Miracle Breathing Technique | सांस का चमत्कार: दोस्तो नमस्कार, आज हम आप लोगों को इसी पोस्ट के माध्यम से एक बेहद महत्वपूर्ण सांस का चमत्कार के बारे में बात करेंगे। तो दोस्तों सबसे पहले आइए जानते हैं कैसे हम अपनी सांसों को रोककर अद्धत चमत्कार का अनुभव कर सकते हैं।
साँसों का रहस्य:
ऐसा कहा जाता है कि जो आदमी अपनी सांसों को धीरे धीरे एक मिनट तक रोक ले तो उसको समाधि का अनुभव हो जाता है। तो हम अपनी सांसों को रोककर Universe के बहुत सारे रहस्य जान सकते हैं। मजे की बात है कि जो जानवर बहुत तेजी से स्वास लेते हैं, कुत्ता हो, शेर हो, वे जल्दी मर जाते हैं। जो जानवर बहुत धीरे से, 10 मिनट में एक बार, श्वास लेता और छोड़ता है, वो कछुआ 300 साल तक जीता है। तो जो आदमी दिन भर तेजी से श्वास लेता है, वे जल्दी मरेगा। इसलिए जितनी आपकी स्वास शांत होगी उतने आपके जीवन में शांति आएगी। धीरे धीरे स्वांसों को शांति में रखने की कोशिश करना। जितनी ज्यादा सांसों को रोकोगे आपका शरीर उतना स्वस्थ होगा।
आपको समझाने का उद्देश्य यह है कि हमारी प्राण ऊर्जा इतनी शक्तिशाली है, अगर आप इसको अपने नियंत्रण में कर ले तो, आप मृत्यु पर विजय प्राप्त कर सकते है। अगर आप रोजाना सांस को रोकना और छोड़ेने का अभ्यास सीख जाएं तो आपके जीवन में चमत्कार होने लगते हैं। आपकी सांस जो 24 घंटे अपने आप बिना रुके, बिना थके चलती रहती है। यही वो प्राण शक्ति जो आपको जिंदा रखती हैं। जब आप सांस को रोकोगे तो, जो परमात्मा शक्ति हमारे भीतर जागते हैं। यानी आप परमात्मा को आराम देते हैं। तो सांसों को आराम मिलना यानी कि परमात्मा को आराम मिलना। तो उस समय आप जो परमात्मा से मांगोगे वही परमात्मा आपको उतना आशीर्वाद देता है। सोचिए सांस के जो ऐसी विधि आपकी ऊर्जा को ब्रह्मांड से जोड़ देते है। आपकी भीतर की अराजकता को गहन शांति में बदल देते है। वह सिर्फ ज्ञान नहीं, वह एक अनुभव है। शायद आपके जीवन की सबसे बड़ी खोज हैं।
100 साल स्वस्थ रहने का राज़
चलिए पाच मिनट के लिए सांस लेंगे छोड़ेंगे, मतलब सांस लेंगे, रोकेंगे और फिर छोड़ेंगे। सबसे पहली बात, यदि आप प्रतिदिन पाच मिनट सांस को रोकने का अभ्यास किया तो आपकी उम्र पाच मिनट बढ़ती चली जाएगी। हर सांस को लंबा ले, रोके और छोड़े, ऐसे 11 बार अथवा 21 बार सांस को रोकें और छोड़ें। देखा जाए तो जब सांस रुकती है तो, एक मिनट में आप 12 सांस ले र रहे हैं। अब एक मिनट में ज्यादा से ज्यादा चार या पांच सांस ले रहे होंगे। तो हर मिनट में आपकी पांच छह सांसें बच रही हैं। यदि इसी तरह हमारी सांस रुक जाएगी, तो पाच मिनट बढ़ती चली जाएगी। फिर यह मिनट घंटों में बदल जाएगा और घंटे दिनों में बदल जाएंगे। इसी तरह निरंतर अभ्यास आपको सौ वर्ष की आयु प्रदान करता है। धीरे-धीरे करके आप सांस को जितना मर्जी रोकोगे उतना ज्यादा आपकी उम्र बढ़ती चली जाएगी। यदि आप लंबी, गहरी सांस लेते हो और सांस को रोकने का अभ्यास करते हो, तो आपको प्रसन्नता साथ साथ, आपकी आध्यात्मिक उन्नति, थकावट, आलस दूर हो जाती है।
सांस और मन का संबंध
