हनुमान चालीसा का चमत्कार: आध्यात्मिक शक्ति और जीवन की सुरक्षा: हनुमान चालीसा, भगवान हनुमान को समर्पित एक पवित्र भक्ति रचना, न केवल आध्यात्मिक शांति प्रदान करती है, बल्कि जीवन में सकारात्मकता और सुरक्षा का संचार भी करती है। तुलसीदास द्वारा रचित यह चालीसा भक्तों के लिए एक शक्तिशाली कवच है, जो मन, शरीर और आत्मा को नकारात्मक शक्तियों से बचाती है।
हनुमान चालीसा का नियमित पाठ मानसिक तनाव को कम करता है और आत्मविश्वास को बढ़ाता है। यह भय, चिंता और अनिश्चितता को दूर कर साहस और दृढ़ता प्रदान करती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यह मंगल और शनि के दुष्प्रभावों को भी शांत करती है। भक्तों का मानना है कि हनुमान चालीसा का पाठ दुर्घटनाओं, बुरी नजर और अज्ञात खतरों से रक्षा करता है।
हनुमान चालीसा का प्रभाव केवल धार्मिक नहीं, बल्कि वैज्ञानिक भी है। इसके शब्दों की लय और उच्चारण मस्तिष्क को शांत करते हैं, जिससे एकाग्रता बढ़ती है। यह बच्चों, बुजुर्गों और सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए लाभकारी है। रात में पाठ करने से बुरे सपने दूर होते हैं और नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है।
कोलकाता के पंडित रमेश शास्त्री कहते हैं, “हनुमान चालीसा एक ऐसा मंत्र है जो हर संकट में साथ देता है। यह भक्तों को न केवल आध्यात्मिक बल देता है, बल्कि उनके जीवन को समृद्ध और सुरक्षित भी बनाता है।”
हनुमान चालीसा का पाठ सामूहिक रूप से करने से सामाजिक एकता बढ़ती है। यह हर धर्म और समुदाय के लोगों को जोड़ता है। आइए, इस पवित्र रचना को अपने जीवन में अपनाएं और इसके चमत्कारों का अनुभव करें।
हनुमान चालीसा
॥ दोहा ॥
श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि ।
बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि ॥
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार ।
बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार ॥
॥ चौपाई ॥
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर ।
जय कपीस तिहुं लोक उजागर ॥ १ ॥
रामदूत अतुलित बल धामा ।
अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा ॥ २ ॥
महाबीर बिक्रम बजरंगी ।
कुमति निवार सुमति के संगी ॥ ३ ॥
कंचन बरन बिराज सुबेसा ।
कानन कुंडल कुंचित केसा ॥ ४ ॥
हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै ।
कांधे मूंज जनेऊ साजै ॥ ५ ॥
संकर सुवन केसरीनंदन ।
तेज प्रताप महा जग बन्दन ॥ ६ ॥
विद्यावान गुनी अति चातुर ।
राम काज करिबे को आतुर ॥ ७ ॥
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया ।
राम लखन सीता मन बसिया ॥ ८ ॥
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा ।
बिकट रूप धरि लंक जरावा ॥ ९ ॥
भीम रूप धरि असुर संहारे ।
रामचंद्र के काज संवारे ॥ १० ॥
लाय सजीवन लखन जियाये ।
श्रीरघुबीर हरषि उर लाये ॥ ११ ॥
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई ।
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई ॥ १२ ॥
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं ।
अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं ॥ १३ ॥
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा ।
नारद सारद सहित अहीसा ॥ १४ ॥
जम कुबेर दिगपाल जहां ते ।
कबि कोबिद कहि सके कहां ते ॥ १५ ॥
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा ।
राम मिलाय राज पद दीन्हा ॥ १६ ॥
तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना ।
लंकेस्वर भए सब जग जाना ॥ १७ ॥
