Jay Jay Nanda Nanda Braj Chanda Anand Kanda Govinda | जय जय नंद नंदा, बृज चंदा, आनंद कंदा गोविन्दा: दोस्तों नमस्कार, आज हम आप लोगों को इस पोस्ट के माध्यम से जय जय नंद नंदा, बृज चंदा, आनंद कंदा गोविन्दा के बारे में बताएँगे। जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज जी द्वारा लिखित जय जय नँदनंदा ब्रजचंदा भगवान् श्री कृष्ण की एक सुन्दर, दिव्य, भक्तिमय, रसमय भजन है। ब्रज रस माधुरी – भाग 1 के इस सुन्दर भजन जो संपूर्ण विश्व को भक्ति करने की सही राह दिखा रहे हैं। तो आइये सुमिरन करते हैं जय जय नंद नंदा, बृज चंदा, आनंद कंदा गोविन्दा:
Jay Jay Nanda Nanda Braj Chanda
जय जय नंद नंदा, बृज चंदा, आनंद कंदा गोविन्दा
जय जय नंद नंदा,
बृज चंदा,
आनंद कंदा गोविन्दा।
अर्थ: है नन्द के नन्दन! हे ब्रज के चन्द्र! जय आनंदकंद गोविंद! आपकी सदा ही जय हो।
जय जय नंद नंदा, बृज चंदा, आनंद कंदा गोविन्दा।
जय जय गोविन्दा,
गोविन्दा,
बालमुकुंदा गोविन्दा।
अर्थ: है गोविंद! है बालमुकुंद! आपकी सदा ही जय हो।
जय जय नंद नंदा, बृज चंदा, आनंद कंदा गोविन्दा।
जय जय गोविन्दा,
गोविन्दा,
चरण शरण दो गोविन्दा।
अर्थ: है गोविंद! मुझे अपने चरणो की शरण प्रदान करो।
जय जय नंद नंदा, बृज चंदा, आनंद कंदा गोविन्दा।
जय जय गोविन्दा,
गोविन्दा,
मो मन हरलो गोविन्दा।
अर्थ: है गोविंद! मेरे चंचल मन को हर लो।
जय जय नंद नंदा, बृज चंदा, आनंद कंदा गोविन्दा।
जय जय गोविन्दा,
गोविन्दा,
हमरिहुँ सुधि लो गोविन्दा।
अर्थ: है गोविंद! अब हमारी भी सुधि लो।
जय जय नंद नंदा, बृज चंदा, आनंद कंदा गोविन्दा।
जय जय गोविन्दा,
गोविन्दा,
दिन बना दो गोविन्दा।
अर्थ: है गोविंद! मुझे दिन-हिन अकिंचन बना दो।
जय जय नंद नंदा, बृज चंदा, आनंद कंदा गोविन्दा।
जय जय गोविन्दा,
गोविन्दा,
विरह भाव दो गोविन्दा।
अर्थ: है गोविंद! मुझे बिरह का भाव प्रदान करो।
जय जय नंद नंदा, बृज चंदा, आनंद कंदा गोविन्दा।
जय जय गोविन्दा,
गोविन्दा,
रूप ध्यान दोगोविन्दा।
अर्थ: है गोविंद! ऐसी कृपा करो कि आपकी मनमोहिनी छवि का नित्य रूप ध्यान करता रहूँ।
जय जय नंद नंदा, बृज चंदा, आनंद कंदा गोविन्दा।
जय जय गोविन्दा,
गोविन्दा,
झलक दिखा दो गोविन्दा।
अर्थ: है गोविंद! मुझे आपकी अनुपम छवि की एक झलक दिखा दो।
जय जय नंद नंदा, बृज चंदा, आनंद कंदा गोविन्दा।
जय जय नंद नंदा, बृज चंदा, आनंद कंदा गोविन्दा।
जय जय गोविन्दा,
गोविन्दा,
मेरा कह दो गोविंदा।।
अर्थ: है गोविंद! एक बार यह कह दो कि तू मेरा है।
जय जय नंद नंदा, बृज चंदा, आनंद कंदा गोविन्दा।
युगल दास्य
दो गोविन्दा।
अर्थ: है गोविंद! आपके युगल रूप की दासता प्रदान करो।
जय जय नंद नंदा, बृज चंदा, आनंद कंदा गोविन्दा।
जय जय गोविंद,
गोविंद,
मम कृपालु इक गोविन्दा।
अर्थ: है गोविंद! मेरे तो एक मात्रा केवल तुम ही हो।
जय जय नंद नंदा, बृज चंदा, आनंद कंदा गोविन्दा।
Credit the Video: Sankirtan – Jagadguru Shri Kripalu Ji Maharaj YouTube Channel
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