15.1 C
Bhubaneswar
December 27, 2025
Mantra

Sarv Bhayanak Rog Nashak Mantra | सर्व भयानक रोग नाशक

Credit the Video : H-Spiritual YouTube Channel

रोग-उन्मूलन मंत्र – जैन धर्म के इस प्रसिद्ध भक्तामर स्तोत्र का 45वाँ मंत्र है जिसके श्रवण एवं जाप से भयंकर जलोदर रोगों का नाश होता है।

Sarv Bhayanak Rog Nashak Mantra

Udbhoot-Bheeshan-Jalodar-Bhaar-Bhugnaah,
Shochyam Dasha-Mupagatash-Chyut-Jeevitashah ।
Tvatpaad-Pankaj-Rajo-Mrat-Digdh-Dehaah,
Martya Bhawanti Makar-Dhwaj-Tulya-Roopah ॥

ये भी पढ़िए : भक्तामर स्तोत्र का इतिहास एंव इस स्तोत्र की महिमा:

सर्व भयानक रोग नाशक

उद्भूत-भीषण-जलोदर-भार-भुग्नाः,
शोच्यां दशा-मुपगताश्-च्युत-जीविताशाः ।
त्वत्पाद-पंकज-रजो-मृत-दिग्ध-देहाः,
मर्त्या भवन्ति मकर-ध्वज-तुल्य-रूपाः ॥

भावार्थ:
उत्पन्न हुए भीषण जलोदर रोग के भार से झुके हुए, शोभनीय अवस्था को प्राप्त और नहीं रही है जीवन की आशा जिनके, ऐसे मनुष्य आपके चरण कमलों की रज रुप अम्रत से लिप्त शरीर होते हुए कामदेव के समान रुप वाले हो जाते हैं।

नोट : पोस्ट में दिए गए उपाय और रचना को इंटरनेट पर मौजूदा जानकारियों को ध्यान पूर्वक पढ़कर और शोधन कर लिखा गया है। मंत्र के उच्चारण के पूर्व किसी ज्योतिष अथवा पंड़ित की सलाह अवश्य लें। मंत्र का उच्चारण करना या ना करना आपके विवेक पर निर्भर करता है।

Read More:

Rog Nashak Bishnu Mantra

Related posts

Bham Bham Bham Bhole Rudraya | बम बम बम भोले रूद्राय

bbkbbsr24

Bhaktamar Stotra | भक्तामर स्तोत्र लिरिक्स | भक्तामर-प्रणत-मौलि

bbkbbsr24

Yogeshwaraya Mahadevaya | योगेश्वराय महादेवाय

bbkbbsr24