December 3, 2024
Aarti

Santoshi Mata Aarti Lyrics in English – Bhakti Bharat Ki

Santoshi Mata Aarti Lyrics in English

Credit the Video : T-Series Bhakti Sagar YouTube Channel

Santoshi Mata Aarti

Santoshi Mata Aarti Lyrics in English

Santoshi Mata Aarti

Jai Santoshi Mata, Maiya Jai Santoshi Mata।
Apane Sewak Jana Ki, Sukha Sampatti Data॥
॥ Jai Santoshi Mata ॥

Sundar Cheer Sunahari Maa Dharan Kinho।
Heera Panna Damake, Tana Shringara Kinho॥
॥ Jai Santoshi Mata॥

Geru Laala Chhata Chhavi, Badana Kamal Sohe।
Manda Hansata Karunamayi, Tribhuvana Man Mohe॥
॥ Jai Santoshi Mata॥

Swarna Sinhasana Baithi, Chanvar Dhure Pyare।
Dhoop Deep Madhumeva, Bhoga Dhare Nyare॥
॥ Jai Santoshi Mata॥

Gud Aru Chana Paramapriya, Tame Santosh Kiyo।
Santoshi Kahalai, Bhaktana Vaibhav Diyo॥
॥ Jai Santoshi Mata॥

Shukrawar Priya Manat, Aaja Diwas Sohi।
Bhakta Mandali Chhai, Katha Sunat Mohi॥
॥ Jai Santoshi Mata॥

Mandir Jagamaga Jyoti, Mangal Dhwani Chhai।
Vinaya Kare Hama Sevak, Charanan Sira Nai॥
॥ Jai Santoshi Mata॥

Bhakti Bhavamaya Puja, Angikrita Kijai।
Jo Man Basai Hamare, Ichchha Phala Dijai॥
॥ Jai Santoshi Mata॥

Dukhi Daridri, Rogi, Sankat Mukta Kiye।
Bahu Dhana-Dhanya Bhare Ghara, Sukha Saubhagya Diye॥
॥ Jai Santoshi Mata॥

Dhyana Dharyo Jisa Jana Ne, Manavanchhita Phala Payo।
Puja Katha Shrawan Kar, Ghara Ananda Ayo॥
॥ Jai Santoshi Mata॥

Sharan Gahe Ki Lajya, Rakhiyo Jagadambe।
Sankat Tu Hi Niware, Dayamayi Ambe॥
॥ Jai Santoshi Mata॥

Santoshi Maa Ki Aarti, Jo Koi Jana Gave।
Riddhi-Siddhi, Sukha-Sampatti, Ji Bharakara Pave॥
॥ Jai Santoshi Mata॥

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Santoshi Mata Aarti Lyrics in Hindi

सन्तोषी माता आरती हिंदी मे

सन्तोषी माता आरती 

जय सन्तोषी माता, मैया जय सन्तोषी माता ।
अपने सेवक जन की, सुख सम्पति दाता ॥
॥ जय सन्तोषी माता ॥

सुन्दर चीर सुनहरी, मां धारण कीन्हो ।
हीरा पन्ना दमके, तन श्रृंगार लीन्हो ॥
॥ जय सन्तोषी माता ॥

गेरू लाल छटा छबि, बदन कमल सोहे ।
मंद हंसत करुणामयी, त्रिभुवन जन मोहे ॥
॥ जय सन्तोषी माता ॥

स्वर्ण सिंहासन बैठी, चंवर दुरे प्यारे ।
धूप, दीप, मधु, मेवा, भोज धरे न्यारे ॥
॥ जय सन्तोषी माता ॥

गुड़ अरु चना परम प्रिय, तामें संतोष कियो ।
संतोषी कहलाई, भक्तन वैभव दियो ॥
॥ जय सन्तोषी माता ॥

शुक्रवार प्रिय मानत, आज दिवस सोही ।
भक्त मंडली छाई, कथा सुनत मोही ॥
॥ जय सन्तोषी माता ॥

मंदिर जग मग ज्योति, मंगल ध्वनि छाई ।
विनय करें हम सेवक, चरनन सिर नाई ॥
॥ जय सन्तोषी माता ॥

भक्ति भावमय पूजा, अंगीकृत कीजै ।
जो मन बसे हमारे, इच्छित फल दीजै ॥
॥ जय सन्तोषी माता ॥

दुखी दारिद्री रोगी, संकट मुक्त किए ।
बहु धन धान्य भरे घर, सुख सौभाग्य दिए ॥
॥ जय सन्तोषी माता ॥

ध्यान धरे जो तेरा, वांछित फल पायो ।
पूजा कथा श्रवण कर, घर आनन्द आयो ॥
॥ जय सन्तोषी माता ॥

चरण गहे की लज्जा, रखियो जगदम्बे ।
संकट तू ही निवारे, दयामयी अम्बे ॥
॥ जय सन्तोषी माता ॥

सन्तोषी माता की आरती, जो कोई जन गावे ।
रिद्धि सिद्धि सुख सम्पति, जी भर के पावे ॥
॥ जय सन्तोषी माता ॥

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