Eka Shloki Sundar Kand | एक श्लोकी सुंदरकांड | Ek Shloki Sunderkand : दोस्तों नमस्कार, आज हम आप लोगों को इस लेख के माध्यम से एक श्लोकी सुंदरकांड के बारे में बताने वाले हैं।
॥ एकश्लोकी सुन्दरकाण्डम् ॥
यस्य श्री हनुमान् अनुग्रह बलात् तीर्णांबुधिर्लीलया
लङ्कां प्राप्य निशाम्य रामदयितां भङ्क्त्वा वनं राक्षसान् ।
अक्षादीन् विनिहत्य वीक्ष्य दशकम् दघ्द्वा पुरीं तां पुन:
तीर्णाब्धि: कपिभिर्युतो यमनमत् तं रामचन्द्रं भजे ॥
॥ इति राघवेन्द्रस्वामिविरचितं एकश्लोकी सुन्दरकाण्डं सम्पूर्णम् ॥
॥ Eka Sloki Sundarakanḍam ॥
Yasya Shree Hanuman Anugraha Balath Theernaam – Budhirleelaya
Laṅkam Prapya Nisamya Ramadayitam Bhaṅktva Vanam Raksasan ।
Aksadin Vinihatya Viksya Dasakam Dagdhva Purim Tam Punaḥ
Tirnabdhiḥ Kapibhiryuto Yamanamat Tam Ramacandram Bhaje ॥
॥ Iti Raghavendrasvamiviracitam Ekasloki Sundarakanḍam Sampurnam ॥
Credit the Video : दास्य भक्ती YouTube Channel
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