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November 23, 2024
Mantra

Ya Devi Sarva Bhuteshu | या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता मंत्र का अर्थ और लाभ

Credit the Video: Bhakti YouTube Channel

Ya Devi Sarva Bhuteshu | या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता मंत्र का अर्थ और लाभ: मित्रो नमस्कार, आज हम आप लोगों को इस पोस्ट के माध्यम से या देवी सर्व भूतेषु मंत्र के बारे में बताएँगे। यह सभी मंत्र गीता प्रेस गोरखपुर की श्री दुर्गा सप्तशती से लिए गए हैं। यदि आप इस मंत्र दैनिक नवरात्रि की प्रार्थना और साधना में करते हैं, तो मां दुर्गा आपके सारे भय को नष्ट कर देती हैं। तो आइए सबसे पहले जान लेते, इस मंत्र जप करने से क्या लाभ होता है। 

नवरात्रि साल में 4 बार पड़ती है: माघ, चैत्र, आषाढ़ और आश्विन। हिंदू पंचांग के अनुसार अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्रि शुरू होती है। इस बार शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 15 अक्टूबर से शुरू हो कर 24 अक्टूबर को समापन होती है। जगतजननी जगदीश्वरी भगवती की नौ दिनों में नवदुर्गा की रूपों में पूजा होती है। जब मां का नवरात्रि समय में पदार्पण होता है, तब मेरु स्थल भूमि से लेकर सहस्रसार, नववस्था और इस चरण में सातवां चरण अत्यंत अंधकारमय चरण, घोर अंधकार, कालरात्रि, महारात्रि, मोहरात्रि, दारुण धारी है। मां जननी साख्यात परंब्रह्मा सरूपा और सभी कुलों, दुष्ट के लिए बहुत भयानक हैं। सातवें अबस्था को पार करके, महा गीरी को देखकर, जननी की सबसे बड़ी सिद्धिदात्री, सुभद, महालक्ष्मी रूप के दर्शन करेंगे। तीन नेत्रों से संपन्न, भूत, वर्तमान और भविष्य तीनों काल का प्रतिक, संपूर्ण सृष्टि की जननी माँ दुर्गा सभी प्राणियों में शक्ति, शांति और बुद्धि का अवतार है। मां दुर्गा का आशीर्वाद, समृद्धि और सफलता के लिए, मानसिक तनाव, पीड़ाओं, दुख और बुराई को कम के लिए देवी मंत्रों का जाप किया जाता है। आपको जीवन में सही निर्णय के लिए, भय और चिंता को त्यागकर शांति से रहने के लिए, मन, शरीर और अपने घर से भी नकारात्मकता दूर के लिए मां दुर्गा की शरण में जाकर, निर्मल हृदय से प्रार्थना करनी चाहिये।

Ya Devi Sarva Bhuteshu Lyrics in English

Sarvamangalamangalye Sive Sarvarthasadhike ।
Saranye Trayambike Gauri Narayani Namostute ॥

Yaa Devi Sarva Bhuteshu Vishnumaayeti Shabditaa ।
Namas-Tasyai Namas-Tasyai Namas-Tasyai Namo Namah ॥

Yaa Devi Sarva Bhuteshu Chetanety-Abhidhiiyate ।
Namas-Tasyai Namas-Tasyai Namas-Tasyai Namo Namah ॥

Yaa Devi Sarva Bhuteshu Buddhi-Ruupenna Samsthitaa ।
Namas-Tasyai Namas-Tasyai Namas-Tasyai Namo Namah ॥

Yaa Devi Sarva-Bhuteshu Nidra-Ruupenna Samsthitaa ।
Namas-Tasyai Namas-Tasyai Namas-Tasyai Namo Namah ॥

Yaa Devi Sarva-Bhuteshu Kssudhaa-Ruupenna Samsthitaa ।
Namas-Tasyai Namas-Tasyai Namas-Tasyai Namo Namah ॥

Yaa Devi Sarva-Bhuteshu Chaayaa-Ruupenna Samsthitaa ।
Namas-Tasyai Namas-Tasyai Namas-Tasyai Namo Namah ॥

Yaa Devi Sarva-Bhuteshu Shakti-Ruupenna Samsthitaa ।
Namas-Tasyai Namas-Tasyai Namas-Tasyai Namo Namah ॥

