जानिए महाशिवरात्रि का व्रत करने के नियम: संपूर्ण भारत में इस वर्ष महाशिवरात्रि का पर्व 18 फरवरी 2023 को मनाया जाएगा। वैसे भारत में अनेक व्रत-त्योहार आते हैं लेकिन शिव भक्तो के लिए महाशिवरात्रि का अलग ही महत्व है। इस दिन भगवान शिव का माता पार्वती जी के साथ विवाह हुआ था।
Maha Shivratri ka Vrat Kyu Rakha Jata Hai? क्यों रखा जाता है महा शिवरात्रि का व्रत?
मान्यता है कि महाशिवरात्रि का व्रत रखने से अविवाहित महिलाओं की शादी जल्दी होती है, वहीं, विवाहित महिलाएं अपने सुखी जीवन के लिए महाशिवरात्रि का व्रत रखती हैं।
शिवरात्रि के समान पाप और भय मिटाने वाला दूसरा व्रत नही है। इसके करने मात्र से हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं।
शिवरात्रि पर्व भगवान् शिव के दिव्य अवतरण का मंगलसूचक है। उनके निराकार से साकार रूप में अवतरण की रात्रि ही महाशिवरात्रि कहलाती है। वे हमें काम, क्रोध, लोभ, मोह, मत्सरादि विकारों से मुक्त करके परम सुख, शान्ति ऐश्वर्यादि प्रदान करते हैं।
How to Keep Maha Shivratri Fast (महाशिवरात्रि के व्रत के नियम)
- व्रत धारण करने वालों को मुख्य तौर पर सात्विक व्रत का पालन करना चाहिए।
- इस पावन अवसर के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना उचित माना जाता है।
- महाशिवरात्रि का व्रत रखने से एक दिन पहल किसी भी प्रकार का तामसिक भोजन और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।
- जो भी व्यक्ति इस दिन व्रत रख रहे है, उन्हें अन्न नहीं खाना चाहिए। इस दिन व्रत रख रहे सभी व्यक्तियों को फलाहार पर ही रहना है।
- महाशिवरात्रि के दिन पूजा के दौरान आप भूलकर भी हल्दी, शंख, नारियल और केवड़े के पुष्प का बिल्कुल भी प्रयोग नहीं करना चाहिए।
- महाशिवरात्रि व्रत में रात में जागरण करने का विशेष महत्व बताया जाता है। ऐसा करने से आपको महाशिवरात्रि के व्रत का अधिक फल प्राप्त होगा।
Maha Shivratri Vrat Vidhi (महा शिवरात्रि व्रत विधि)
- सर्वप्रथम सवेरे जल्दी उठें और भगवान शिव का ध्यान करें और पृथ्वी को प्रणाम करें।
- शुभ मुहूर्त में भगवान शिव की प्रतिमा को प्रतिष्ठित करें।
- भगवान शिव की प्रतिमा अर्थात शिवलिंग पर पंचामृत अभिषेक करें।
- शिवलिंग को स्वच्छ जल से स्नान करवाकर चंदन का तिलक लगाएं।
- पूजा आराधना, भगवान शिव कथा, शिव पुराण, शिव भजन, शिव चालीसा, भगवान शंकर के दिव्य मंत्र, तथा महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
- संपूर्ण पूजा आराधना संपन्न होने के पश्चात भगवान शिवलिंग के समक्ष व्रत धारण करने का संकल्प लें।
- महाशिवरात्रि व्रत के दौरान सात्विकता का पालन करें और भगवान को भोग लगाने के बाद ही व्रत का पारण करें।
Maha Shivratri ka Vrat Kab Khole (महाशिवरात्रि का व्रत कब खोले)
हिंदू धर्म के दूसरे त्यौहारों पर जहाँ पूजा के बाद भगवान को भोग लगा कर प्रसाद ग्रहण किया जाता है, वहीं शिवरात्रि का व्रत पूरे दिन चलता है और अगले दिन सुबह सूर्योदय के पश्चात ही इसको खोला जाता है।
महाशिवरात्रि व्रत चतुर्दशी तिथि को शुरू होता है एवं अगले दिन प्रातः काल इसको खोला जाता है। वास्तविक विधान यही है कि आपको पूरी चतुर्दशी तिथि का व्रत रखना चाहिए और विशेष रूप से रात्रि के चार प्रहर भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए।
Maha Shivratri ke Vrat me Kya Khana Chahiye (महाशिवरात्रि व्रत में क्या खाना चाहिए)
मान्यता के अनुसार महाशिवरात्रि के समय आप जो भोजन करते हैं उसमें दाल, चावल, गेहूँ और सादे नमक का उपयोग नहीं होना चाहिए। सादे नमक की जगह आप सेंधा नमक का उपयोग कर सकते हैं।
इस व्रत में खाया जाने वाला भोजन इस प्रकार है- कुट्टू के आटे की पूरी, सिंघाड़े के आटे का हलवा, साबूदाने की खिचड़ी, खट्टे फलों को छोड़ कर सभी प्रकारों के फल।
इस दिन विधि-विधान से भगवान का पूजन कर भगवान शिव की आरती अवश्य गाए। इस महाशिवरात्रि आपका व्रत पूरे विधि-विधान के साथ सम्पूर्ण हो और भगवान शिव आप सभी भक्तो की मनोकामना पूरी करें।