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November 22, 2024
Bhakti

Jagannatha Panchakam | जगन्नाथ पंचकम् | ଶ୍ରୀ ଜଗନ୍ନାଥ ପଞ୍ଚକଂ

Credit the Video : Rajshri Soul YouTube Channel

जगन्नाथ पंचकम्

रक्ताम्भोरुहदर्पभञ्जनमहासौन्दर्यनेत्रद्वयं
मुक्ताहारविलम्बिहेममुकुटं रत्नोज्ज्वलत्कुण्डलम् ।
वर्षामेघसमाननीलवपुषं ग्रैवेयहारान्वितं
पार्श्वे चक्रधरं प्रसन्नवदनं नीलाद्रिनाथं भजे ॥ १ ॥

फुल्लेन्दीवरलोचनं नवघनश्यामाभिरामाकृतिं
विश्वेशं कमलाविलासविलसत्पादारविन्दद्वयम् ।
दैत्यारिं सकलेन्दुमंडितमुखं चक्राब्जहस्तद्वयं
वन्दे श्रीपुरुषोत्तमं प्रतिदिनं लक्ष्मीनिवासालयम् ॥ २ ॥

उद्यन्नीरदनीलसुन्दरतनुं पूर्णेन्दुबिम्बाननं
राजीवोत्पलपत्रनेत्रयुगलं कारुण्यवारांनिधिम् ।
भक्तानां सकलार्तिनाशनकरं चिन्तार्थिचिन्तामणिं
वन्दे श्रीपुरुषोत्तमं प्रतिदिनं नीलाद्रिचूडामणिम् ॥ ३ ॥

नीलाद्रौ शंखमध्ये शतदलकमले रत्नसिंहासनस्थं
सर्वालंकारयुक्तं नवघन रुचिरं संयुतं चाग्रजेन ।
भद्राया वामभागे रथचरणयुतं ब्रह्मरुद्रेन्द्रवंद्यं
वेदानां सारमीशं सुजनपरिवृतं ब्रह्मदारुं स्मरामि ॥ ४ ॥

दोर्भ्यां शोभितलांगलं समुसलं कादम्बरीचञ्चलं
रत्नाढ्यं वरकुण्डलं भुजबलैराकांतभूमण्डलम् ।
वज्राभामलचारुगण्डयुगलं नागेन्द्रचूडोज्ज्वलं
संग्रामे चपलं शशांकधवलं श्रीकामपालं भजे ॥ ५ ॥

॥ इति श्रीजगन्नाथपञ्चकं समाप्तम् ॥

Jagannatha Panchakam

Raktambho Ruha Darpa Bhanjana Maha Saundarya Netra dvayam
Muktahara Vilambi Hema Mukutam Ratnojjvalt kundalam.
Varsha Megha Samana Nila Vapusham Graiveya Haranvitam
Parshwe Chakradharam Prasanna Vadanam Niladrinatham Bhaje ॥ 1 ॥

Phullendi Vara Lochanam Nava Ghanashyamabhiramakrutim
Vishvesham Kamala Vilasa Vilasat padaravinda dwayam.
Daityarim Sakalendu Mandita Mukham Chakrabja Hastadwayam
Vande Shri Purushottamam Pratidinam Lakshmi Nivasalayam ॥ 2 ॥

Udyannirada Nila Sundara Tanum Purnendu Bimbananam
Rajivotpala Patra Netra Yugalam Karunya Varanidhim.
Bhaktanam Sakalarti Nashanakaram Chintarthi Chintamanim
Vande Shri Purushottamam Pratidinam Niladrichudamanim ॥ 3 ॥

Niladrau Shankha Madhye Shatadala Kamale Ratnasinhasanastham
Sarvalankara Yuktam Navaghana Ruchiram Sanyutam Chagrajena.
Bhadraya Vamabhage Ratha Charana Yutam Brahma Rudrendra Vandyam
Vedanam Saramisham Sujana Parivrutam Brahmadarum Smarami ॥ 4 ॥

Dorbhyam Shobhita Langalam Samusalam Kadambari Chanchalam
Ratnadhyam Vara Kundalam Bhujabalairakanta Bhumandalam.
Vajrabhamala Charugandayugalam Nagendrachudojjvalam
Sangrame Chapalam Shashanka Dhvalam Shrikamapalam Bhaje ॥ 5 ॥

