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December 18, 2024
Chalisa

Kali Chalisa Lyrics in English – Bhakti Bharat Ki

Kali Chalisa

Kali Chalisa

Credit the Video: Mantra4U YouTube Channel

Kali Chalisa Lyrics in English

॥ Doha ॥

Jaikali Kalimalharan,
Mahima Agam Apaar ।
Mahish Mardini Kalika,
Dehu Abhay Apaar ॥

॥ Chaupai ॥

Ari Mad Maan Mitavan Haari ।
Mundamaal Gal Sohat Pyari ॥ 1 ॥

Ashtabhuji Sukhadayak Mata ।
Dushtadalan Jag Mein Vikhyata ॥ 2 ॥

Bhaal Vishal Mukut Chhavi Chhajai ।
Kar Mein Shish Shatru Ka Sajai ॥ 3 ॥

Dooje Hath Lie Madhu Pyala ।
Haath Tisre Sohat Bhala ॥ 4 ॥

Chauthe Khappar Khadg Kar Panche ।
Chhathe Trishool Shatru Bal Janche ॥ 5 ॥

Saptam Karadamakat Asi Pyaari ।
Shobha Adbhut Maat Tumhari ॥ 6 ॥

Ashtam Kar Bhaktan Var Data ।
Jag Manharan Roop Ye Mata ॥ 7 ॥

Bhaktan Mein Anurakt Bhavani ।
Nishadin Raten Rishi-muni Gyani ॥ 8 ॥

Mahashakti Ati Prabal Punita ।
Tu Hi Kali Tu Hi Sita ॥ 9 ॥

Patit Tarini He Jag Palak ।
Kalyani Papi Kul Ghalak ॥ 10 ॥

Shesh Suresh Na Pavat Paara ।
Gauri Roop Dharyo Ik Baara ॥ 11 ॥

Tum Saman Data Nahin Dooja ।
Vidhivat Karen Bhaktajan Pooja ॥ 12 ॥

Roop Bhayankar Jab Tum Dhara ।
Dushtdalan Kinhehu Sanhara ॥ 13 ॥

Naam Anekan Maat Tumhare ।
Bhaktajanon Ke Sankat Taare ॥ 14 ॥

Kali Ke Kasht Kaleshan Harani ।
Bhav Bhaya Mochan Mangal Karani ॥ 15 ॥

Mahima Agam Ved Yash Gavain ।
Narad Sharad Paar Na Pavain ॥ 16 ॥

Bhoo Par Bhaar Badhyau Jab Bhari ।
Tab Tab Tum Prakatin Mahatari ॥ 17 ॥

Aadi Anadi Abhay Vardata ।
Vishwavidit Bhav Sankat Trata ॥ 18 ॥

Kusamay Naam Tumhaarau Linha ।
Usako Sada Abhay Var Dinha ॥ 19 ॥

Dhyan Dharen Shruti Shesh Suresha ।
Kaal Roop Lakhi Tumaro Bhesha ॥ 20 ॥

Kalua Bhainron Sang Tumhare ।
Ari Hit Roop Bhayanak Dhaare ॥ 21 ॥

Sevak Laangur Rahat Agaari ।
Chausath Jogan Aagyakari ॥ 22 ॥

Treta Mein Raghuvar Hit Aai ।
Dashakandhar Ki Sain Nasai ॥ 23 ॥

Khela Ran Ka Khel Nirala ।
Bhara Maans-majja Se Pyala ॥ 24 ॥

Raudra Roop Lakhi Daanav Bhaage ।
Kiyau Gavan Bhavan Nij Tyage ॥ 25 ॥

Tab Aisau Taamas Chadh Aayo .
Swajan Vijan Ko Bhed Bhulayo ॥ 26 ॥

Ye Balak Lakhi Shankar Aaye ।
Raah Rok Charanan Mein Dhaye ॥ 27 ॥

Tab Mukh Jeebh Nikar Jo Aai ।
Yahi Roop Prachalit Hai Mai ॥ 28 ॥

Badhyo Mahishasur Mad Bhari ।
Pidit Kiye Sakal Nar-Nari ॥ 29 ॥

Karoon Pukar Suni Bhaktan Ki ।
Pir Mitavan Hit Jan-Jan Ki ॥ 30 ॥

Tab Pragati Nij Sain Sameta ।
Naam Pada Maan Mahish Vijeta ॥ 31 ॥

Shumbh Nishumbh Hane Chhan Maahin ।
Tum Sam Jag Doosar Kou Naahin ॥ 32 ॥

Maan Mathanhari Khal Dal Ke ।
Sada Sahayak Bhakt Vikal Ke ॥ 33 ॥

Deen Vihin Karain Nit Seva ।
Pavain Manvanchhit Phal Meva ॥ 34 ॥

Sankat Mein Jo Sumiran Karahin ।
Unke Kasht Maatu Tum Harahin ॥ 35 ॥

Prem Sahit Jo Kirati Gavain ।
Bhav Bandhan Son Mukti Pavain ॥ 36 ॥

Kali Chalisa Jo Padhahin ।
Swargalok Binu Bandhan Chadhahin ॥ 37 ॥

Daya Drshti Herau Jagdamba ।