आप ब्रह्म मुहूर्त में उठ के यह सांस लेने और छोड़ेंने का अभ्यास कर सकते हैं। सबसे पहले आप सीधे बैठ जाइए। गर्दन सीधी, रीड की हड्डी सीधी, नाभि से लंबी गहरी सांस भरो, रोको और लंबी सांस छोड़े। जितनी देर सांस रोक सकते हो आप आराम से उतनी देर रोक ले। हमारे शरीर के केंद्र में स्थित नाभि सिर्फ एक शारीरिक बिंदु नहीं बल्कि एक ऊर्जा द्वार है। जहां से चेतना का उदय और विलय होता है। जब सांस रुकती है तो, महसूस करें और उसे सुनने का प्रयास करें। उस समय आपके रोम रोम में उस प्राण शक्ति समा जाता है। आपके उन रोम के छिद्र में शक्ति जाती है और अंग अंग में कार्य करती है। उस समय आपके अंदर में क्या हो रहा है महसूस करें। जब सांस रुक जाती है, तो हमारा सरीर, सब कुछ साइलेंस (Silence) हो जाता है। हमारा शरीर का कोई भी अंग नहीं हिलता है। जब मन और प्राण एक हो जायेंगे, तो समझ लो आत्मा परमात्मा एक हो गए हैं। इस तरह से सांस रोकने से आपको दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति, परमात्मा के दर्शन मिल सकते हैं। आपके रोम रोम में यह प्राण शक्ति, आपकी समस्त बीमारियों को ठीक करने में मदद करेगा। अगर आप यह अभ्यास प्रतिदिन करें, तो आपका सांस के साथ साथ आपका मन वहीं पर रुक जाएगा। धीरे-धीरे यह शक्तिशाली सांसों का महाप्रयोग सदा हमारे आने वाले भविष्य को बीमारियों से रोगमुक्त रखेगा।
नोट: किसी भी बीमारी का पूर्ण उपचार के लिए सांस लेने, रोकेंने और छोड़ेंने का उपाय को प्रयोग से पहले डॉक्टरी सलाह जरूर लें। डॉक्टरी परामर्श पर ही सांस लेने, रोकेंने और छोड़ेंने का उपाय को इस्तेमाल किया जाता है।
धान दे: जिसको हार्ट के प्रॉब्लम है, ब्रेथ की प्रॉब्लम है, जिनको हाई बीपी है, प्रेग्नेंट लेडीज है, वो लोग सांस लेने, रोकेंने और छोड़ेंने का उपाय नहीं करना चाहिए।
संपर्क करे: ऐसे देखा जाए तो हम कोई संत, पंडित, स्वास्थ्य सलाहकार अथवा विशेषज्ञ नहीं है। लेकिन परमात्मा का जो ज्ञान हमें मिला है, उसी के आधार पर हम आपको बता सकते हैं। सांस लेने, रोकेंने और छोड़ेंने का जो उच्चतम सोपान है, उसका अभ्यास नाम के साथ किया जा सकता है।
Disclaimer: Bhakti Bharat Ki / भक्ति भारत की (https://bhaktibharatki.com) वेबसाइट का उद्देश्य किसी की आस्था या भावनाओं को ठेस पहुंचना नहीं है। इस वेबसाइट पर प्रकाशित उपाय, रचना और जानकारी को भिन्न – भिन्न लोगों की मान्यता, जानकारियों के अनुसार और इंटरनेट पर मौजूदा जानकारियों को ध्यान पूर्वक पढ़कर, और शोधन कर लिखा गया है। इस पोस्ट पर दिए गए जानकारी केवल सामान्य ज्ञान और शैक्षिक उद्देश्य के लिए बनाया गया है। यहां यह बताना जरूरी है कि Bhakti Bharat Ki / भक्ति भारत की (https://bhaktibharatki.com) इसमें चर्चा की गई किसी भी तरह जानकारी, मान्यता, सटीकता, पूर्णता या विश्वसनीयता की पूर्ण रूप से गारंटी नहीं देते। सांस का चमत्कार का अर्थ और महत्व को अमल में लाने से पहले कृपया संबंधित योग्य विशेषज्ञ अथवा पंड़ित की सलाह अवश्य लें। सांस का चमत्कार का उच्चारण करना या ना करना आपके विवेक पर निर्भर करता है। इस वेबसाइट पर दी गई जानकारी का उपयोग पूरी तरह से उपयोगकर्ता की अपनी ज़िम्मेदारी पर है। किसी भी प्रकार की हानि, नुकसान, या परिणाम के लिए हम प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जिम्मेदार नहीं होंगे।