Ganesha Visarjan Mantra | श्री गणेश विसर्जन के मंत्र: दोस्तों नमस्कार, आज हम आपको इस लेख के जरिए गणेश विसर्जन (Ganesh Visarjan) मंत्र के बारे में बात करेंगे। आइए जानते हैं कैसे करें गणपति बप्पा का विसर्जन। देखा जाए तो सफलता प्राप्ति के लिए देशभर में गणेश उत्सव (Ganesh Utsav) गणेश चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्दशी तक मनाया जाता है। आध्यात्मिक दृष्टि से कई लोग तीन दिन, पांच दिन, सांत दिन या फिर पूरे दस दिन के बाद गणपति बप्पा का विसर्जन करते हैं। लेकिन देशभर में कई लोग गणपति बप्पा का विसर्जन अनंत चतुर्दशी के दिन ही करते हैं। इसिलिये किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत के पहले शुभता और सफलता के देवता गणेश जी की पूजा की जाती है।
भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश का जन्मोत्सव यानि गणपति चतुर्थी या विनायक चतुर्थी के रूप में देशभर में मनाया जाता है। इसके बाद अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi) के दिन पूरे परिवार के साथ घरों और पंडालों में विराजित (गणपति बप्पा), गणेश जी को लाल चन्दन, लाल फूल, दूर्वा, मोदक, पान, सुपारी, धूप-दीप आदि अर्पित करके, गणपति की आरती किया जाता है। इसके बाद विदाई के समय गणेश जी के हाथ में लड्डू की पोटली अर्पित किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार व्यक्ति को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देकर गणपति बप्पा जाते हैं। मानते हैं कि गणेश जी की पूजा करने से जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर होती हैं।
ऐसा माना जाता है कि गणपति चतुर्थी में बुद्धि की प्राप्ति के लिए, हमें अहंकार का त्याग करके, अपनी गलतियों के लिए गणेश जी से क्षमा मांगे। इसके बाद संभव हो तो धूमधाम के साथ खुशी-खुशी गणपति जी को विसर्जित करें। इस त्योहार के माध्यम से हमें सिखाया जाता है कि जीवन में आने वाली बाधाओं को धैर्य से पार किया जा सकता है। आइए जानते हैं विघ्नहर्ता गणपति विसर्जन के मंत्र:
Ganesha Visarjan Mantra
श्री गणेश विसर्जन के मंत्र
ॐ यान्तु देवगणा: सर्वे पूजामादाय मामकीम्।
इष्टकामसमृद्धयर्थं पुनर्अपि पुनरागमनाय च॥
गच्छ गच्छ सुरश्रेष्ठ स्वस्थाने परमेश्वर।
मम पूजा गृहीत्मेवां पुनरागमनाय च॥
ऊँ मोदाय नम:
ऊँ प्रमोदाय नम:
ऊँ सुमुखाय नम:
ऊँ दुर्मुखाय नम:
ऊँ अविध्यनाय नम:
ऊँ विघ्नकरत्ते नम:
Credit the Video : AK Family YouTube Channel
Ganesh Visharjan, Leiceter, London, UK
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