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December 1, 2025
Ashtakam

Sri Balagopal Ashtakam | ଶ୍ରୀ ବାଳଗୋପାଳ ଅଷ୍ଟକମ୍ | श्री बाल गोपाल अष्टकम् | तीर पयोनिधि वृक्ष निवास

Sri Balagopal Ashtakam | ଶ୍ରୀ ବାଳଗୋପାଳ ଅଷ୍ଟକମ୍ | श्री बाल गोपाल अष्टकम् | तीर पयोनिधि वृक्ष निवास : जो भगवान कृष्ण के प्रति शुद्ध भक्ति और असीम प्रेम से इस बालगोपाल-अष्टकम् को सुनते हैं, तो आप स्वयं को वृंदावन की उस मनमोहक वातावरण का अनुभव कर पाएँगे।

श्री बाल गोपाल अष्टकम्

तीर पयोनिधि वृक्ष निवासं
हास्य कटाक्षज वंशीनिनादं
श्यामल सुन्दर नित्य विलासं
तं प्रणमामि च वालगोपालं ॥१॥

गोधन पालक गोपकुमारं
चन्दन चर्चित कुंकुमहारं
नीलकलेवर शोभितहारं
तं प्रणमामि च वालगोपालं ॥२॥

गोगिरिधारण मेदिनीत्राणं
काम्य मनोरथ सिद्धि प्रदानं
श्री यदुनन्दन हरमे पापं
तं प्रणमामि च वालगोपालं ॥३॥

श्री मधुसूदन वाल्य चरित्रं
काम्य मनोहर वेणुविचित्रं
यशोदानन्दन सुन्दर कृष्णं
तं प्रणमामि च वालगोपालं ॥४॥

केलि कुतुहलि छन्न विवादं
केशव यामिनि पतित निनादं
मल्लनिपातित मुष्टिकघातं
तं प्रणमामि च वालगोपालं ॥५॥

कंस निषूदन केसिवनाशं
ताल फलेषु च धेनुकानाशं
देवकीनन्दन सुन्दरकृष्णं
तं प्रणमामि च वालगोपालं ॥६॥

उज्ज्वल पङ्कज वाहुमृणालं
लक्ष्मी सरस्वती सेवित पादं
श्री यदुनन्दन हरमे पापं
तं प्रणमामि च वालगोपालं ॥७॥

यादव माधव केशव सौरे
श्रीधर सुन्दर कृष्ण मुरारे
तारय तारय हरमे पापं
तं प्रणमामि च वालगोपालं ॥८॥

॥ इति श्री बालगोपालाष्टकम् सम्पूर्णम् ॥

Sri Balagopal Ashtakam 

ଶ୍ରୀ ବାଳଗୋପାଳ ଅଷ୍ଟକମ୍

ତୀରପୟୋନିଧି ବୃକ୍ଷନିବାସଂ,
ହାସ୍ୟ କଟାକ୍ଷଯ ବଂଶୀନି ନାଦଂ ।
ଶ୍ୟାମଳ ସୁନ୍ଦର ନିତ୍ୟ ବିଳାସଂ,
ତଂ ପ୍ରଣମାମି ଚ ବାଳଗୋପାଳମ୍ ॥୧॥

ଗୋଧନ ପାଳକ ଗୋପକୁମାରଂ,
ଚନ୍ଦନ ଚର୍ଚ୍ଚିତ କୁଙ୍କୁମଭାରଂ ।
ନୀଳ କଳେବର ଶୋଭିତ ହାରଂ,
ତଂପ୍ରଣମାମି ଚ ବାଳଗୋପାଳମ୍ ॥୨॥

ଗୋ ଗିରି ଧାରଣ ମେଦିନି ତ୍ରାଣଂ,
କାମ୍ୟ ମନୋରଥ ସିଦ୍ଧି ପ୍ରଦାନଂ ।
ଶ୍ରୀ ଯଦୁନନ୍ଦନ ହର ମେ ପାପଂ,
ତଂପ୍ରଣମାମି ଚ ବାଳଗୋପାଳଂ ॥୩॥

ଶ୍ରୀ ମଧୁସୂଦନ ବାଲ୍ୟ ଚରିତ୍ରଂ,
କାମ୍ୟ ମନୋହର ବେଶ ବିଚିତ୍ରଂ ।
ଯଶୋଦାନନ୍ଦନ ସୁନ୍ଦର କୃଷ୍ଣଂ,
ତଂ ପ୍ରଣମାମି ଚ ବାଳଗୋପାଳମ୍ ॥୪॥

କେଳି କୁତୁହଳୀ ଛନ୍ନ ବିବାଦଂ,
କେଶବ ଯାମିନୀ ପତିତ ନିନାଦଂ ।
ମଲ୍ଲ ନିପାତିତ ମୃଷ୍ଟିକ ଘାତଂ,
ତଂ ପ୍ରଣମାମି ଚ ବାଳଗୋପାଳମ୍ ॥୫॥

କଂସ ନିସୂଦନ କେସି ନିନାଶଂ,
ତାଳ ଫଳେଶୁଚ ଧେନୁକା ନାଶଂ ।
ଦେବକୀ ନନ୍ଦନ ସୁନ୍ଦର କୃଷ୍ଣଂ,
ତଂ ପ୍ରଣମାମି ଚ ବାଳଗୋପାଳମ୍ ॥୬॥

ଉଜ୍ଵଳ ପଙ୍କଳ ବାହୁ ମୃଣାଳଂ,
ଲକ୍ଷ୍ମୀ ସରସ୍ୱତୀ ସେବିତ ପାଦଂ ।
ଶ୍ରୀ ଯଦୁନନ୍ଦନ-ହର ମେ ପାପଂ,
ତଂ ପ୍ରଣମାମି ଚ ବାଳଗୋପାଳମ୍ ॥୭॥

ଯାଦବ ମାଧବ କେଶବ ଶୌରେ,
ଶ୍ରୀଧର ସୁନ୍ଦର କୃଷ୍ଣ ମୁରାରେ ।
ତାରୟ ତାରୟ ହର ମେ ପାପଂ’,
ତଂ ପ୍ରଣମାମି ନ ଚାଳଗୋପାଳମ୍ ॥୮॥

॥ ଇତି ଶ୍ରୀ ବାଳଗୋପାଳାଷ୍ଟକମ୍ ସମ୍ପୁର୍ଣ୍ଣମ୍ ॥

Credit the Video: Rakesh Kumar Spiritual YouTube Channel

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