Twameva Mata Cha Pita Twameva | त्वमेव माता च पिता त्वमेव: दोस्तों नमस्कार, आज हम आपको इस लेख के जरिए त्वमेव माता च पिता त्वमेव प्रार्थना के बारे में बात करेंगे।
त्वमेव माता च पिता त्वमेव
गुरूर्ब्रह्मा गुरूर्विष्णुः गुरूर्देवो महेश्वरः ।
गुरूर्साक्षात परब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः ॥
अर्थ : गुरु ही ब्रह्मा हैं, गुरु ही विष्णु हैं । गुरूदेव ही शिव हैं तथा गुरूदेव ही साक्षात् साकार स्वरूप आदिब्रह्म हैं । मैं गुरूदेव के नमस्कार करता हूं ।
त्वमेव माता च पिता त्वमेव,
त्वमेव बंधुश्च सखा त्वमेव
त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव,
त्वमेव सर्वम् मम् देव देव ॥
अर्थ: तुम मेरी माँ हो, तुम केवल मेरे पिता हो। तुम केवल मेरे परिवार हो, तुम मेरे दोस्त हो। तुम मेरी बुद्धि हो, तुम मेरे धन हो। हे ब्रह्मांड के भगवान, आप मेरे लिए सब कुछ हैं।
माता तू ही गुरु दाता तू ही,
मित्र भ्राता तू ही धन-धान्य भंडारो
ईश तू ही जगदीश तू ही,
मम शीश तू ही प्रभु राखनहारो ॥
राव तू ही उमराव तू ही,
सत्य-भाव तू ही मम नैन को तारो
सार तू ही करतार तू ही,
घर-द्वार तू ही परिवार हमारो ॥
सोम तू ही और व्योम तू ही,
निज ओम तू ही मम प्राण अधारो ॥
Twameva Mata Cha Pita Twameva
Gurur Brahma Gurur Vishnu,
Gurur Devo Maheshwarah.
Guru Saakshaata Parabrahma,
Tasmai Shri Guruve Namah.
Twamev Maata Ch Pita Twamev,
Twamev Bandhushch Sakha Twamev.
Twamev Vidya Dravidam Twamev,
Twamev Sarvam Mam Dev Dev.
Maata Too Hee Guru Daata Too Hee,
Mitra Bhraata Too Hee Dhan-dhaany Bhandaaro
Eesh Too Hee Jagadeesh Too Hee,
Mam Sheesh Too Hee Prabhu Raakhanahaaro.
Raav Too Hee Umaraav Too Hee,
Saty-bhaav Too Hee Mam Nain Ko Taaro
Saar Too Hee Karataar Too Hee,
Ghar-dvaar Too Hee Parivaar Hamaaro.
Som Too Hee Aur Vyom Too Hee,
Nij Om Too Hee Mam Praan Adhaaro.
ତ୍ବମେବ ମାତା ଚ ପିତା ତ୍ବମେବ
ଗୁରୁର୍ବ୍ରହ୍ମା ଗୁରୁର୍ବିଷ୍ଣୁ ଗୁରୁର୍ଦେବୋ ମହେଶ୍ୱରଃ ।
ଗୁରୁର୍ସାକ୍ଷାତ୍ ପରମ୍ ବ୍ରହ୍ମ ତସ୍ମୈ ଶ୍ରୀ ଗୁରବେ ନମଃ ।
ଅର୍ଥ: ଗୁରୁ ହେଉଛନ୍ତି ବ୍ରହ୍ମା, ଗୁରୁ ହେଉଛନ୍ତି ବିଷ୍ଣୁ। ଗୁରୁଦେବ ହେଉଛନ୍ତି ଶିବ ଏବଂ ଗୁରୁଦେବ ହେଉଛନ୍ତି ପ୍ରକୃତ ରୂପରେ ଆଦିବ୍ରହ୍ମା। ମୁଁ ଗୁରୁଦେବଙ୍କୁ ନମସ୍କାର କରୁଛି।
ତ୍ବମେବ ମାତା ଚ ପିତା ତ୍ବମେବ
ତ୍ବମେବ ବନ୍ଧୁଶ୍ଚ ସଖା ତ୍ୱମେବ ।
ତ୍ବମେବ ବିଦ୍ୟା ଦ୍ରବିଣଂ ତ୍ବମେବ
ତ୍ୱମେବ ସର୍ବଂ ମମ ଦେବ ଦେବ ॥
ଅର୍ଥ: ତୁମେ ହେଉଛ ମୋର ମା, ତୁମେ କେବଳ ମୋର ବାପା। ତୁମେ କେବଳ ମୋର ପରିବାର, ତୁମେ ହେଉଛ ମୋର ବନ୍ଧୁ। ତୁମେ ମୋର ଜ୍ଞାନ, ତୁମେ ମୋର ଧନ। ହେ ବିଶ୍ୱନିୟନ୍ତା ଭଗବାନ ପ୍ରଭୁ, ତୁମେ ମୋ ପାଇଁ ସବୁକିଛି।
ମାତା ତୂ ହୀ ଗୁରୁ ଦାତା ତୂ ହି
ମିତ୍ର ଭ୍ରାତା ତୂ ହୀ ଧନ-ଧ୍ୟାନ୍ୟ ଭଣ୍ଡାରୋ ।
ଇସଃ ତୂ ହୀ ଜଗଦୀଶ ତୂ ହୀ
ମମ ଶୀଷ ତୁ ହି ପ୍ରଭୁ ରାଖନହାର ॥
ରାବ ତୂ ହୀ ଉମାରଭ ତୂ ହୀ
ସତ୍ୟ-ଭାବ ତୂ ହୀ ମମ ନାଇଁ କୋ ତାରୋ ।
ସାର ତୂ ହୀ କରତାର ତୂ ହୀ
ଘର-ଦ୍ବାର ତୂ ହୀ ପରିବାର ହମାରୋ ॥
ସୋମ ତୂ ହୀ ଔର ବ୍ୟୋମ ତୂ ହୀ
ନିଜ ଓମ ତୂ ହୀ ମମ ପ୍ରାଣ ଆଧାରୋ ॥
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