September 6, 2025
Blog

चंद्र ग्रहण 2025: ब्लड मून का जादू, गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष अलर्ट

भारतीय समयानुसार, ग्रहण रात करीब 10 बजे शुरू होगा और अगली रात यानी 8 सितंबर को 1:25 बजे तक चलेगा। इस दौरान चंद्रमा की सतह पर सूर्य की किरणें पृथ्वी के वायुमंडल से गुजरते हुए लाल रंग की छटा बिखेरेंगी, जो इसे 'ब्लड मून' का नाम देती हैं।

नई दिल्ली: आकाशीय घटनाओं के शौकीनों और धार्मिक अनुयायियों के लिए एक रोमांचक खबर! कल यानी 7 सितंबर को साल का दूसरा पूर्ण चंद्र ग्रहण लगने वाला है, जिसे ‘ब्लड मून’ के नाम से भी जाना जाता है। यह खगोलीय नजारा भारत में भी साफ-साफ नजर आएगा, जो रात की खामोशी में चंद्रमा को लाल रंग की रहस्यमयी आभा प्रदान करेगा। वैज्ञानिकों के अनुसार, यह ग्रहण पृथ्वी की छाया में चंद्रमा के पूरी तरह ढक जाने से होता है, लेकिन धार्मिक मान्यताओं में इसे कर्मों और ऊर्जा के प्रभाव से जोड़ा जाता है।

भारतीय समयानुसार, ग्रहण रात करीब 10 बजे शुरू होगा और अगली रात यानी 8 सितंबर को 1:25 बजे तक चलेगा। इस दौरान चंद्रमा की सतह पर सूर्य की किरणें पृथ्वी के वायुमंडल से गुजरते हुए लाल रंग की छटा बिखेरेंगी, जो इसे ‘ब्लड मून’ का नाम देती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह ग्रहण हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब के कुछ इलाकों, कश्मीर और भारत-चीन सीमा के पास के क्षेत्रों में सबसे ज्यादा प्रभावशाली ढंग से दिखाई देगा। यहां की ऊंची पहाड़ियां और साफ आसमान इसे और भी मनमोहक बना सकते हैं, जहां लोग दूरबीनों या नंगी आंखों से इस दृश्य का आनंद ले सकेंगे।

धार्मिक परंपराओं में चंद्र ग्रहण को विशेष महत्व दिया जाता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण काल में कुछ सावधानियां बरतनी जरूरी हैं, खासतौर पर स्वास्थ्य और आध्यात्मिक दृष्टि से। ग्रहण के समय भोजन या पेय पदार्थों से परहेज करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इस दौरान शरीर की पाचन प्रक्रिया धीमी पड़ जाती है। इससे ध्यान, मंत्र जाप और साधना में एकाग्रता बढ़ती है, जो आत्मिक शांति प्रदान करती है। प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर और सद्गुरु जैसे विशेषज्ञों ने बताया है कि ग्रहण से कुछ घंटे पहले हल्का और सात्विक भोजन करना फायदेमंद होता है, ताकि शरीर पर कोई अतिरिक्त बोझ न पड़े।

गर्भवती महिलाओं के लिए यह ग्रहण और भी सतर्कता का विषय है। पारंपरिक सलाह है कि वे ग्रहण के दौरान घर से बाहर न निकलें और चंद्रमा की ओर न देखें, क्योंकि माना जाता है कि इससे गर्भ में पल रहे शिशु पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। हालांकि, चिकित्सकीय दृष्टिकोण से डॉक्टर स्पष्ट करते हैं कि चंद्र ग्रहण महज एक प्राकृतिक खगोलीय घटना है, जिसमें कोई हानिकारक किरणें या विकिरण नहीं निकलते। गर्भवती महिलाएं अपनी दैनिक दिनचर्या जारी रख सकती हैं, लेकिन थकान से बचने और आराम करने पर जोर दें। यदि कोई असुविधा महसूस हो, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।

ग्रहण का प्रभाव सिर्फ शारीरिक नहीं, बल्कि मानसिक स्तर पर भी पड़ सकता है। कई लोग इस दौरान चिड़चिड़ापन, मूड में उतार-चढ़ाव या अनावश्यक चिंता महसूस कर सकते हैं। चंद्रमा का नींद चक्र से गहरा संबंध होने के कारण, रात में नींद टूटना या देर से सोना सामान्य हो सकता है। विशेषज्ञ सुझाव देते हैं कि ग्रहण से पहले ध्यान या योग अभ्यास से मन को शांत रखें, जो इन प्रभावों को कम करने में मददगार साबित हो सकता है।

ग्रहण समाप्त होने के बाद, कई परिवारों में स्नान करने की परंपरा है। यह न केवल धार्मिक रीति है, बल्कि शारीरिक स्वच्छता और ताजगी के लिए भी लाभदायक माना जाता है। स्नान से शरीर की थकान दूर होती है और मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जो अगले दिन की शुरुआत को स्फूर्तिदायक बनाता है।

कुल मिलाकर, सितंबर 2025 का यह चंद्र ग्रहण न सिर्फ विज्ञान की दृष्टि से एक दुर्लभ नजारा है, बल्कि धार्मिक और स्वास्थ्य संबंधी सावधानियों का एक अनोखा संगम भी। यह हमें याद दिलाता है कि प्रकृति की ये घटनाएं हमें आत्म-चिंतन और संतुलित जीवनशैली की ओर प्रेरित करती हैं। यदि आप ग्रहण देखने की योजना बना रहे हैं, तो सुरक्षित स्थानों का चयन करें और परिवार के साथ इस आकाशीय उत्सव का आनंद लें।

Related posts

Top 30 Indian Baby Girl Names, Meanings & Rasi – Bhakti Bharat Ki

bbkbbsr24

फिटकरी के बेमिसाल फायदे और उपयोग | Benefits of Fitkari

bbkbbsr24

एक शंखनाद, जिसने मिटाई नफरत की दीवारें: अर्जुन और किशन की सच्ची कहानी

Bimal Kumar Dash

Leave a Comment