25.7 C
Bhubaneswar
October 5, 2025
Blog

दुर्गा पूजा में संधि पूजा का महत्व: सबसे पवित्र और शक्तिशाली रस्म

नई दिल्ली: दुर्गा पूजा के दौरान संधि पूजा को सबसे पवित्र और शक्तिशाली रस्म माना जाता है। यह शारदीय और बसंती दोनों दुर्गा पूजाओं में होती है। महाष्टमी और महानवमी तिथि के संधि क्षण में यह पूजा की जाती है।

अष्टमी के आखिरी 24 मिनट और नवमी के पहले 24 मिनट को संधि काल कहते हैं। शास्त्रों में इसे बहुत महत्वपूर्ण और शक्तिशाली समय बताया गया है। इस साल की शारदीय दुर्गा पूजा में यह 30 सितंबर को दोपहर 5:42 बजे से शुरू होकर 6:30 बजे तक चली। यानी कुल 48 मिनट। यह इस साल की महापूजा का सबसे अहम समय था।

शास्त्रों के मुताबिक, इस समय देवी चामुंडा रूप में प्रकट हुईं और महिषासुर का वध किया। कुछ मतों के अनुसार, देवी ने चंड और मुंड का संहार किया। इसी वजह से संधि पूजा को देवी के दुष्टनाशिनी रूप की याद में मनाया जाता है।

इस पूजा में 108 कमल के फूल और 108 दीप जलाए जाते हैं। कुछ शाक्त परंपराओं में बलि दी जाती है। यह पशु बलि या प्रतीकात्मक बलि हो सकती है। दुर्गा सप्तशती का पाठ, चंडीपाठ और देवी की विशेष अर्चना होती है।

संधि पूजा को दुर्गा पूजा का सबसे महत्वपूर्ण चरण माना जाता है। भक्त मानते हैं कि इस समय की गई पूजा और प्रार्थना पर देवी तुरंत कृपा करती हैं। यह शक्ति पूजा का सर्वोच्च समय है। इससे भक्तों को साहस, सुरक्षा और दुष्ट नाश करने वाली शक्ति मिलती है।

यह पूजा देवी दुर्गा की शक्ति और विजय का प्रतीक है। हर साल लाखों भक्त इसमें हिस्सा लेते हैं।

Related posts

अवधेशानंद गिरी महाराज: जीवन को समझने और नकारात्मक विचारों को दूर करने की प्रेरणा

Bimal Kumar Dash

एक शंखनाद, जिसने मिटाई नफरत की दीवारें: अर्जुन और किशन की सच्ची कहानी

Bimal Kumar Dash

भगवद गीता श्लोक 11: समाज के हर सदस्य की भूमिका और कर्तव्य

Bimal Kumar Dash