 31, 2025July 31, 20250455 सूरज की पहली किरणें दिल्ली की ऊँची-ऊँची इमारतों के बीच से झांक रही थीं। शहर की भागदौड़ भरी जिंदगी में एक नया दिन शुरू हो...