जुग सहस्र जोजन पर भानू ।
लील्यो ताहि मधुर फल जानू ॥ १८ ॥
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं ।
जलधि लांघि गये अचरज नाहीं ॥ १९ ॥
दुर्गम काज जगत के जेते ।
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते ॥ २० ॥
राम दुआरे तुम रखवारे ।
होत न आज्ञा बिनु पैसारे ॥ २१ ॥
सब सुख लहै तुम्हारी सरना ।
तुम रक्षक काहू को डर ना ॥ २२ ॥
आपन तेज सम्हारो आपै ।
तीनों लोक हांक तें कांपै ॥ २३ ॥
भूत पिसाच निकट नहिं आवै ।
महाबीर जब नाम सुनावै ॥ २४ ॥
नासै रोग हरै सब पीरा ।
जपत निरंतर हनुमत बीरा ॥ २५ ॥
संकट तें हनुमान छुड़ावै ।
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै ॥ २६ ॥
सब पर राम तपस्वी राजा ।
तिन के काज सकल तुम साजा ॥ २७ ॥
और मनोरथ जो कोई लावै ।
सोइ अमित जीवन फल पावै ॥ २८ ॥
चारों जुग परताप तुम्हारा ।
है परसिद्ध जगत उजियारा ॥ २९ ॥
साधु-संत के तुम रखवारे ।
असुर निकंदन राम दुलारे ॥ ३० ॥
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता ।
अस बर दीन जानकी माता ॥ ३१ ॥
राम रसायन तुम्हरे पासा ।
सदा रहो रघुपति के दासा॥ ३२ ॥
तुम्हरे भजन राम को पावै ।
जनम-जनम के दुख बिसरावै ॥ ३३ ॥
अन्तकाल रघुबर पुर जाई ।
जहां जन्म हरि-भक्त कहाई ॥ ३४ ॥
और देवता चित्त न धरई ।
हनुमत सेइ सर्ब सुख करई ॥ ३५ ॥
संकट कटै मिटै सब पीरा ।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा ॥ ३६ ॥
जै जै जै हनुमान गोसाईं ।
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं ॥ ३७ ॥
जो सत बार पाठ कर कोई ।
छूटहि बंदि महा सुख होई ॥ ३८ ॥
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा ।
होय सिद्धि साखी गौरीसा ॥ ३९ ॥
तुलसीदास सदा हरि चेरा ।
कीजै नाथ हृदय मंह डेरा ॥ ४० ॥
॥ दोहा ॥
पवन तनय संकट हरन मंगल मूरति रूप ।
राम लखन सीता सहित हृदय बसहु सुर भूप ॥
सियावर रामचंद्र भगवान् की जय।
उमापति महादेव की जय।
पवनसुत हनुमान की जय।
बोलो रे भाई सब संतन की जय।
जय जय जय।
नोट: हनुमान चालीसा का नियमित पाठ भक्ति, शांति और सकारात्मकता लाता है। इसे श्रद्धा और स्वच्छ मन से पढ़ें।
Credit the Video : Bhakti Bharat Ki YouTube Channel
Credit the Video : Bhakti YouTube Channel
Disclaimer: Bhakti Bharat Ki / भक्ति भारत की (https://bhaktibharatki.com) वेबसाइट का उद्देश्य किसी की आस्था या भावनाओं को ठेस पहुंचना नहीं है। इस वेबसाइट पर प्रकाशित उपाय, रचना और जानकारी को भिन्न – भिन्न लोगों की मान्यता, जानकारियों के अनुसार और इंटरनेट पर मौजूदा जानकारियों को ध्यान पूर्वक पढ़कर, और शोधन कर लिखा गया है। इस पोस्ट पर दिए गए जानकारी केवल सामान्य ज्ञान और शैक्षिक उद्देश्य के लिए बनाया गया है। यहां यह बताना जरूरी है कि Bhakti Bharat Ki / भक्ति भारत की (https://bhaktibharatki.com) इसमें चर्चा की गई किसी भी तरह जानकारी, मान्यता, सटीकता, पूर्णता या विश्वसनीयता की पूर्ण रूप से गारंटी नहीं देते। हनुमान चालीसा का चमत्कार: आध्यात्मिक शक्ति और जीवन की सुरक्षा का अर्थ और महत्व को अमल में लाने से पहले कृपया संबंधित योग्य विशेषज्ञ अथवा पंड़ित की सलाह अवश्य लें। हनुमान चालीसा का चमत्कार: आध्यात्मिक शक्ति और जीवन की सुरक्षा का उच्चारण करना या ना करना आपके विवेक पर निर्भर करता है। इस वेबसाइट पर दी गई जानकारी का उपयोग पूरी तरह से उपयोगकर्ता की अपनी ज़िम्मेदारी पर है। किसी भी प्रकार की हानि, नुकसान, या परिणाम के लिए हम प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जिम्मेदार नहीं होंगे।
