24.1 C
Bhubaneswar
October 21, 2025
Blog

राधा नाम जप से खुलता है भगवान का द्वार: श्री हित प्रेमानंद जी

भक्तों को एक घंटे से अधिक समय तक चले सत्संग में वृंदावन रसिक संत श्री हित प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज ने आध्यात्मिक मार्गदर्शन दिया। “राधा” नाम के मधुर नमजप से शुरू हुआ सत्संग भक्ति, सकारात्मकता और जीवन की कला पर गहन चर्चा करता था।

महाराज जी ने बताया कि भगवान को देखने का सबसे आसान तरीका प्रभु के नाम का प्रेमपूर्वक जप करना है। निरंतर भक्ति और नामजप से ईश्वर की कृपा मिलती है।

राधा रानी की कृपा कैसे प्राप्त करें?
महाराज ने कहा कि नकारात्मक विचार ईश्वर से दूर हैं। कृतज्ञता और सकारात्मकता से मन प्रभु की निकटता का अनुभव करता है। भक्तों को सदा सकारात्मक सोचने की प्रेरणा दी। नैतिकता और दैनिक जीवन ने वकीलों, डॉक्टरों और समाजसेवियों को नैतिक दुविधाओं का सामना करने का मार्गदर्शन दिया।

महाराज ने कहा कि धर्म के अनुसार व्यवहार करें। अनैतिक मामलों से बचने के लिए वकीलों को सलाह दी गई। उत्साह को बरकरार रखने का उपाय अपवित्र आदतें नई शुरुआत में उत्साह को कम कर देती हैं। जप, भजन और शास्त्र पढ़ने से मन शुद्ध होता है। इससे आध्यात्मिक और सांसारिक कामों में सफलता मिलती है ।

सेवा और दान

महाराज जी ने सेवा और दान की जरूरत पर जोर दिया। दान का एक हिस्सा गरीबों, पशुओं और संतों को देने से कर्म शुद्ध होते हैं। यह आत्मविकास में मदद करता है। सांत्वना डॉक्टरों ने गंभीर रोगियों के उपचार में भावनात्मक चुनौतियों पर सलाह दी।

महाराज ने कहा कि ईश्वर जीवन और मृत्यु को नियंत्रित करता है। पूरी तरह से प्रयास करें, लेकिन परिणाम की चिंता मत करो। आध्यात्मिक और सामाजिक उन्नति के लिए, सामाजिक सेवा और आध्यात्मिक विकास विषयों का नियमित अध्ययन करना और संतों से मिलना आवश्यक है ।

ईश्वरीय चेतना और धर्म के साथ काम करना सबसे बड़ा लाभ है। समापन संदेश में महाराज जी ने अपने भक्तों को जप और सेवा में दृढ़ रहने की प्रेरणा दी। सत्संग ने आध्यात्मिक संबंधों और सही जानकारी के प्रसार पर जोर दिया। यह सत्संग प्राचीन ज्ञान और आधुनिक चुनौतियों का सुंदर समन्वय है, जो हर आत्मा को शांति और लक्ष्य देता है।

Related posts

Top 30 Indian Baby Girl Names, Meanings & Rasi – Bhakti Bharat Ki

bbkbbsr24

अवधेशानंद गिरी महाराज: जीवन को समझने और नकारात्मक विचारों को दूर करने की प्रेरणा

Bimal Kumar Dash

प्रेमानंद महाराज जी का वृंदावन से आत्मिक संदेश: भक्ति और प्रेम का अनमोल पाठ

Bimal Kumar Dash

Leave a Comment