November 21, 2025
Ashtakam

Shri Krishna Ashtakam | श्री कृष्ण अष्टकम् | वसुदेव सुतं देवं | Krishnashtakam

Krishnashtakam

Shri Krishna Ashtakam | श्री कृष्ण अष्टकम् | वसुदेव सुतं देवं | Krishnashtakam: दोस्तों नमस्कार, आज हम आप लोगों को इस पोस्ट के माध्यम से श्री कृष्ण अष्टकम् के बारे में बताएँगे। आदि शंकराचार्य द्वारा रचित श्री कृष्णाष्टकम् बहुत सुन्दर और मधुर स्तुति है। भगवान कृष्ण को समर्पित यह सुमधुर श्री कृष्णाष्टकम् का गायन सर्वाधिक कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर गाया जाता है। इसमें भगवान श्री कृष्ण के दिव्य गुणों और महिमा का वर्णन किया गाया है। श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त करने के लिए केवल भगवान का स्मरण सर्वोत्तम साधन है। समस्त गोपों को आनन्दित करने वाले, हृदयकमल में विराजमान भगवान श्रीकृष्ण के पवित्र चरणकमल पर मेरा साष्टांग नमस्कार।

कृष्ण अष्टकम्

वसुदेव सुतं देवं कंस चाणूर मर्दनम् ।
देवकी परमानंदं कृष्णं वंदे जगद्गुरुम् ॥
अतसी पुष्प संकाशं हार नूपुर शोभितम् ।
रत्न कंकण केयूरं कृष्णं वंदे जगद्गुरुम् ॥

कुटिलालक संयुक्तं पूर्णचंद्र निभाननम् ।
विलसत् कुंडलधरं कृष्णं वंदे जगद्गुरम् ॥

मंदार गंध संयुक्तं चारुहासं चतुर्भुजम् ।
बर्हि पिंछाव चूडांगं कृष्णं वंदे जगद्गुरुम् ॥

उत्फुल्ल पद्मपत्राक्षं नील जीमूत सन्निभम् ।
यादवानां शिरोरत्नं कृष्णं वंदे जगद्गुरुम् ॥

रुक्मिणी केलि संयुक्तं पीतांबर सुशोभितम् ।
अवाप्त तुलसी गंधं कृष्णं वंदे जगद्गुरुम् ॥

गोपिकानां कुचद्वंद कुंकुमांकित वक्षसम् ।
श्रीनिकेतं महेष्वासं कृष्णं वंदे जगद्गुरुम् ॥

श्रीवत्सांकं महोरस्कं वनमाला विराजितम् ।
शंखचक्र धरं देवं कृष्णं वंदे जगद्गुरुम् ॥

कृष्णाष्टक मिदं पुण्यं प्रातरुत्थाय यः पठेत् ।
कोटिजन्म कृतं पापं स्मरणेन विनश्यति ॥

॥ इति श्री कृष्ण अष्टकम् भातमम् ॥

Shri Krishna Ashtakam

Vasudeva Sutam Devam Kamsa Chaanoora Mardhanam ।
Devaki Paramaanandam Krishnam Vande Jagatgurum ॥

Atasee Pushpa Sankaasham Haara Noopura Shobhitam ।
Rathna Kangana Keyooram Krishnam Vande Jagatgurum ॥

Kutilaalaka Samyuktam Poorna Chandra Nibhaananam ।
Vilasat Kundala Taram Krishnam Vande Jagatgurum ॥

Mandaara Gandha Samyuktam Chaaruhaasam Chaturbhujam ।
Barhipinchhaava Choodaangam Krishnam Vande Jagatgurum ॥

Utphulla Padma Patraaksham Neelajimuta Sannibham ।
Yaadavaanaam Shiroratnam Krishnam Vande Jagatgurum ॥

Rukmini Keli Samyuktam, Peetambara Sushobhitam ।
Avaapta Tulasi Gandham, Krishnam Vande Jagatgurum ॥

Gopikaanaam Kuchaadvandva Kunkumaankita Vakshasam ।
Shriniketham Maheshvaasam Krishnam Vande Jagatgurum ॥

Shrivatsaankam, Mahoraskam, Vanamaala Viraajitam ।
Shankha-Chakra-Dharam Devam, Krishnam Vande Jagatgurum ॥

Krishnaashtakam Idam Punyam Praata Ruththaaya Yaha Padeth ।
Koti Janma Krutam Paapam Smaranena Vinashyati ॥

॥ Iti Shri Krishnaashtakam Sampurnam ॥

କୃଷ୍ଣାଷ୍ଟକମ୍

ବସୁଦେବ ସୁତଂ ଦେବଂ କଂସ ଚାଣୂର ମର୍ଦନମ୍ ।
ଦେବକୀ ପରମାନନ୍ଦଂ କୃଷ୍ଣଂ ବନ୍ଦେ ଜଗଦ୍ଗୁରୁମ୍ ॥

ଅତସୀ ପୁଷ୍ପ ସଙ୍କାଶଂ ହାର ନୂପୁର ଶୋଭିତମ୍ ।
ରତ୍ନ କଙ୍କଣ କେୟୂରଂ କୃଷ୍ଣଂ ବନ୍ଦେ ଜଗଦ୍ଗୁରୁମ୍ ॥

