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December 18, 2025
Mantra

Hanuman Dandakam | श्री हनुमान दंडकम | श्री आंजनेय दंडकम

Hanuman Dandakam

श्री हनुमान दंडकम

श्री आंजनेय दंडकम

श्री आंजनेयं प्रसन्नांजनेयं
प्रभादिव्यकायं प्रकीर्ति प्रदायं
भजे वायुपुत्रं भजे वालगात्रं भजेहं पवित्रं
भजे सूर्यमित्रं भजे रुद्ररूपं
भजे ब्रह्मतेजं बटंचुन् प्रभातंबु
सायंत्रमुन् नीनामसंकीर्तनल् जेसि
नी रूपु वर्णिंचि नीमीद ने दंडकं बॊक्कटिन् जेय
नी मूर्तिगाविंचि नीसुंदरं बॆंचि नी दासदासुंडवै
रामभक्तुंडनै निन्नु नेगॊल्चॆदन्
नी कटाक्षंबुनन् जूचिते वेडुकल् चेसिते
ना मॊरालिंचिते नन्नु रक्षिंचिते

अंजनादेवि गर्भान्वया देव
निन्नॆंच नेनॆंतवाडन्
दयाशालिवै जूचियुन् दातवै ब्रोचियुन्
दग्गरन् निल्चियुन् दॊल्लि सुग्रीवुकुन्-मंत्रिवै
स्वामि कार्यार्थमै येगि
श्रीराम सौमित्रुलं जूचि वारिन्विचारिंचि
सर्वेशु बूजिंचि यब्भानुजुं बंटु गाविंचि
वालिनिन् जंपिंचि काकुत्थ्स तिलकुन् कृपादृष्टि वीक्षिंचि
किष्किंधकेतॆंचि श्रीराम कार्यार्थमै लंक केतॆंचियुन्
लंकिणिन् जंपियुन् लंकनुन् गाल्चियुन्
यभ्भूमिजं जूचि यानंदमुप्पॊंगि यायुंगरंबिच्चि
यारत्नमुन् दॆच्चि श्रीरामुनकुन्निच्चि संतोषमुन्​जेसि

सुग्रीवुनिन् यंगदुन् जांबवंतु न्नलुन्नीलुलन् गूडि
यासेतुवुन् दाटि वानरुल्​मूकलै पॆन्मूकलै
यादैत्युलन् द्रुंचगा रावणुंडंत कालाग्नि रुद्रुंडुगा वच्चि
ब्रह्मांडमैनट्टि या शक्तिनिन्​वैचि यालक्षणुन् मूर्छनॊंदिंपगानप्पुडे नीवु
संजीविनिन्​दॆच्चि सौमित्रिकिन्निच्चि प्राणंबु रक्षिंपगा

कुंभकर्णादुल न्वीरुलं बोर श्रीराम बाणाग्नि
वारंदरिन् रावणुन् जंपगा नंत लोकंबु लानंदमै युंड
नव्वेलनु न्विभीषुणुन् वेडुकन् दोडुकन् वच्चि पट्टाभिषेकंबु चेयिंचि,
सीतामहादेविनिन् दॆच्चि श्रीरामुकुन्निच्चि,
यंतन्नयोध्यापुरिन्​जॊच्चि पट्टाभिषेकंबु संरंभमैयुन्न
नीकन्न नाकॆव्वरुन् गूर्मि लेरंचु मन्निंचि श्रीरामभक्त प्रशस्तंबुगा

निन्नु सेविंचि नी कीर्तनल् चेसिनन् पापमुल्​ल्बायुने भयमुलुन्
दीरुने भाग्यमुल् गल्गुने साम्राज्यमुल् गल्गु संपत्तुलुन् कल्गुनो
वानराकार योभक्त मंदार योपुण्य संचार योधीर योवीर
नीवे समस्तंबुगा नॊप्पि यातारक ब्रह्म मंत्रंबु पठियिंचुचुन् स्थिरम्मुगन्

वज्रदेहंबुनुन् दाल्चि श्रीराम श्रीरामयंचुन् मनःपूतमैन ऎप्पुडुन् तप्पकन्
तलतुना जिह्वयंदुंडि नी दीर्घदेहम्मु त्रैलोक्य संचारिवै राम
नामांकितध्यानिवै ब्रह्मतेजंबुनन् रौद्रनीज्वाल

कल्लोल हावीर हनुमंत ॐकार शब्दंबुलन् भूत प्रेतंबुलन् बॆन्
पिशाचंबुलन् शाकिनी ढाकिनीत्यादुलन् गालिदय्यंबुलन्
नीदु वालंबुनन् जुट्टि नेलंबडं गॊट्टि नीमुष्टि घातंबुलन्
बाहुदंडंबुलन् रोमखंडंबुलन् द्रुंचि कालाग्नि
रुद्रुंडवै नीवु ब्रह्मप्रभाभासितंबैन नीदिव्य तेजंबुनुन् जूचि

रारोरि नामुद्दु नरसिंह यन्​चुन् दयादृष्टि
वीक्षिंचि नन्नेलु नास्वामियो यांजनेया
नमस्ते सदा ब्रह्मचारी
नमस्ते नमोवायुपुत्रा नमस्ते नमः

Credit the Video: Spiritual Art YouTube Channel

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