॥ Iti Shri Jagannath Panchakam Samaptam ॥

ଶ୍ରୀ ଜଗନ୍ନାଥ ପଞ୍ଚକଂ

ରକ୍ତାମ୍ଭୋରୁହଦର୍ପଭଞ୍ଜନମହାସୌନ୍ଦର୍ୟନେତ୍ରଦ୍ଵୟଂ
ମୁକ୍ତାହାରବିଲମ୍ବିହେମମୁକୁଟଂ ରତ୍ନୋଜ୍ଜ୍ଵଲତ୍କୁଣ୍ଡଲମ୍ ।
ବର୍ଷାମେଘସମାନନୀଲବପୁଷଂ ଗ୍ରୈବେୟହାରାନ୍ଵିତଂ
ପାର୍ଶ୍ଵେ ଚକ୍ରଧରଂ ପ୍ରସନ୍ନବଦନଂ ନୀଲାଦ୍ରିନାଥଂ ଭଜେ ॥ ୧॥

ଫୁଲ୍ଲେନ୍ଦୀବରଲୋଚନଂ ନବଘନଶ୍ୟାମାଭିରାମାକୃତିଂ
ବିଶ୍ଵେଶଂ କମଲାବିଲାସବିଲସତ୍ପାଦାରବିନ୍ଦଦ୍ଵୟମ୍ ।
ଦୈତ୍ୟାରିଂ ସକଲେନ୍ଦୁମଂଡିତମୁଖଂ ଚକ୍ରାବ୍ଜହସ୍ତଦ୍ଵୟଂ
ବନ୍ଦେ ଶ୍ରୀପୁରୁଷୋତ୍ତମଂ ପ୍ରତିଦିନଂ ଲକ୍ଷ୍ମୀନିବାସାଲୟମ୍ ॥ ୨॥

ଉଦ୍ୟନ୍ନୀରଦନୀଲସୁନ୍ଦରତନୁଂ ପୂର୍ଣେନ୍ଦୁବିମ୍ବାନନଂ
ରାଜୀବୋତ୍ପଲପତ୍ରନେତ୍ରୟୁଗଲଂ କାରୁଣ୍ୟବାରାଂନିଧିମ୍ ।
ଭକ୍ତାନାଂ ସକଲାର୍ତିନାଶନକରଂ ଚିନ୍ତାର୍ଥିଚିନ୍ତାମଣିଂ
ବନ୍ଦେ ଶ୍ରୀପୁରୁଷୋତ୍ତମଂ ପ୍ରତିଦିନଂ ନୀଲାଦ୍ରିଚୂଡାମଣିମ୍ ॥ ୩॥

ନୀଲାଦ୍ରୌ ଶଂଖମଧ୍ୟେ ଶତଦଲକମଲେ ରତ୍ନସିଂହାସନସ୍ଥଂ
ସର୍ବାଲଂକାରୟୁକ୍ତଂ ନବଘନ ରୁଚିରଂ ସଂୟୁତଂ ଚାଗ୍ରଜେନ ।
ଭଦ୍ରାୟା ବାମଭାଗେ ରଥଚରଣୟୁତଂ ବ୍ରହ୍ମରୁଦ୍ରେନ୍ଦ୍ରବଂଦ୍ୟଂ
ବେଦାନାଂ ସାରମୀଶଂ ସୁଜନପରିବୃତଂ ବ୍ରହ୍ମଦାରୁଂ ସ୍ମରାମି ॥ ୪॥

ଦୋର୍ଭ୍ୟାଂ ଶୋଭିତଲାଂଗଲଂ ସମୁସଲଂ କାଦମ୍ବରୀଚଞ୍ଚଲଂ
ରତ୍ନାଢ୍ୟଂ ବରକୁଣ୍ଡଲଂ ଭୁଜବଲୈରାକାଂତଭୂମଣ୍ଡଲମ୍ ।
ବଜ୍ରାଭାମଲଚାରୁଗଣ୍ଡୟୁଗଲଂ ନାଗେନ୍ଦ୍ରଚୂଡୋଜ୍ଜ୍ଵଲଂ
ସଂଗ୍ରାମେ ଚପଲଂ ଶଶାଂକଧବଲଂ ଶ୍ରୀକାମପାଲଂ ଭଜେ ॥ ୫॥

॥ ଇତି ଶ୍ରୀଜଗନ୍ନାଥପଞ୍ଚକଂ ସମାପ୍ତମ୍ ॥

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