वृंदावन के पूज्य संत प्रेमानंद जी महाराज किडनी फेल्यर और पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज (PKD) से जूझ रहे हैं। उनकी देखभाल मशहूर नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. अशीष शर्मा कर रहे हैं। साप्ताहिक डायलिसिस और विशेषज्ञ उपचार के साथ, महाराज जी की हिम्मत और शिक्षाएं दुनिया भर के भक्तों को प्रेरित कर रही हैं।
प्रेमानंद जी महाराज की स्थिति
प्रेमानंद जी महाराज को किडनी फेल्यर और PKD है। यह एक आनुवंशिक बीमारी है, जिसमें किडनी में सिस्ट बनते हैं। इससे किडनी धीरे-धीरे काम करना बंद कर देती है। वे साप्ताहिक डायलिसिस पर हैं। फिर भी, वे अपने आध्यात्मिक प्रवचनों से भक्तों का मार्गदर्शन कर रहे हैं। उनकी भक्ति और सादगी की शिक्षाएं लाखों लोगों को प्रेरित करती हैं।
डॉ. अशीष शर्मा: किडनी विशेषज्ञ
डॉ. अशीष शर्मा सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (CIMS) में नेफ्रोलॉजी विभाग के प्रमुख हैं। उन्होंने इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स से MBBS और DNB की पढ़ाई की। इसके अलावा, उन्होंने इटली के इंटरनेशनल रीनल रिसर्च इंस्टीट्यूट से फेलोशिप हासिल की। किडनी रोगों और ट्रांसप्लांट में उनकी विशेषज्ञता है। दस साल से अधिक के अनुभव के साथ, वे किडनी रोगियों के लिए भरोसेमंद नाम हैं।
डॉ. अशीष शर्मा और प्रेमानंद जी महाराज का रिश्ता सिर्फ डॉक्टर-मरीज तक सीमित नहीं है। डॉ. शर्मा वृंदावन की मिट्टी से जुड़े हैं और महाराज जी की सेवा को अपनी जिम्मेदारी मानते हैं। वे यह सुनिश्चित करते हैं कि महाराज जी को डायलिसिस समय पर मिले। उनकी देखभाल ने महाराज जी की जिंदगी को सुचारू रखा है।
लंबे समय से गंभीर बीमारी से जूझने के बावजूद, प्रेमानंद जी महाराज अपने भक्तों के लिए प्रेरणा हैं। उनकी आध्यात्मिक ताकत और सकारात्मक सोच उन्हें इस मुश्किल दौर में भी मजबूत रखती है। वे डायलिसिस के बावजूद अपनी शिक्षाएं जारी रखे हुए हैं।
प्रेमानंद जी महाराज का स्वास्थ्य डॉ. अशीष शर्मा जैसे विशेषज्ञ की देखरेख में है। उनकी बीमारी गंभीर है, लेकिन उनकी हिम्मत और भक्ति अनुकरणीय है। यह कहानी हमें स्वास्थ्य और आध्यात्मिकता के बीच संतुलन की याद दिलाती है।