नई दिल्ली: आध्यात्मिक वक्ता और ब्रह्मकुमारीज़ की प्रख्यात वक्ता बी.के. शिवानी ने अपने हालिया व्याख्यान “5 Secrets To Save Time & Boost Energy Daily – Part 2” में कार्यस्थल और घर पर ऊर्जा संरक्षण तथा तनाव-मुक्त जीवन जीने के गहन रहस्य साझा किए। उनके विचारों ने श्रोताओं को सकारात्मकता और अनुशासन के साथ जीवन जीने की प्रेरणा दी।
गलती और लापरवाही में अंतर
बी.के. शिवानी ने गलती और लापरवाही को अलग-अलग समझने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “गलती पर तुरंत पूर्ण-विराम लगाना चाहिए, लेकिन लापरवाही के लिए अनुशासनात्मक कार्रवाई पूरी टीम की सहमति से तय होनी चाहिए।” उनका मानना है कि अनुशासन थोपा हुआ नहीं, बल्कि आपसी समझ और सहमति से लागू होना चाहिए। इससे कार्यसंस्कृति सकारात्मक और प्रेरणादायक बनती है।
“नो ऐंगर ज़ोन” की संस्कृति
आधुनिक जीवन में बढ़ती तनावजनित बीमारियों, जैसे उच्च रक्तचाप और हृदय रोगों, का जिक्र करते हुए शिवानी ने “नो ऐंगर ज़ोन” की संस्कृति अपनाने की सलाह दी। उन्होंने कहा, “क्रोध के बिना काम करने की आदत डालें। अनुशासन के लिए आक्रामकता नहीं, बल्कि आपसी समझ और संवाद जरूरी है।” यह दृष्टिकोण न केवल तनाव कम करता है, बल्कि कार्यक्षमता को भी बढ़ाता है।
गॉसिप: ऊर्जा की बर्बादी
गॉसिप को “आत्मिक शक्ति की हानि” बताते हुए शिवानी ने सुझाव दिया कि किसी की कमजोरी पर तीसरे व्यक्ति से चर्चा करने के बजाय, सीधे उस व्यक्ति से संवाद करें। उन्होंने एक अनोखा प्रयोग प्रस्तावित किया: “एक दिन के लिए नकारात्मक विचार या बातचीत से बचें। केवल सकारात्मक और प्रत्यक्ष संवाद करें।” यह छोटा-सा कदम ऊर्जा संरक्षण में बड़ा बदलाव ला सकता है।
“ऑल इज़ वेल” का सकारात्मक सिद्धांत
शिवानी ने “ऑल इज़ वेल” के विचार को ऊर्जा सिद्धांत से जोड़ा। उन्होंने बताया, “हमारे सकारात्मक विचार हमारी वास्तविकता को आकार देते हैं। हर सुबह ध्यान में किसी के लिए शुभकामनाएं करें। यह प्रार्थना नकारात्मक ऊर्जा को शून्य कर देती है।” यह अभ्यास न केवल मानसिक शांति देता है, बल्कि जीवन में सकारात्मक बदलाव भी लाता है।
स्वयं को आशीर्वाद
अंत में, बी.के. शिवानी ने स्वयं को आशीर्वाद देने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा, “हर दिन सुबह ‘मैं हमेशा स्वस्थ हूं’ और ‘मैं हमेशा खुश हूं’ जैसे सकारात्मक विचार दोहराएं। यह वास्तविक आशीर्वाद है, जो हमारे भाग्य को बदलने की शक्ति रखता है।”
बी.के. शिवानी के ये विचार न केवल व्यक्तिगत जीवन में सकारात्मकता लाने के लिए प्रेरित करते हैं, बल्कि कार्यस्थल और सामाजिक जीवन में भी बेहतर संबंधों और ऊर्जा प्रबंधन का मार्ग प्रशस्त करते हैं।
