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May 17, 2024
Mantra

Achman Vidhi | घर में पूजा करने से पहले आचमन करना जरूरी, जानिए आचमन क्रिया का महत्व, और आचमन करने की विधि

Achman Vidhi | घर में पूजा करने से पहले आचमन करना जरूरी, जानिए आचमन क्रिया का महत्व, और आचमन करने की विधि: विष्य पुराण के अनुसार जब पूजा की जाए तो आचमन पूरे विधान से करना चाहिए। हिन्दू धर्म में शुद्धता के प्रतीक आचमन क्रिया को पूजा की शुरुआत में किया जाता है। पूजा के समय, व्रत और त्योहारों में, यज्ञ आदि आरंभ करने से पूर्व शुद्धि के लिए, शुद्ध जल को हाथों में धारण करके मंत्र पढ़ते हुए जल पीना ही आचमन कहलाता है। आचमन क्रिया आरंभ करने से पूर्व हाथ-पांव धोकर पवित्र स्थान में आसन के ऊपर पूर्व से उत्तर की ओर मुख करके बैठें।आचमन क्रिया में व्यक्ति अपने हाथों में शुद्ध जल लेकर उच्चारित मंत्रों के साथ तीन बार आचमन करते हुए जल पीता है। आचमन क्रिया के द्वारा शुद्ध जल पीने से मन और शरीर को आध्यात्मिक आनंद का अनुभव मिलती है।

आचमन करते समय हथेली में पांच तीर्थ बताएं गए हैं:

1. देवतीर्थ,
2. पितृतीर्थ,
3. ब्रह्मातीर्थ,
4. प्रजापत्यतीर्थ
5. सौम्यतीर्थ

अंगूठे के मूल में ब्रह्मातीर्थ, कनिष्ठा के मूल में प्रजापत्यतीर्थ, अंगुलियों के अग्रभाग में देवतीर्थ, तर्जनी और अंगूठे के बीच पितृतीर्थ और हाथ के मध्य भाग में सौम्यतीर्थ होता है, जो देवकर्म में प्रशस्त माना गया है। आचमन हमेशा ब्रह्मातीर्थ से करना चाहिए। आचमन हमेशा ब्रह्मतीर्थ से करना चाहिए।

इसे भी पढ़े : कुंजिता पादम् शरणम्

आचमन क्रिया:

शुद्ध जल को धारण करते हुए
प्रथम आचमन: ॐ केशवाय नम:
द्वितीय आचमन: ॐ नारायणाय नम:
तृतीय आचमन: ॐ माधवाय नम:
चतुर्थ आचमन: हस्त प्रक्षालन।
ॐ गोविंदाय नम: बोलकर हाथ धो लें।

प्रमुख आचमन:

  • जल आचमन
  • तुलसीजल आचमन
  • पंचामृत आचमन
  • गंगाजल आचमन

आचमन के लाभ :

पहला लाभ : इससे हृदय की शुद्धि होती है।
दूसरा लाभ : इससे मन निर्मल और शुद्ध होता है।
तीसरा लाभ : इससे पूजा का फल दोगुना मिलता है।
चौथा लाभ : जो विधिपूर्वक आचमन करता है, वह पवित्र हो जाता है।
पांचवां लाभ : आचमन करने वाला सत्कर्मों का अधिकारी होता है।

Disclaimer : Bhakti Bharat Ki / भक्ति भारत की (https://bhaktibharatki.com/) किसी की आस्था को ठेस पहुंचना नहीं चाहता। ऊपर पोस्ट में दिए गए उपाय, रचना और जानकारी को भिन्न – भिन्न लोगों की मान्यता और जानकारियों के अनुसार, और इंटरनेट पर मौजूदा जानकारियों को ध्यान पूर्वक पढ़कर, और शोधन कर लिखा गया है। यहां यह बताना जरूरी है कि Bhakti Bharat Ki / भक्ति भारत की (https://bhaktibharatki.com/) किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पूर्ण रूप से पुष्टि नहीं करता। मंत्र के उच्चारण, किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ, ज्योतिष अथवा पंड़ित की सलाह अवश्य लें। मंत्र का उच्चारण करना या ना करना आपके विवेक पर निर्भर करता है।

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