Yaa Devi Sarva Bhuteshu Trshnnaa-Ruupenna Samsthitaa ।
Namas-Tasyai Namas-Tasyai Namas-Tasyai Namo Namah ॥

Yaa Devi Sarva-Bhuteshu Kshaanti-Ruupenna Samsthitaa ।
Namas-Tasyai Namas-Tasyai Namas-Tasyai Namo Namah ॥

Yaa Devi Sarva-Bhuteshu Jaati-Ruupenna Samsthitaa ।
Namas-Tasyai Namas-Tasyai Namas-Tasyai Namo Namah ॥

Yaa Devi Sarva Bhuteshu Lajjaa-Ruupenna Samsthitaa ।
Namas-Tasyai Namas-Tasyai Namas-Tasyai Namo Namah ॥

Yaa Devi Sarva Bhuteshu Shaanti-Ruupenna Samsthitaa ।
Namas-Tasyai Namas-Tasyai Namas-Tasyai Namo Namah ॥

Devi Sarva-Bhuteshu Shraddhaa-Ruupenna Samsthitaa ।
Namas-Tasyai Namas-Tasyai Namas-Tasyai Namo Namah ॥

Yaa Devii Sarva Bhuteshu Kaanti-Ruupenna Samsthitaa ।
Namas-Tasyai Namas-Tasyai Namas-Tasyai Namo Namah ॥

Yaa Devi Sarva Bhuteshu Lakshmii-Ruupenna Samsthitaa ।
Namas-Tasyai Namas-Tasyai Namas-Tasyai Namo Namah ॥

Yaa Devi Sarva Bhuteshu Vrtti-Ruupenna Samsthitaa ।
Namas-Tasyai Namas-Tasyai Namas-Tasyai Namo Namah ॥

Yaa Devi Sarva-Bhuteshu Smrti-Ruupenna Samsthitaa ।
Namas-Tasyai Namas-Tasyai Namas-Tasyai Namo Namah ॥

Yaa Devi Sarva-Bhuteshu Dayaa-Ruupenna Samsthitaa ।
Namas-Tasyai Namas-Tasyai Namas-Tasyai Namo Namah ॥

Yaa Devi Sarva-Bhuteshu Tushtti-Ruupenna Samsthitaa ।
Namas-Tasyai Namas-Tasyai Namas-Tasyai Namo Namah ॥

Yaa Devi Sarva-Bhuteshu Maatr-Ruupenna Samsthitaa ।
Namas-Tasyai Namas-Tasyai Namas-Tasyai Namo Namah ॥

Yaa Devi Sarva-Bhuteshu Bhraanti-Ruupenna Samsthitaa ।
Namas-Tasyai Namas-Tasyai Namas-Tasyai Namo Namah ॥

Indriyaannaam-Adhisstthaatrii Bhutaanaam Ca-Akhilessu ।
Yaa Bhuutessu Satatam Tasyai Vyaapti-Devyai Namo Namah ॥

Citi-Ruupenna Yaa Krtsnam-Etad-Vyaapya Sthitaa Jagat ।
Namas-Tasyai Namas-Tasyai Namas-Tasyai Namo Namah ॥

***

या देवी सर्वभूतेषु हिंदी मे

सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके ।
शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोस्तुते ॥

या देवी सर्वभूतेषु विष्णुमायेति शब्दिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

या देवी सर्वभूतेषु चेतनेत्यभिधीयते ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

या देवी सर्वभूतेषु निद्रारूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

या देवी सर्वभूतेषु क्षुधारूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

या देवी सर्वभूतेषु च्छायारुपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

या देवी सर्वभूतेषु तृष्णारूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

या देवी सर्वभूतेषू क्षान्तिरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

या देवी सर्वभूतेषू जातिरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

या देवी सर्वभूतेषु लज्जारूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

या देवी सर्वभूतेषु शान्तिरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ॥

या देवी सर्वभूतेषु श्रद्धारूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

या देवी सर्वभूतेषू कान्ति रूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

या देवी सर्वभूतेषु वृत्तिरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

या देवी सर्वभूतेषु स्मृतिरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

या देवी सर्वभूतेषु भ्रान्तिरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

इन्द्रियाणा मधिष्ठात्री भूतानां चाखिलेषु या ।
भूतेषु सततं तस्यै व्याप्तिदेव्यै नमो नमः ॥

चितिरुपेण या कृत्स्नम एतत व्याप्य स्थितः जगत ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ॥

Credit the Video: Meditative India YouTube Channel

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