30.1 C
Bhubaneswar
November 14, 2024
Mantra

Tilak Lagane Ka Mantra | तिलक लगाने का मंत्र | तिलक मंत्र

Tilak-Lagane-Ka-Mantra

तिलक क्या है (Tilak Kya Hai) : भारत में कई तरह के तिलक प्रचलित है जैसे चंदन, गोपीचन्दन, सिन्दूर, केशर, कुमकुम भस्म, नदी तट की मिट्टी आदि ही तिलक कहलाता है। शास्त्रों में कहा गया है कि माथे पर तिलक लगाने से पापों से मुक्त होता है। ब्राह्मणों समाज के लोग शांति और पवित्रता के प्रतीक सफेद चंदन का तिलक लगाना चाहिए। क्षत्रिय समाज के लोग युद्ध का प्रतीक लाल रंग का तिलक लगाना चाहिए। वैश्य समाज के लोग कारोबार का प्रतीक पीले रंग का तिलक लगाना चाहिए।

तिलक लगाने के स्थान (Tilak Lagane Ke Sthan) : सिर, ललाट या माथे, कंठ, हृदय, दोनों बाँहों में, नाभि, पीठ, दोनों बाहुमूल और दोनों कर्ण इन बारह स्थान पर तिलक लगाया जाता है।

तिलक लगाने का पुण्य (Tilak Lagane Ka Purnaya): मूल रूप से हमारे शरीर में 7 चक्र होते हैं – मूलाधार चक्र, स्वाधिष्ठान चक्र, मणिपुर चक्र, अनाहत चक्र, विशुद्ध चक्र, आज्ञा चक्र, सहस्त्रार चक्र। इनमें से आज्ञा चक्र जो माथे के बीच में होता है, इसी स्थान पर तिलक लगाया जाता है। मान्यताओं के अनुसार माथे पर तिलक लगाने से आज्ञा चक्र जागृत होता है। तिलक लगाने से उस व्यक्ति के मन मस्तिष्क में ऊर्जा का संचार करने में मदद करता है। कोई भाी अच्‍छे कर्म करते समय ललाट पर तिलक लगाने चाहिए।

तिलक लगाते समय कौनसी उंगली का प्रयोग करें (Tilak Lagate Samaya Konsi Unguli Ka Prayog Kare) : तिलक लगाते समय अनामिका उंगली से ही तिलक लगाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार भगवान, ऋषि और ब्राह्मण को अनामिका उंगली से तिलक लगाये। इसके अलावा तर्जनी, मध्यमा, और कनिष्ठा उंगली का प्रयोग किया जाता है।

अनामिका व देवस्य ऋषिणा च तथैव च ।
गंधानुलेपनं कार्य प्रयत्नेन विशेषतः ॥
पितृणाम अर्चयेत गंध तर्जन्या च सदैव हि
तथैव मध्यामागुल्या धारयो गंध: स्वयं बुधे ॥

  • अनामिका उंगली : देवताओ को तिलक लगाने के लिए प्रयोग किया जाता है।
  • तर्जनी उंगली : पितृगणों और श्राद्ध के समय तिलक लगाने के लिए प्रयोग किया जाता है।
  • मध्यमा उंगली : स्वयं को तिलक लगाने के लिए प्रयोग किया जाता है।
  • कनिष्ठा उंगली : भाई को बहन के द्वारा लंबी उम्र की कामना के लिए प्रयोग किया जाता है।
  • अँगूठा उंगली : ब्राह्मण और अतिथियों को तिलक लगाने के लिए प्रयोग किया जाता है।

तिलक लगाने का महत्व (Tilak Lagane Ka Mahatva) :

  • अनामिका उंगली से तिलक लगानेसे : मान-सम्मान और प्रतिष्ठा बढ़ती है।
  • तर्जनी उंगली से तिलक लगानेसे : कार्य में सफलता प्राप्ति होता हे और मोक्ष की प्राप्ति हो।
  • मध्यमा उंगली से तिलक लगानेसे : आयु वृद्धि होती है और लंबी आयु का वरदान मिलता है।
  • कनिष्ठा उंगली से तिलक लगानेसे : शास्त्रों के अनुसार कनिष्ठा उंगली का प्रयोग तिलक लगाने में नहीं करना चाहिए।
  • अँगूठा उंगली से तिलक लगानेसे : धन-संपत्ति में बढ़ोत्तरी होती है और व्यक्ति को बल मिलता है।

Credit the Video : कर्म कांड सीखें YouTube Channel

Tilak Lagane Ka Mantra

Kesava Anantha Govinda Varaha Purushothama ।
Punyan Yasas Mayushyam Thilakam Me Praseedhathu ॥

Kanthi Lakshmi Druthim Saukhyam Saubhagyam Athulam Balam ।
Dadaathu Chandanam Nithyam Sathatham Dharayaamyaham ॥