କୁଟିଲାଲକ ସଂୟୁକ୍ତଂ ପୂର୍ଣଚଂଦ୍ର ନିଭାନନମ୍ ।
ବିଲସତ କୁଂଡଲଧରଂ କୃଷ୍ଣଂ ବନ୍ଦେ ଜଗଦ୍ଗୁରୁମ୍ ॥

ମଂଦାର ଗଂଧ ସଂୟୁକ୍ତଂ ଚାରୁହାସଂ ଚତୁର୍ଭୁଜମ୍ ।
ବର୍ହି ପିଂଛାବ ଚୂଡାଙ୍ଗଂ କୃଷ୍ଣଂ ବନ୍ଦେ ଜଗଦ୍ଗୁରୁମ୍ ॥

ଉତ୍ଫୁଲ୍ଲ ପଦ୍ମପତ୍ରାକ୍ଷଂ ନୀଲ ଜୀମୂତ ସନ୍ନିଭମ୍ ।
ୟାଦବାନାଂ ଶିରୋରତ୍ନଂ କୃଷ୍ଣଂ ବନ୍ଦେ ଜଗଦ୍ଗୁରୁମ୍ ॥

ରୁକ୍ମିଣୀ କେଳି ସଂୟୁକ୍ତଂ ପୀତାଂବର ସୁଶୋଭିତମ୍ ।
ଅବାପ୍ତ ତୁଲସୀ ଗଂଧଂ କୃଷ୍ଣଂ ବନ୍ଦେ ଜଗଦ୍ଗୁରୁମ୍ ॥

ଗୋପିକାନାଂ କୁଚଦ୍ଵଂଦ କୁଂକୁମାଙ୍କିତ ବକ୍ଷସମ୍ ।
ଶ୍ରୀନିକେତଂ ମହେଷ୍ଵାସଂ କୃଷ୍ଣଂ ବନ୍ଦେ ଜଗଦ୍ଗୁରୁମ୍ ॥

ଶ୍ରୀବତ୍ସାଙ୍କଂ ମହୋରସ୍କଂ ବନମାଲା ବିରାଜିତମ୍ ।
ଶଙ୍ଖଚକ୍ର ଧରଂ ଦେବଂ କୃଷ୍ଣଂ ବନ୍ଦେ ଜଗଦ୍ଗୁରୁମ୍ ॥

କୃଷ୍ଣାଷ୍ଟକ ମିଦଂ ପୁଣ୍ୟଂ ପ୍ରାତରୁତ୍ଥାୟ ୟଃ ପଠେତ୍ ।
କୋଟିଜନ୍ମ କୃତଂ ପାପଂ ସ୍ମରଣେନ ବିନଶ୍ୟତି ॥

॥ ଇତି ଶ୍ରୀ କୃଷ୍ଣାଷ୍ଟକମ୍ ସମ୍ପୂର୍ଣ୍ଣମ୍ ॥

কৃষ্ণা আশকম

বসুদেব সুতং দেবং কংস চাণূর মর্দনম ।
দেবকী পরমানন্দং কৃষ্ণং বন্দে জগদ্গুরুম ॥

অতসী পুষ্প সঙ্কাশং হার নূপুর শোভিতম ।
রত্ন কঙ্কণ কেয়ূরং কৃষ্ণং বন্দে জগদ্গুরুম ॥

কুটিলালক সংয়ুক্তং পূর্ণচংদ্র নিভাননম ।
বিলসত কুংডলধরং কৃষ্ণং বন্দে জগদ্গুরম ॥

মংদার গংধ সংয়ুক্তং চারুহাসং চতুর্ভুজম ।
বর্হি পিংছাব চূডাঙ্গং কৃষ্ণং বন্দে জগদ্গুরুম ॥

উত্ফুল্ল পদ্মপত্রাক্ষং নীল জীমূত সন্নিভম ।
য়াদবানাং শিরোরত্নং কৃষ্ণং বন্দে জগদ্গুরুম ॥

রুক্মিণী কেলি সংয়ুক্তং পীতাংবর সুশোভিতম ।
অবাপ্ত তুলসী গংধং কৃষ্ণং বন্দে জগদ্গুরুম ॥

গোপিকানাং কুচদ্বংদ কুংকুমাঙ্কিত বক্ষসম ।
শ্রীনিকেতং মহেষ্বাসং কৃষ্ণং বন্দে জগদ্গুরুম ॥

শ্রীবত্সাঙ্কং মহোরস্কং বনমালা বিরাজিতম ।
শঙ্খচক্র ধরং দেবং কৃষ্ণং বন্দে জগদ্গুরুম ॥

কৃষ্ণাষ্টক মিদং পুণ্য়ং প্রাতরুত্থায় য়ঃ পঠেত ।
কোটিজন্ম কৃতং পাপং স্মরণেন বিনশ্য়তি ॥

॥ ইতি শ্রী কৃষ্ণ অষ্টকম ভতমম ॥

Credit the Video : Times Music Spiritual YouTube Channel

Credit the Video : Strumm Spiritual by P.Unnikrishnan, Rakshita, Haripriya & Anu YouTube Channel

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