Kehi Karan Maan Kiyau Vilamba ॥ 38 ॥

Karahu Maatu Bhaktan Rakhavali ।
Jayati Jayati Kali Kankali ॥ 39 ॥

Sevak Din Anath Anari ।
Bhaktibhav Yuti Sharan Tumhari ॥ 40 ॥

॥ Doha ॥

Prem Sahit Jo Kare,
Kali Chalisa Path ।
Tinki Puran Kamna,
Hoy Sakal Jag Thath ॥

***

Kali Chalisa Lyrics in Hindi

माँ काली चालीसा

॥दोहा॥

जयकाली कलिमलहरण,
महिमा अगम अपार ।
महिष मर्दिनी कालिका,
देहु अभय अपार ॥

॥ चौपाई ॥

अरि मद मान मिटावन हारी ।
मुण्डमाल गल सोहत प्यारी ॥ 1 ॥

अष्टभुजी सुखदायक माता ।
दुष्टदलन जग में विख्याता ॥ 2 ॥

भाल विशाल मुकुट छवि छाजै ।
कर में शीश शत्रु का साजै ॥ 3 ॥

दूजे हाथ लिए मधु प्याला ।
हाथ तीसरे सोहत भाला ॥ 4 ॥

चौथे खप्पर खड्ग कर पांचे ।
छठे त्रिशूल शत्रु बल जांचे ॥ 5 ॥

सप्तम करदमकत असि प्यारी ।
शोभा अद्भुत मात तुम्हारी ॥ 6 ॥

अष्टम कर भक्तन वर दाता ।
जग मनहरण रूप ये माता ॥ 7 ॥

भक्तन में अनुरक्त भवानी ।
निशदिन रटें ॠषी-मुनि ज्ञानी ॥ 8 ॥

महशक्ति अति प्रबल पुनीता ।
तू ही काली तू ही सीता ॥ 9 ॥

पतित तारिणी हे जग पालक ।
कल्याणी पापी कुल घालक ॥ 10 ॥

शेष सुरेश न पावत पारा ।
गौरी रूप धर्यो इक बारा ॥ 11 ॥

तुम समान दाता नहिं दूजा ।
विधिवत करें भक्तजन पूजा ॥ 12 ॥

रूप भयंकर जब तुम धारा ।
दुष्टदलन कीन्हेहु संहारा ॥ 13 ॥

नाम अनेकन मात तुम्हारे ।
भक्तजनों के संकट टारे ॥ 14 ॥

कलि के कष्ट कलेशन हरनी ।
भव भय मोचन मंगल करनी ॥ 15 ॥

महिमा अगम वेद यश गावैं ।
नारद शारद पार न पावैं ॥ 16 ॥

भू पर भार बढ्यौ जब भारी ।
तब तब तुम प्रकटीं महतारी ॥ 17 ॥

आदि अनादि अभय वरदाता ।
विश्वविदित भव संकट त्राता ॥ 18 ॥

कुसमय नाम तुम्हारौ लीन्हा ।
उसको सदा अभय वर दीन्हा ॥ 19 ॥

ध्यान धरें श्रुति शेष सुरेशा ।
काल रूप लखि तुमरो भेषा ॥ 20 ॥

कलुआ भैंरों संग तुम्हारे ।
अरि हित रूप भयानक धारे ॥ 21 ॥

सेवक लांगुर रहत अगारी ।
चौसठ जोगन आज्ञाकारी ॥ 22 ॥

त्रेता में रघुवर हित आई ।
दशकंधर की सैन नसाई ॥ 23 ॥

खेला रण का खेल निराला ।
भरा मांस-मज्जा से प्याला ॥ 24 ॥

रौद्र रूप लखि दानव भागे ।
कियौ गवन भवन निज त्यागे ॥ 25 ॥

तब ऐसौ तामस चढ़ आयो ।
स्वजन विजन को भेद भुलायो ॥ 26 ॥

ये बालक लखि शंकर आए ।
राह रोक चरनन में धाए ॥ 27 ॥

तब मुख जीभ निकर जो आई ।
यही रूप प्रचलित है माई ॥ 28 ॥

बाढ्यो महिषासुर मद भारी ।
पीड़ित किए सकल नर-नारी ॥ 29 ॥

करूण पुकार सुनी भक्तन की ।
पीर मिटावन हित जन-जन की ॥ 30 ॥

तब प्रगटी निज सैन समेता ।
नाम पड़ा मां महिष विजेता ॥ 31 ॥

शुंभ निशुंभ हने छन माहीं ।
तुम सम जग दूसर कोउ नाहीं ॥ 32 ॥

मान मथनहारी खल दल के ।
सदा सहायक भक्त विकल के ॥ 33 ॥

दीन विहीन करैं नित सेवा ।
पावैं मनवांछित फल मेवा ॥ 34 ॥

संकट में जो सुमिरन करहीं ।
उनके कष्ट मातु तुम हरहीं ॥ 35 ॥

प्रेम सहित जो कीरति गावैं ।
भव बन्धन सों मुक्ती पावैं ॥ 36 ॥

काली चालीसा जो पढ़हीं ।
स्वर्गलोक बिनु बंधन चढ़हीं ॥ 37 ॥

दया दृष्टि हेरौ जगदम्बा ।
केहि कारण मां कियौ विलम्बा ॥ 38 ॥

करहु मातु भक्तन रखवाली ।
जयति जयति काली कंकाली ॥ 39 ॥

सेवक दीन अनाथ अनारी ।
भक्तिभाव युति शरण तुम्हारी ॥ 40 ॥

॥दोहा॥

प्रेम सहित जो करे,
काली चालीसा पाठ ।
तिनकी पूरन कामना,
होय सकल जग ठाठ ॥

***

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