तिलक लगाने का मंत्र

केशवानन्न्त गोविन्द बाराह पुरुषोत्तम ।
पुण्यं यशस्यमायुष्यं तिलकं मे प्रसीदतु ॥

कान्ति लक्ष्मीं धृतिं सौख्यं सौभाग्यमतुलं बलम् ।
ददातु चन्दनं नित्यं सततं धारयाम्यहम् ॥

स्वयं को तिलक लगाने का मंत्र

ॐ चन्दनस्य महत्पुण्यं पवित्रं पापनाशनम् ।
आपदां हरते नित्यं, लक्ष्मीस्तिष्ठति सर्वदा ॥

माताओं को तिलक लगाने का मंत्र

ॐ सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके ।
शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते ॥

ॐ देहि सौभाग्यं आरोग्यं देहि मे परमं सुखम्‌ ।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषोजहि ॥

ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी ।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तु‍ते ॥

पुरुषों को तिलक लगाने का मंत्र

ॐ भद्रमस्तु शिवं चास्तु महालक्ष्मीः प्रसीदतु ।
रक्षन्तु त्वां सदा देवाः सम्पदः सन्तु सर्वदा ॥
सपत्ना दुर्ग्रहाः पापा दुष्ट सत्वाद्युपद्रवाः ।
तमाल पत्र मालोक्यः निष्प्रभावा भवन्तु ते ॥

स्त्रियों को तिलक लगाने का मंत्र

श्रीश्चते लक्ष्मीश्च पत्न्या व्वहो रात्रे पाश्र्वे नक्षत्राणि रूपमश्विनौ व्यात्तम् ।
इष्णन्निषाण मुम्म इषाण सर्व लोकम्मयिषाण ॥

कन्याओं को तिलक लगाने का मंत्र

ॐ अम्बे अम्बिके अम्बालिके नमा नयति कश्चन ।
ससस्त्यश्वकः सुभद्रिकां काम्पील वासिनीम्‌ ॥

बालक को तिलक लगाने का मंत्र

ॐ यावत् गंगा कुरूक्षेत्रे यावत् तिष्ठति मेदनी ।
यावत् रामकथा लोके तावत् जीवतु बालकः ॥

भाईदूज पर भाई को तिलक लगाने का मंत्र

गंगा पूजे यमुना को यमी पूजे यमराज को ।
सुभद्रा पूजे कृष्ण को, गंगा यमुना नीर बहे मेरे भाई आप बढ़े फूले फलें ॥

ब्राह्मणों को तिलक लगाने का मंत्र

ॐ स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवाः।स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः।
स्वस्ति नस्तार्क्ष्यो अरिष्टनेमिः।स्वस्ति नो ब्रिहस्पतिर्दधातु ॥

नमो ब्रह्मण्य देवाय गोब्राह्मण हिताय च ।
जगत् हिताय कृष्णाय गोविन्दाय नमो नमः ॥

अतिथि को तिलक लगाने का मंत्र

ॐ भद्रमस्तु शिवं चास्तु महालक्ष्मीः प्रसीदतु ।
रक्षन्तु त्वां सदा देवाः सम्पदः सन्तु सर्वदा ॥

पितरों को तिलक लगाने के मंत्र

ॐ पितृगणाय विद्महे जगत धारिणी धीमहि
तन्नो पितृो प्रचोदयात् ।

Disclaimer : Bhakti Bharat Ki / भक्ति भारत की (https://bhaktibharatki.com/) किसी की आस्था को ठेस पहुंचना नहीं चाहता। ऊपर पोस्ट में दिए गए उपाय, रचना और जानकारी को भिन्न – भिन्न लोगों की मान्यता और जानकारियों के अनुसार, और इंटरनेट पर मौजूदा जानकारियों को ध्यान पूर्वक पढ़कर, और शोधन कर लिखा गया है। यहां यह बताना जरूरी है कि Bhakti Bharat Ki / भक्ति भारत की (https://bhaktibharatki.com/) किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पूर्ण रूप से पुष्टि नहीं करता। तिलक लगाने का मंत्र के उच्चारण, किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ, ज्योतिष अथवा पंड़ित की सलाह अवश्य लें। तिलक लगाने का मंत्र का उच्चारण करना या ना करना आपके विवेक पर निर्भर करता है।

Read More:
Dayamaya Guru Karunamaya
Om Sarveshaam Svastir-Bhavatu
Om Damodarai Vidmahe
Iskcon Tulsi Aarti Lyrics

Related posts

Sri Ganapati Gajanana Mantra Lyrics in English – Bhakti Bharat Ki

bbkbbsr24

Mrityunjaya Rudraya Neelakanthaya Shambhave | मृत्युंजयाय रुद्धाय

bbkbbsr24

Om Shreem Indra Shreem Hreem Om Namah | Vishnu Mantra for Glowing Skin and Face

bbkbbsr24