September 14, 2025
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Miracle Breathing Technique | सांस का चमत्कार

Miracle Breathing Technique

Miracle Breathing Technique | सांस का चमत्कार: दोस्तो नमस्कार, आज हम आप लोगों को इसी पोस्ट के माध्यम से एक बेहद महत्वपूर्ण सांस का चमत्कार के बारे में बात करेंगे। तो दोस्तों सबसे पहले आइए जानते हैं कैसे हम अपनी सांसों को रोककर अद्धत चमत्कार का अनुभव कर सकते हैं।

साँसों का रहस्य:

ऐसा कहा जाता है कि जो आदमी अपनी सांसों को धीरे धीरे एक मिनट तक रोक ले तो उसको समाधि का अनुभव हो जाएगा तो हम अपनी सांसों को रोककर Universe के बहुत सारे रहस्य जान सकते हैं मजे की बात है कि जो जानवर बहुत तेजी से स्वास लेते हैं कुत्ता हो शेर हो वे जल्दी मर जाते हैं। जो जानवर बहुत धीरे से 10 मिनट में एक बार श्वास लेता और छोड़ता है वो कछुआ 300 साल तक जीता है। तो जो आदमी दिन भर तेजी से श्वास लेता है वे जल्दी मरेगा। इसलिए जितनी आपकी स्वास शांत होगी उतने आपके जीवन में शांति आएगी। धीरे धीरे स्वांसों को शांति में रखने की कोशिश करना। जितनी ज्यादा सांसों को रोकोगे आपका शरीर उतना स्वस्थ होगा।

सांस रोकने के फायदे

समझाने का उद्देश्य यह है कि हमारी प्राण ऊर्जा इतनी शक्तिशाली है अगर हम इसको अपने नियंत्रण में कर ले तो आप मृत्यु पर विजय प्राप्त कर सकते हैअगर हम रोजाना सांस को रोकने का अभ्यास करते हैं तो इसके अद्भुत और चमत्कारी लाभ मिलेंगेहमारी सांस जो 24 घंटे अपने आप बिना रुके बिना थके चलती रहती हैयानी यही वो हमारी प्राण शक्ति जिससे हम जिंदा रहते हैं। तो सांसों को आराम मिलना यानी कि परमात्मा को आराम मिलना। जब आप सांस को रोकोगे तो जो परमात्मा शक्ति हमारे भीतर जागते हैं। यानी आप परमात्मा को आराम देते हो तो उस समय आप जो परमात्मा से मांगोगे वही परमात्मा आपको उतना आशीर्वाद दे देता है

चलिए पाच मिनट के लिए सांस लेंगे छोड़ेंगे मतलब सांस लेंगे रोकेंगे और फिर छोड़ेंगे। सबसे पहली बात यदि हम प्रतिदिन पाच मिनट सांस को रोकने का अभ्यास किया तो आपकी उम्र पाच मिनट बढ़ती चली जाएगी। फिर यह मिनट घंटों में बदल जाएगा और घंटे दिनों में बदल जाएंगे। धीरे-धीरे करके आप सांस को जितना मर्जी रोकोगे उतना ज्यादा आपकी उम्र बढ़ती चली जाएगी। यदि आप लंबी और गहरी सांस लेते हो और सांस को रोकने का अभ्यास करते तोप्रसन्नता मिलती है। इससे आपकी आध्यात्मिक उन्नति के साथ साथ आपकी थकावट, आलस और नींद दूर हो जाती है।

सांस और मन का संबंध

आप ब्रह्म मुहूर्त में उठ के यह सांस लेने और छोड़ेंने का अभ्यास कर लिया करो। आप सीधे बैठ जाइए, गर्दन सीधी, रीड की हड्डी सीधी, सांस भरो, रोको और छोड़ो। नाभि से लंबी लंबी साँस लो, रोके और सांस लंबी छोड़े। जितनी देर सांस रोक सकते हो आप आराम से उतनी देर रोक लो। जब सांस रुकती है, तो महसूस करें और उसे सुनने का प्रयास करो। जब सांस रुकती है, तो उस समय आपके रोम रोम में उस प्राण शक्ति समा जाता है। आपके उन रोम छिद्र में, सब में शक्ति जाती है और अपना अंगअंग में कार्य करती है। ज्यादा फायदा चाहिए तो लगातार हर सांस को लंबा ले, रोके और छोड़े। ऐसे 11 बार अथवा 21 बार सांस को रोकें और छोड़ें। जब लंबी सांस रुकी हुई हो, उस समय महसूस करें कि आपके अंदर में क्या हो रहा है। जब सांस रुक जाती है, तो हमारा सरीर, सब कुछ (Silence) साइलेंस हो जाता है। हमारा शरीर का कोई भी अंग नहीं हिलता है। 

जब मन और प्राण एक हो जाएगी तो समझ लो आत्मा परमात्मा एक हो जायेंगे। तो आपको परमात्मा के दर्शन हो सकते हैं। इस तरह से सांस रोकने से आपको दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति मिल जाती है। आपके रोम रोम में यह प्राण शक्ति जाती है। आपकी समस्त बीमारियों को दूर करती है। अगर आप यह अभ्यास प्रतिदिन करें, तो आपका सांस के साथ साथ आपका मन वहीं पर रुक जाएगा। अब देखो एक मिनट में आप 12 सांस ले र रहे थे अब उस एक मिनट में आपकी चार, ज्यादा से ज्यादा पांच सांस ले रहे होंगे तो हर मिनट में आपकी पांच छह सांसें बच रही हैं

नोट : किसी भी बीमारी का पूर्ण उपचार के लिए सांस रोकेंने और छोड़ेंने का उपाय को प्रयोग से पहले डॉक्टरी सलाह जरूर लें। डॉक्टरी परामर्श पर ही सांस रोकेंने और छोड़ेंने का उपाय को इस्तेमाल किया जाता है।

Disclaimer: Bhakti Bharat Ki / भक्ति भारत की (https://bhaktibharatki.com) वेबसाइट का उद्देश्य किसी की आस्था या भावनाओं को ठेस पहुंचना नहीं है। इस वेबसाइट पर प्रकाशित उपाय, रचना और जानकारी को भिन्न – भिन्न लोगों की मान्यता, जानकारियों के अनुसार और इंटरनेट पर मौजूदा जानकारियों को ध्यान पूर्वक पढ़कर, और शोधन कर लिखा गया है। इस पोस्ट पर दिए गए जानकारी केवल सामान्य ज्ञान और शैक्षिक उद्देश्य के लिए बनाया गया है। यहां यह बताना जरूरी है कि Bhakti Bharat Ki / भक्ति भारत की (https://bhaktibharatki.com) इसमें चर्चा की गई किसी भी तरह जानकारी, मान्यता, सटीकता, पूर्णता या विश्वसनीयता की पूर्ण रूप से गारंटी नहीं देते। सांस का चमत्कार का अर्थ और महत्व को अमल में लाने से पहले कृपया संबंधित योग्य विशेषज्ञ अथवा पंड़ित की सलाह अवश्य लें। सांस का चमत्कार का उच्चारण करना या ना करना आपके विवेक पर निर्भर करता है। इस वेबसाइट पर दी गई जानकारी का उपयोग पूरी तरह से उपयोगकर्ता की अपनी ज़िम्मेदारी पर है। किसी भी प्रकार की हानि, नुकसान, या परिणाम के लिए हम प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जिम्मेदार नहीं होंगे।

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