23.1 C
Bhubaneswar
December 31, 2025
BlogSlider

राशिचक्र की शुरुआत कैसे हुई?

नई दिल्ली: आज हम अपनी कुंडली में मेष, वृषभ, मीन जैसी राशियों के बारे में पढ़ते हैं। लेकिन ये राशियां कहां से आईं? इनकी जड़ें हजारों साल पुरानी हैं।

यह सब शुरू हुआ प्राचीन बेबीलोन में। करीब 2500 साल पहले, बेबीलोन के लोग आकाश को ध्यान से देखते थे। वे सूरज, चंद्रमा और ग्रहों की गति को नोट करते थे।

सूरज एक साल में आकाश में एक चक्कर लगाता है। इस रास्ते को एक्लिप्टिक कहते हैं। इस रास्ते पर 12 तारों के समूह (कॉन्स्टेलेशन) दिखते हैं। बेबीलोन वासियों ने इन समूहों को नाम दिए और इन्हें 12 बराबर हिस्सों में बांट दिया। हर हिस्सा 30 डिग्री का। यही हमारी 12 राशियां बनीं।

नाम कहां से आए?

बेबीलोन में इन राशियों के नाम कुछ अलग थे। जैसे मेष को ‘हायर्ड मैन’ कहते थे, सिंह को ‘लाइन’। बाद में यूनानियों ने इन नामों को बदलकर जानवरों और मिथकों से जोड़ा। ‘जोडियाक’ शब्द भी यूनानी है, मतलब ‘जानवरों का घेरा’। क्योंकि ज्यादातर राशियां जानवरों से जुड़ी हैं।

Vector de Stock Zodiac wheel with 12 signs and constellations ...

कैसे निकाली जाती हैं राशियां?

राशि निकालने का तरीका आसान है। आपकी जन्म तारीख देखकर पता चलता है कि जन्म के समय सूरज किस राशि में था। जैसे अप्रैल में जन्मे तो मेष या वृषभ।

लेकिन आजकल थोड़ा फर्क आ गया है। पृथ्वी की धुरी धीरे-धीरे हिलती है। इसे प्रीसेसन कहते हैं। इसलिए अब राशियां और असली तारों के समूह पूरी तरह मैच नहीं करते। फिर भी हम पुरानी व्यवस्था ही इस्तेमाल करते हैं।

Late Babylonian Astrological Tablet with Drawings of ...

आज भी क्यों लोकप्रिय?

बेबीलोन से शुरू हुई यह परंपरा यूनान, रोम होते हुए भारत तक पहुंची। यहां इसे ज्योतिष का हिस्सा बनाया गया। आज लाखों लोग अपनी राशि देखकर दिन शुरू करते हैं।

यह हमें याद दिलाता है कि इंसान सदियों से सितारों से जुड़ाव महसूस करता रहा है। चाहे विज्ञान कहे जो कहे, राशिचक्र की कहानी दिलचस्प है।

Related posts

चंद्र ग्रहण 7 सितंबर 2025: जीवन बदलने वाली आध्यात्मिक प्रथाएं

Bimal Kumar Dash

How to keep Maha Shivratri 2023 fast | जानिए महाशिवरात्रि का व्रत करने के नियम, विधि और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी

bbkbbsr24

नीलाचलनिवासाय नित्याय परमात्मने: श्री जगन्नाथ स्तोत्र का पाठ, विधि और प्रार्थना

bbkbbsr24

Leave a Comment